राजनांदगांव : जाति प्रमाण पत्र बनाने में सरलीकरण की मांग को लेकर छत्तीसगढ़ जाति प्रमाण पत्र संघर्ष समिति ने राजनांदगांव शहर के महावीर चौक में एक दिवसीय धरना प्रदर्शन (Demonstration to remove caste proof discrepancy in Rajnandgaon) किया. मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा है. धरना प्रदर्शन के दौरान वक्ताओं ने कहा कि " जाति प्रमाण पत्र न बनने से आरक्षण सही से कई संस्थाओं में बच्चे प्रवेश से वंचित हो रहे हैं,वहीं शासन की योजनाओं का लाभ नहीं मिल रहा है. जिसे लेकर आज धरना प्रदर्शन किया गया.''
क्यों किया धरना प्रदर्शन : जाति प्रमाण पत्र बनाने में आ रही समस्याओं के समाधान और सरलीकरण की मांग को लेकर राजनांदगांव शहर में छत्तीसगढ़ जाति प्रमाणपत्र संघर्ष मोर्चा समिति (Chhattisgarh Caste Certificate Sangharsh Morcha) सहित अनूसूचित जाति, जनजाति के लोगों ने एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. इस दौरान राज्य सरकार के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपकर जाति प्रमाण पत्र बनाने के लिए सरलीकरण करण की मांग की है.
क्या है आंदोलनकारियों की मांग : आन्दोलनकारियों का कहना है कि ''जाति प्रमाणित करने के लिए सन 1950 के निवास की बाध्यता एवं जाति में उल्लेखित मात्रात्मक त्रुटि के कारण जाति प्रमाण पत्र नहीं बना पा रहे हैं. जाति प्रमाण पत्र के अभाव में आरक्षण,शैक्षणिक संस्थाओं में प्रवेश सहित शासन की योजनाओं का लाभ नही मिल पा रहा है. इसी तरह जाति प्रमाण पत्र के अभाव में अनूसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम (SCST Atrocities Prevention Act) के तहत पंजीकृत प्रकरणों में उचित कानूनी कार्यवाही एवं मुआवजा राशि से वंचित होना पड़ रहा है.
जाति प्रमाण पत्र का हो सरलीकरण : एसटीएससी फेडरेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष (National President of STSC Federation) सुनील रामटेके ने बताया कि ''जाति प्रमाण पत्र की विसंगतियों के समाधान और इसके बनाने के लिए सरली करण की मांग को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया है.प्रदेश सरकार ने जाति प्रमाण पत्र में सरलीकरण की बात कही है. लेकिन उसका क्रियान्वयन नहीं हो पा रहा है''अपने प्रदर्शन के दौरान संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि "'राज्य में 20 वर्ष से निवास करने वालों का जाति प्रमाण पत्र जारी किया जाए. इसी तरह सीपी बरार से संबंधित जिनके पूर्वज हैं,जिन्होंने राज्य सरकार में अपनी सेवाएं दी हैं. उनके बच्चों का समाज प्रमुखों द्वारा प्रमाणित दस्तावेजों को आधार मानकर स्थायी जाति प्रमाण पत्र बनाया जाए.इस धरना प्रदर्शन में बड़ी संख्या में जिले भर के अनुसूचित जाति जनजाति के लोग और मोर्चा के पदाधिकारी कार्यकर्ता उपस्थित रहे.''