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राजनांदगांव: देवउठनी एकादशी से पहले बाजार हुए गुलजार

देवउठनी ग्यारस से एक दिन पहले बाजार में रौनक देखने को मिली.

देवउठनी एकादशी का बाजार
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Published : Nov 7, 2019, 10:40 PM IST

Updated : Nov 7, 2019, 10:55 PM IST

राजनांदगांव : छोटी दिवाली के रूप में मनाई जाने वाली देवउठनी एकादशी शुक्रवार को पूरे क्षेत्र में धूमधाम से मनाई जाएगी. देवउठनी को लेकर गुरुवार को बाजार में रौनक रही.

देवउठनी को लेकर बाजार में रौनक

दीपावली के बाद से बाजार में सन्नाटा पसर गया था, लेकिन छोटी दिवाली के एक दिन पहले बाजार में दिनभर चहल-पहल रही. त्योहार के लिए सराफा बाजार सज चुके हैं. वहीं इस साल एकादशी पर व्यापारियों को अच्छी बिक्री की उम्मीद है. इसी के साथ कार्तिक शुक्ल के ग्यारस को मनाए जाने वाले पर्व के साथ ही विवाह संबंधी मांगलिक मुहूर्त शुरू हो जाते हैं.

हिन्दू धर्म की मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देव शयन के बाद सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाते हैं, जो देवउठनी एकादशी के साथ पुनः प्रारंभ हो जाता हैं.

शहर पहुंची गन्ने की खेप
शास्त्रों के मुताबिक देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालिग राम रूप का विवाह माता तुलसी के साथ गन्ने का मंडप बनाकर किया जाता है. इसके लिए शहर में गन्ने की खेप पहुंच चुकी है. वहीं गुरुवार को गन्ने की जमकर बिक्री भी होती रही.

पढ़ें- भाई बना 'कंस', बहन को बनाया बंधक

पूजन सामग्री से पटा बाजार
तुलसी विवाह को लेकर बाजार में पूजन सामाग्रियों की दुकानें भी सज चुकी हैं. वहीं पूजा में उपयोग में आने वाली विभिन्न सामग्रियों की खरीदी पूरे दिन बाजार में चलती रही.

राजनांदगांव : छोटी दिवाली के रूप में मनाई जाने वाली देवउठनी एकादशी शुक्रवार को पूरे क्षेत्र में धूमधाम से मनाई जाएगी. देवउठनी को लेकर गुरुवार को बाजार में रौनक रही.

देवउठनी को लेकर बाजार में रौनक

दीपावली के बाद से बाजार में सन्नाटा पसर गया था, लेकिन छोटी दिवाली के एक दिन पहले बाजार में दिनभर चहल-पहल रही. त्योहार के लिए सराफा बाजार सज चुके हैं. वहीं इस साल एकादशी पर व्यापारियों को अच्छी बिक्री की उम्मीद है. इसी के साथ कार्तिक शुक्ल के ग्यारस को मनाए जाने वाले पर्व के साथ ही विवाह संबंधी मांगलिक मुहूर्त शुरू हो जाते हैं.

हिन्दू धर्म की मान्यता है कि आषाढ़ शुक्ल एकादशी के दिन देव शयन के बाद सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाते हैं, जो देवउठनी एकादशी के साथ पुनः प्रारंभ हो जाता हैं.

शहर पहुंची गन्ने की खेप
शास्त्रों के मुताबिक देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालिग राम रूप का विवाह माता तुलसी के साथ गन्ने का मंडप बनाकर किया जाता है. इसके लिए शहर में गन्ने की खेप पहुंच चुकी है. वहीं गुरुवार को गन्ने की जमकर बिक्री भी होती रही.

पढ़ें- भाई बना 'कंस', बहन को बनाया बंधक

पूजन सामग्री से पटा बाजार
तुलसी विवाह को लेकर बाजार में पूजन सामाग्रियों की दुकानें भी सज चुकी हैं. वहीं पूजा में उपयोग में आने वाली विभिन्न सामग्रियों की खरीदी पूरे दिन बाजार में चलती रही.

Intro:राजनांदगांव। छोटी दिवाली के रूप में माने जाने वाली देवउठनी एकादशी शुक्रवार को शहर सहित पूरे क्षेत्र में धूमधाम से मनाई जाएगी। देवउठनी पर्व को लेकर गुरूवार को बाजार में खरीददारों की जमकर रौनक रही। यहीं वह है कि दीपावली के बाद से सन्नाटा पसरे बाजार में छोटी दिवाली को लेकर दिनभर चहल-पहल रही। छोटी दिवाली के लिए सराफा बाजार सज चुका है। देवउठनी के एक दिन पहले बाजार में रौनक दिखी। व्यापारियों को देवउठनी एकादशी पर अच्छी बिकवाली की उम्मीद है। इसी के साथ कार्तिक शुक्ल के ग्यारस को मनाए जाने वाले पर्व के साथ ही विवाह संबंधी मांगलिक मुहूर्त प्रारंभ हो जाते है। हिन्दू धर्म की मान्यता है कि आषाढ शुक्ल एकादशी के दिन देव शयन के बाद सभी मांगलिक कार्यों पर विराम लग जाते हैं, जो देवउठनी एकादशी के साथ पुनः प्रारंभ हो
जाएगा।

Body:00 शहर पहुंची गन्ने की खेप

शास्त्रों के मुताबिक देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के शालीग्राम रूप का विवाह माता तुलसी के साथ गन्ने का मंडप बनाकर किया जाता है। इसके लिए शहर में गन्ने की खेप पहुंच चुकी है। वही गुरूवार को गन्ने की जमकर बिक्री भी होती रही। साथ ही इस पर्व की तैयारी को लेकर बाजार में जोरदार भीड़ रही। हालांकि एक दिन पहले गन्नें की बिक्री कम मात्रा में हुई। ऐसा माना जा रहा है कि शुक्रवार को गन्ने की बिक्री जोर पकड़ेगी। वही गन्नें की कीमतों में बढ़ोत्तरी हो सकती है।

Conclusion:पूजन सामग्री से सजा बाजार

तुलसी विवाह को लेकर बाजार में पूजन सामाग्रियों से सज चुका है। वही पूजा में होने उपयोग आने वाले विभिन्न सामग्रियों की खरीदी पूरे दिन बाजार में चलती रही। साथ ही देउठनी एकादशी पर्व को शहर सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भी जोरदार उत्साह है।
Last Updated : Nov 7, 2019, 10:55 PM IST
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