राजनांदगांव: जिले में धान खरीदी तेजी से हो रही है,सरकार की ओर से किसानों से धान लिया जा रहा है. धान खरीदी केंद्रों पर किसानों की भीड़ है. किसान धान लेकर केंद्र तक पहुंच रहे हैं. इस प्रक्रिया में अब एक नया सिस्टम जिले में लागू कर दिया गया है.
बायोमेट्रिक है जरूरी: धान खरीदी में भ्रष्टाचार को रोकने के मकसद से नई पहल की गई है. बायोमेट्रिक सिस्टम या कहें की बायोमेट्रिक मशीन का उपयोग अब धान खरीदी में जिले में अनिवार्य कर दिया गया है.ये प्रक्रिया इसलिए भी जरूरी कर दिया गया है.जिससे की सही किसान की पहचान हो सके.
कैसे होता है बायोमेट्रिक: राजनांदगांव में धान खरीदी केंद्रों पर किसान भारी संख्या में आते हैं. थंब से बायोमेट्रिक होता है. या फिर आंख से भी बायोमेट्रिक किया जाता है. अब किसानों को इस प्रक्रिया से गुजरना ही होगा. राजनांदगांव में सोमवार से ये जरूरी कर दिया गया है. इस सिस्टम के तहत कोई दूसरा व्यक्ति उस किसान के पर्चे में वहां धान नहीं बेच पाएगा.इससे सही किसान की पहचान होगी.वह टोकन लेकर अपना धान समर्थन मूल्य पर धान खरीदी केंद्र में बेच सकेगा.
राजनांदगांव में धान की बंपर बिक्री: जिले में 96 धान खरीदी केंद्र बनाए गए हैं. अब तक 23 हजार से ज्यादा किसानों ने धान बेचा है.करीब 5 लाख क्विंटल से ज्यादा धान की बिक्री हो चुकी है. इस सिस्टम के बिना धान खरीदी संभव नहीं होगी.इससे पहले बायोमेट्रिक मशीन के बिना ही धान की खरीदी हो रही थी.
छत्तीसगढ़ में धान तिहार: 1 नवंबर से धान की खरीदी हो रही है. दीपावली के चलते इसकी रफ्तार धीमी हो गई थी. अब त्योहार खत्म हो गये हैं. तो एक बार फिर से धान खरीदी ने तेजी पकड़ी है. अब बायोमेट्रिक सिस्टम के लागू हो जाने से किसानों की पहचान करने में समस्या नहीं हो रही है.