राजनांदगांव/डोंगरगांव: क्षेत्र में खरीफ सीजन में धान की बुवाई अंतिम चरण में पहुंच गई है. लेकिन किसानों को लोन के लिए अबतक बैंक के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. अमलीडीह, आरी, कोनारी, करियाटोला सहित अन्य गांव के किसानों ने बताया कि हर साल KCC (किसान क्रेडिट कार्ड) के जरिए से लोन लेकर कृषि का कार्य करते आ रहे हैं, लेकिन इस सीजन में बैंक ने अबतक लोन की रकम नहीं दी है.
इसकी वजह से किसानों को कृषि कार्य के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है. बैंक में राशि के संबंध में पहुंचे किसानों ने बताया कि पिछले कई दिनों से बैंक के चक्कर काट रहे हैं. इधर बैंक अधिकारी चेक नहीं बनने की बात कहते हुए बाहर का रास्ता दिखा देते हैं. उन्होंने बताया कि 'हमें कई बार बैंक बुलाया जाता है, जिससे पैसा और समय दोनों बर्बाद होता है'. किसान ने बताया कि लोन नहीं मिलने से काम समय पर नहीं हो रहा है. जिससे उन्हें साहूकारों की शरण में जाना पड़ रहा है'.
पढ़ें- चौबे के 'किसान सम्मान निधि' वाले बयान पर बीजेपी का तंज
घर चलाने में होती है दिक्कत
क्षेत्र में इन दिनों धान की बुवाई, रोपाई सहित अन्य कृषि कार्य जोरों पर हैं. इनमें खाद, बीज, उपकरण, ट्रैक्टर और अन्य संसाधनों के लिए रकम की आवश्यकता पड़ती है. किसानों ने बताया कि जेबें खाली हो जाती है, जिससे उन्हें घर चलाने में परेशानी होती है.
बैंक के सामने करना पड़ता है घंटों इंतजार
डोंगरगांव और छुरिया क्षेत्र के विभिन्न सेवा सहकारी समितियों के सदस्य हैं, जिन्हें लेन-देन के लिए डोंगरगांव के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पर आश्रित हैं. ऐसे में बैंक में चौतरफा भीड़ जमा होने से केसीसी केस सहित सामन्य लेन-देन के लिए भी घंटों इंतजार करना पड़ता है.
बैंक के सामने उड़ी सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
किसानों ने बताया कि बैंक के सामने इतनी भीड़ होने से कोरोना का भी डर बना हुआ है. किसानों ने बताया कि न ही बैंक के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है न ही बैंक में सैनिटाइजर का इंतजाम है.