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राजनांदगांव में ब्लैक फंगस से पहली मौत, किसान की गई जान - ब्लैक फंगस नोटिफिएबल डिसीज घोषित

राजनांदगांव के ग्राम बुंदेली कला में एक किसान की मौत ब्लैक फंगस संक्रमण से हुई है ( death due to black fungus). राजनांदगांव में म्यूकोरमाइकोसिस संक्रमण (Mucoramycosis infection)से पहली मौत दर्ज की गई है. किसान का इलाज एम्स अस्पताल में चल रहा था.

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ब्लैक फंगस से किसान की गई जान
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Published : May 26, 2021, 5:18 PM IST

राजनांदगांव: जिले में ब्लैक फंगस संक्रमण से पहली मौत (Death from black fungus) हुई है. शहर से महज 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम बुंदेली कला में रहने वाले एक व्यक्ति की मौत ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस संक्रमण) से होने की पुष्टि हुई है. जिले का यह पहला मामला है जिसमें एक किसान की मौत इस बीमारी से हुई है.

निमोनिया और शुगर के बाद ब्लैक फंगस से हुआ संक्रमित

व्यक्ति गांव में खेती किसानी का काम करता था. अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई थी जिसके बाद उसे राजनांदगांव के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था. उसे निमोनिया और शुगर बढ़ने की शिकायत थी. जिसका इलाज किया जा रहा था. इलाज के बावजूद उसमें कोई सुधार नहीं हो पा रहा था. इलाज के दौरान ही उसके एक आंख में सूजन और दर्द की परेशानी भी हुई. जिसके बाद परिजन उसे राजनांदगांव के नेत्र विशेषज्ञ के पास परीक्षण के लिए ले गए. जहां नेत्र विशेषज्ञ ने ब्लैक फंगस की आशंका को देखते हुए उसे रायपुर एम्स में भर्ती होने की सलाह दी.

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस नोटिफिएबल डिसीज घोषित, राज्य सरकार ने जारी की गाइडलाइंस

मरीज ने एम्स में तोड़ा दम

परिजनों ने पीड़ित को रायपुर के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने भी ब्लैक फंगस पोस्ट कोविड-की वजह से और शुगर बढ़ने की पुष्टि की. डॉक्टरों ने व्यक्ति का इलाज भी शुरू कर दिया था. 2 दिन तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद एम्स में वह बीमारी से जिंदगी की जंग हार गया.

ब्लैक फंगस पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

अटल बिहारी बाजपेई मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और एचओडी ईएनटी डिपार्टमेंट डॉ. आरएस गौर ब्लैक फंगस को लेकर कहते हैं कि, यह एक फंगल संक्रमण है. उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं. जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. कोविड के पहले और कोविड के बाद शुगर और अन्य बीमारियों से ग्रसित होने पर बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. शुगर लेवल का ध्यान रखना आवश्यक है. ब्लैक फंगस से डरने की आवश्यकता नहीं है. यह हवा से नहीं फैलता है. कोरोना ठीक होने के बाद भी अपने शुगर लेवल का बराबर ध्यान रखना आवश्यक है. लोगों को गंदा मास्क नहीं पहनना चाहिए मास्क को हमेशा धोना चाहिए या ऐसा मास्क पहनना चाहिए जिसे प्रतिदिन डिस्पोज कर सकें.

ब्लैक फंगस नोटिफिएबल डिसीज घोषित

छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में ब्लैक फंगस (Mucormycosis) को नोटिफिएबल डिसीज घोषित किया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने आज इस संबंध में अधिसूचना जारी की है. इसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (शासकीय और निजी) को ब्लैक फंगस (Mucormycosis) को लेकर गाइडलाइंस का पालन करना होगा. इसमें मरीजों की स्क्रीनिंग, पहचान, प्रबंधन के संबंध में राज्य शासन, ICMR और भारत सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा.

राजनांदगांव: जिले में ब्लैक फंगस संक्रमण से पहली मौत (Death from black fungus) हुई है. शहर से महज 16 किलोमीटर की दूरी पर स्थित ग्राम बुंदेली कला में रहने वाले एक व्यक्ति की मौत ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस संक्रमण) से होने की पुष्टि हुई है. जिले का यह पहला मामला है जिसमें एक किसान की मौत इस बीमारी से हुई है.

निमोनिया और शुगर के बाद ब्लैक फंगस से हुआ संक्रमित

व्यक्ति गांव में खेती किसानी का काम करता था. अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई थी जिसके बाद उसे राजनांदगांव के एक निजी अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती किया गया था. उसे निमोनिया और शुगर बढ़ने की शिकायत थी. जिसका इलाज किया जा रहा था. इलाज के बावजूद उसमें कोई सुधार नहीं हो पा रहा था. इलाज के दौरान ही उसके एक आंख में सूजन और दर्द की परेशानी भी हुई. जिसके बाद परिजन उसे राजनांदगांव के नेत्र विशेषज्ञ के पास परीक्षण के लिए ले गए. जहां नेत्र विशेषज्ञ ने ब्लैक फंगस की आशंका को देखते हुए उसे रायपुर एम्स में भर्ती होने की सलाह दी.

छत्तीसगढ़ में ब्लैक फंगस नोटिफिएबल डिसीज घोषित, राज्य सरकार ने जारी की गाइडलाइंस

मरीज ने एम्स में तोड़ा दम

परिजनों ने पीड़ित को रायपुर के एम्स अस्पताल में भर्ती कराया. जहां डॉक्टरों ने भी ब्लैक फंगस पोस्ट कोविड-की वजह से और शुगर बढ़ने की पुष्टि की. डॉक्टरों ने व्यक्ति का इलाज भी शुरू कर दिया था. 2 दिन तक जिंदगी की जंग लड़ने के बाद एम्स में वह बीमारी से जिंदगी की जंग हार गया.

ब्लैक फंगस पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

अटल बिहारी बाजपेई मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर और एचओडी ईएनटी डिपार्टमेंट डॉ. आरएस गौर ब्लैक फंगस को लेकर कहते हैं कि, यह एक फंगल संक्रमण है. उन लोगों को ज्यादा प्रभावित करता है जो दूसरी स्वास्थ्य की समस्याओं से ग्रसित रहते हैं. जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है. कोविड के पहले और कोविड के बाद शुगर और अन्य बीमारियों से ग्रसित होने पर बहुत सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है. शुगर लेवल का ध्यान रखना आवश्यक है. ब्लैक फंगस से डरने की आवश्यकता नहीं है. यह हवा से नहीं फैलता है. कोरोना ठीक होने के बाद भी अपने शुगर लेवल का बराबर ध्यान रखना आवश्यक है. लोगों को गंदा मास्क नहीं पहनना चाहिए मास्क को हमेशा धोना चाहिए या ऐसा मास्क पहनना चाहिए जिसे प्रतिदिन डिस्पोज कर सकें.

ब्लैक फंगस नोटिफिएबल डिसीज घोषित

छत्तीसगढ़ शासन ने राज्य में ब्लैक फंगस (Mucormycosis) को नोटिफिएबल डिसीज घोषित किया गया है. स्वास्थ्य विभाग ने आज इस संबंध में अधिसूचना जारी की है. इसके तहत छत्तीसगढ़ राज्य के सभी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं (शासकीय और निजी) को ब्लैक फंगस (Mucormycosis) को लेकर गाइडलाइंस का पालन करना होगा. इसमें मरीजों की स्क्रीनिंग, पहचान, प्रबंधन के संबंध में राज्य शासन, ICMR और भारत सरकार के निर्देशों का पालन करना होगा.

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