राजनांदगांव: राजनांदगांव जिले के नगर पंचायत छुरिया में मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना के तहत बने 100 दुकानों की आबंटन प्रक्रिया को लेकर विवाद की (Controversy over allocation of shops built under Chief Minister Swavalamban Yojana) स्थिति है. प्रभावितों एवं बेरोजगारों को छोड़कर पैसे वालों को रातों-रात दुकान की चाभी सौंप दी गई है. बताया जा रहा है कि आबंटन सूची में जिनका नाम नहीं है, उन्हें भी एक नहीं दो-दो दुकानें दे दी गई है. हाल यह है कि नगर पंचायत में ढ़ेरो शिकायतें होने के बाद भी अधिकारी अपनी मनमानी पर उतर आए हैं.
आत्महत्या की चेतावनी: दुकान आबंटन के मामले में छुरिया के व्यापारियों ने नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा पर मनमानी करने का आरोप लगाया है. दुकान आबंटन से वंचित व्यापारियों ने प्रेसक्लब राजनांदगांव में प्रेसवार्ता कर नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा के ऊपर अपने परिचितों को रूपये लेकर लेनदेन कर दुकान देने का आरोप लगाया है. दुकान समय पर नहीं मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझने वाले व्यापारियों ने दुकान की मांग की है. साथ ही दुकान न मिलने पर आंदोलन करने और सपरिवार आत्महत्या करने की चेतावनी भी दी है.
नहीं मिला दुकानदारों को मालिकाना हक: दरअसल, एक माह पूर्व राजनांदगांव जिले के नगर पंचायत छुरिया में नगर अध्यक्ष, पार्षद व सीएमओ के द्वारा अतिक्रमण से प्रभावित 49 दुकानदारों की सूची बनाई गई थी. जिसे गुपचुप तरीके से नगर पंचायत के परिसर हाल में चस्पा कर दिया गया था. जहां प्रभावितों को छोड़कर नगर पंचायत के पार्षद, एल्डरमेन और उनके करीबी रिश्तेदारों का नाम भी सूची में शामिल था. तब से लेकर आज तक उस सूची को लेकर विवाद नगर में गरमाया हुआ है. इसी सूची को लेकर नगर पंचायत में दो दिन पहले बगैर मुनादी कराये लगभग 53 लोगों को मुख्यमंत्री स्वावलंबन योजना की दुकानों की चाभी आनन-फानन में सौंप दी गई. हैरान करने वाली बात यह है कि इन दुकानदारों को अस्थायी तौर पर दुकानें दी गई, लेकिन उन्हें मालिकाना हक नहीं दिया गया है, जिसको लेकर दुकानदार भी असमंजस की स्थिति में है.
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100 दुकानों का कराया गया निर्माण: व्यपारियों का कहना है कि प्रशासन ने पुरानी दुकानों को तोड़ा था. फिर छुरिया में मुख्यमंत्री स्वालबंन योजना के तहत 100 दुकानों का निर्माण किया गया है. लेकिन इसके आबंटन में नगर पंचायत अध्यक्ष राजकुमारी सिन्हा द्वारा मनमानी की जा रही है. छुरिया के ही करीब 72 व्यपारी वहां दुकान संचालित करते थे. उन्हें दुकान नहीं दी जा रही है. बल्कि नगर पंचायत अध्यक्ष अपने परिचितों एवं रिश्तेदारों को दुकान आबंटन कर रही है. इस मामले की एसडीएम और कलेक्टर से शिकायत की गई है. लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है. व्यपारियों ने दुकान की मांग की है. साथ ही दुकान न मिलने पर आंदोलन के बाद सपरिवार आत्महत्या की चेतावनी दी है.