ETV Bharat / state

राजनांदगांव: 25 किलोमीटर दूर से इलाज कराने आए मरीज, नहीं मिले डॉक्टर

शहर के डॉक्टरों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर अपना विरोध जताया है और प्रशासन से वर्कप्लेस में सुरक्षा की मांग की है.

विरोध करते डॉक्टर्स.
author img

By

Published : Jun 17, 2019, 4:32 PM IST

Updated : Jun 17, 2019, 4:58 PM IST

राजनांदगांव: देशव्यापी डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल हैं. अस्पताल में दर्द से कराहते हुए मरीज डॉक्टरों को ढूंढते नजर आ रहे हैं. लेकिन हड़ताल के चलते उन्हें डॉक्टर कोई भी डॉक्टर OPD में नहीं मिल रहा. अटल बिहारी बाजपेयी मेडिकल कॉलेज में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है. वहीं इस हड़ताल ने तो अब मरीजों को परेशान कर रखा है. शहर के डॉक्टरों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर अपना विरोध जताया है और प्रशासन से वर्कप्लेस में सुरक्षा की मांग की है.

न्यूज स्टोरी.

शहर में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर हड़ताल में शामिल हो गए हैं. इसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो चुकी हैं. ज्यादातर इमरजेंसी सेवाओं के लिए मरीजों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल की शरण ली है. लेकिन, यहां पर भी डॉक्टरों की संख्या कम होने के चलते मरीजों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं हो पाया इलाज
डोंगरगांव से पहुंचे दसरू राम ने बताया कि वे यहां कान के इलाज के लिए यहां पहुंचे हैं. तकरीबन 25 किलोमीटर सफर करने के बाद वे यहां 5 घंटे से इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई भी उन्हें डॉक्टर यहां मौजूद नहीं है.

डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए लागू हो कानून
डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर दीक्षित का कहना है कि बंगाल में डॉक्टरों के साथ जो घटना हुई है वह काफी निंदनीय है. वे डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे. जो मरीज भर्ती कराया गया था वह काफी गंभीर था. डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बावजूद मरीज की मौत हो गई. इसके बाद डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के पूरे देश के डॉक्टर आहत हैं. हम अपनी वर्कप्लेस में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.

राजनांदगांव: देशव्यापी डॉक्टरों की हड़ताल से मरीज बेहाल हैं. अस्पताल में दर्द से कराहते हुए मरीज डॉक्टरों को ढूंढते नजर आ रहे हैं. लेकिन हड़ताल के चलते उन्हें डॉक्टर कोई भी डॉक्टर OPD में नहीं मिल रहा. अटल बिहारी बाजपेयी मेडिकल कॉलेज में पहले से ही डॉक्टरों की कमी है. वहीं इस हड़ताल ने तो अब मरीजों को परेशान कर रखा है. शहर के डॉक्टरों ने कलेक्ट्रेट पहुंच कर अपना विरोध जताया है और प्रशासन से वर्कप्लेस में सुरक्षा की मांग की है.

न्यूज स्टोरी.

शहर में इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर बाकी सभी सरकारी और प्राइवेट डॉक्टर हड़ताल में शामिल हो गए हैं. इसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप हो चुकी हैं. ज्यादातर इमरजेंसी सेवाओं के लिए मरीजों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल की शरण ली है. लेकिन, यहां पर भी डॉक्टरों की संख्या कम होने के चलते मरीजों को तकलीफों का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं हो पाया इलाज
डोंगरगांव से पहुंचे दसरू राम ने बताया कि वे यहां कान के इलाज के लिए यहां पहुंचे हैं. तकरीबन 25 किलोमीटर सफर करने के बाद वे यहां 5 घंटे से इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई भी उन्हें डॉक्टर यहां मौजूद नहीं है.

डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए लागू हो कानून
डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर दीक्षित का कहना है कि बंगाल में डॉक्टरों के साथ जो घटना हुई है वह काफी निंदनीय है. वे डॉक्टर मरीजों का इलाज कर रहे थे. जो मरीज भर्ती कराया गया था वह काफी गंभीर था. डॉक्टरों की पूरी कोशिश के बावजूद मरीज की मौत हो गई. इसके बाद डॉक्टरों के साथ हुई मारपीट के पूरे देश के डॉक्टर आहत हैं. हम अपनी वर्कप्लेस में सुरक्षा की मांग कर रहे हैं.

Intro:राजनांदगांव देशव्यापी डॉक्टरों की हड़ताल ने मरीजों को सोमवार को बेहाल कर दिया दर्द से कराते मरीज लगातार डॉक्टरों को ढूंढते रहे लेकिन हड़ताल के चलते उन्हें डॉक्टर नहीं मिला अटल बिहारी बाजपेयी मेडिकल कॉलेज में जहां डॉक्टरों की कमी है बावजूद इसके हड़ताल में शामिल होने के बाद मरीजों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा वहीं दूसरी ओर डॉक्टर एकजुट होकर कलेक्टोरेट पहुंचकर प्रदर्शन किया यहां उन्होंने डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए एक्ट बनाने की मांग रखी है.


Body:शहर में सोमवार को मरीजों को काफी बुरा हाल रहा केवल इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर शहर के प्राइवेट डॉक्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए इसके चलते स्वास्थ्य सेवाएं लगभग ठप रही. ज्यादातर इमरजेंसी सेवाओं के लिए मरीजों ने मेडिकल कॉलेज अस्पताल की शरण ली है लेकिन यहां पर भी डॉक्टरों की संख्या कम होने के चलते मरीजों को तकलीफों का सामना करना पड़ा है.
नहीं हो पाया इलाज
मेडल कॉलेज में पहुंचने वाले मरीजों का इलाज समय पर नहीं हो पाया डोंगरगांव से पहुंचे दसरू राम ने बताया कि यह भी कान के इलाज के लिए यहां पहुंचे हैं तकरीबन 25 किलोमीटर सफर करने के बाद वे यहां 5 घंटे से इंतजार कर रहे हैं लेकिन कोई भी उन्हें डॉक्टर कहां मिलेगा इलाज कैसे होगा इस संबंध में जानकारी नहीं दे पा रहा है इसके चलते हुए काफी परेशान है.


Conclusion:डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए लागू हो कानून
डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर दीक्षित का कहना है कि बंगाल में डॉक्टरों के साथ जो घटना हुई है वह काफी निंदनीय है वे डॉक्टर मरीजों के इलाज कर रहे थे जो मरीज भर्ती कराया गया था वह काफी गंभीर था ऐसे में डॉक्टर अपना पूरा प्रयास कर रहे थे इस बीच मारपीट की घटना होने से आगे डॉक्टर का इलाज नहीं कर पाएंगे यह सही नहीं है देशभर में डॉक्टरों के लिए सुरक्षा कानून लागू किया जाना चाहिए और अगर सरकार ऐसा नहीं करती तो वे आंदोलन का रुख अपनाएंगे.
Last Updated : Jun 17, 2019, 4:58 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.