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राजनांदगांव में कार्यमुक्त किए गए संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का प्रदर्शन, JCCJ ने दिया समर्थन

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Published : Jul 29, 2021, 7:04 AM IST

कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने वाले संविदा कर्मियों को निकाले जाने पर उन्होंने इसका विरोध किया है. उन्होंने विभाग से उन्हें फिर से काम दिए जाने की मांग की है. जिसे लेकर उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है.

contract health workers
संविदा स्वास्थ्य कर्मियों का प्रदर्शन

राजनांदगांव: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न पदों के लिए संविदा कर्मियों की भर्ती की थी. जिन्हें अब विभाग बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. संक्रमण के वक्त लाखों लोगों की जान बचाने वाले ये स्वास्थ्य कर्मचारी अब अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. लिहाजा बुधवार को कार्यमुक्त किए गए संविदा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर राजनांदगांव कलेक्ट्रेट परिसर के सामने प्रदर्शन किया है.

संविदा कर्मियों ने विभाग से उन्हें फिर से काम दिए जाने की मांग की है. जिसे लेकर उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. इन संविदा कर्मियों ने जेसीसी (जे) पार्टी के कार्यकर्ताओ के साथ कलेक्ट्रेट परिसर के सामने जमकर प्रदर्शन किया. इसके अलावा जनता जोगी कांग्रेस ने भी इनकी मांगे पूरी नहीं होने पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की बात कही है.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के वक्त प्रदेश में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ गई थी. इस समय इन कर्मचारियों ने दिन रात काम कर मरीजों की जान बचाई थी, लेकिन सरकार ने सरकार ने बजट की कमी का हवाला देते हुए बाद में इन सभी कर्मचारियों को काम से निकाल दिया. सरकार के इस रवैये के बाद जब यह संविदाकर्मी सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतरे तो यह मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई. लिहाजा जनता जोगी कांग्रेस के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कर्मचारी कलेक्ट्रेट परिसर के सामने बुधवार को प्रदर्शन के लिए उतरे.

कोरोना वॉरियर्स को मिला कार्यमुक्ति का नोटिस, PPE किट पहनकर किया विरोध

कोरोना के दौरान संविदा में काम कर चुकी एक स्टाफ नर्स का कहना है कि उन्होंने पिछले 11 महीनों से कोरोना मरीजों की ड्यूटी की, लेकिन आज कोरोना की रफ्तार कम होने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा फंड नहीं होने का हवाला देकर उन्हें निकाल दिया. लगभग 50 से अधिक कर्मचारियों को निकला गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी, तब स्वास्थ्य विभाग क्या करेगा, उनको स्वास्थ्य कर्मियों को वापस काम में रखना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग जब तक उन्हें काम में वापसी नहीं रखेगा तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी.

स्वास्थ्य विभाग ने कोविड अस्पतालों के लिए स्टाफ नर्स, एएनएम, वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर समेत विभिन्न पदों में संविदा कर्मियों की नियुक्ति की थी. बाद में करीब 11 महीने बाद सभी को निकाल दिया गया. जिसके बाद यह विरोध के लिए उतरे हैं.

राजनांदगांव: कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड अस्पतालों में ड्यूटी करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने विभिन्न पदों के लिए संविदा कर्मियों की भर्ती की थी. जिन्हें अब विभाग बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. संक्रमण के वक्त लाखों लोगों की जान बचाने वाले ये स्वास्थ्य कर्मचारी अब अपने हक की लड़ाई लड़ रहे हैं. लिहाजा बुधवार को कार्यमुक्त किए गए संविदा कर्मियों ने अपनी मांगों को लेकर राजनांदगांव कलेक्ट्रेट परिसर के सामने प्रदर्शन किया है.

संविदा कर्मियों ने विभाग से उन्हें फिर से काम दिए जाने की मांग की है. जिसे लेकर उन्होंने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है. इन संविदा कर्मियों ने जेसीसी (जे) पार्टी के कार्यकर्ताओ के साथ कलेक्ट्रेट परिसर के सामने जमकर प्रदर्शन किया. इसके अलावा जनता जोगी कांग्रेस ने भी इनकी मांगे पूरी नहीं होने पर मुख्यमंत्री आवास का घेराव करने की बात कही है.

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के वक्त प्रदेश में कोरोना की रफ्तार तेजी से बढ़ गई थी. इस समय इन कर्मचारियों ने दिन रात काम कर मरीजों की जान बचाई थी, लेकिन सरकार ने सरकार ने बजट की कमी का हवाला देते हुए बाद में इन सभी कर्मचारियों को काम से निकाल दिया. सरकार के इस रवैये के बाद जब यह संविदाकर्मी सड़कों पर प्रदर्शन के लिए उतरे तो यह मुद्दे पर राजनीति भी शुरू हो गई. लिहाजा जनता जोगी कांग्रेस के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कर्मचारी कलेक्ट्रेट परिसर के सामने बुधवार को प्रदर्शन के लिए उतरे.

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कोरोना के दौरान संविदा में काम कर चुकी एक स्टाफ नर्स का कहना है कि उन्होंने पिछले 11 महीनों से कोरोना मरीजों की ड्यूटी की, लेकिन आज कोरोना की रफ्तार कम होने के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा फंड नहीं होने का हवाला देकर उन्हें निकाल दिया. लगभग 50 से अधिक कर्मचारियों को निकला गया है. उन्होंने कहा कि कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी, तब स्वास्थ्य विभाग क्या करेगा, उनको स्वास्थ्य कर्मियों को वापस काम में रखना चाहिए. स्वास्थ्य विभाग जब तक उन्हें काम में वापसी नहीं रखेगा तब तक उनकी लड़ाई जारी रहेगी.

स्वास्थ्य विभाग ने कोविड अस्पतालों के लिए स्टाफ नर्स, एएनएम, वार्ड बॉय, कंप्यूटर ऑपरेटर समेत विभिन्न पदों में संविदा कर्मियों की नियुक्ति की थी. बाद में करीब 11 महीने बाद सभी को निकाल दिया गया. जिसके बाद यह विरोध के लिए उतरे हैं.

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