राजनांदगांव: पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के निजी सचिव रहे ओपी गुप्ता पर यौन शोषण का आरोप लगाने वाली नाबालिग छात्रा के परिजन अचानक गायब हो गए हैं. पीड़िता के चाचा ने परिजनों को गायब करने का आरोप लगाया है. बता दें कि 20 मार्च को पीड़िता की कोर्ट में गवाही होनी है.
कुछ दिन पहले पीड़िता का बयान लेने के लिए उन्हें राजनांदगांव बुलाया गया था, लेकिन 4 मार्च से पीड़िता और उसके माता-पिता दोनों के ही अचानक लापता होने का आरोप रिश्तेदारों ने लगाया है. पीड़िता के रिश्तेदारों ने एसपी से लिखित शिकायत करते हुए इस मामले में जांच की मांग की है.
ओपी गुप्ता के घर पर रहती थी लड़की
दरअसल किशोरी को उसके पिता पढ़ाई के लिए 2016 में ओपी गुप्ता के रायपुर के सरकारी आवास पर छोड़ गए थे. यहां छात्रा पढ़ाई के साथ घरेलू काम किया करती थी. तब पीड़िता 8वीं में पढ़ती थी. परिजनों का आरोप है कि 2016 से दिसंबर 2019 के बीच पीड़िता का कई बार शारीरिक शोषण किया गया.
एनजीओ के जरिए की मामले की शिकायत
परिजनों के मुताबिक विरोध करने पर आरोपी ने पीड़िता को जान से मारने की धमकी भी दी. छात्रा ने अपनी आपबीती परिजनों को बताई. इसके बाद एक एनजीओ के जरिए इस मामले में शिकायत दर्ज कराई गई. पुलिस की जांच में दुष्कर्म के सबूत मिले और ओपी गुप्ता को गिरफ्तार किया गया. इसके बाद पीड़िता का बयान लेने राजनांदगांव बुलाया गया था. जहां से पीड़िता और उसके माता-पिता अब तक लापता हैं. इस मामले का खुलासा पीड़िता के रिश्तेदारों ने एक पत्रकार वार्ता के जरिए किया है.
बयान वापस लेने का दबाव
पीड़िता के भाई ने ओपी गुप्ता पर पीड़िता और उसके माता-पिता को षडयंत्रपूर्वक अगवा करवाने का आरोप लगाया है. पीड़िता के भाई ने कहा है कि हमें डरा-धमकाकर बयान वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है, हालांकि इस मामले में अभी ओपी गुप्ता का पक्ष हमें नहीं मिला है.