राजनांदगांव: सब्जियों में बढ़ते रासायनिक खादों के उपयोग और दुष्प्रभाव को देखते हुए ग्राम पंचायत जरवाही के बच्चों ने अपने स्कूल में सब्जियों की नर्सरी तैयार की है. यहां बच्चे अपनी मेहनत से सब्जियां उगा रहे हैं. स्कूल की नर्सरी के ही सब्जियों को मध्यान्ह भोजन के लिए उपयोग में लिया जा रहा है. नर्सरी की सब्जियों में गोबर खाद का उपयोग किया जा रहा है.
समय निकाल कर नर्सरी में काम
शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला जरवाही के छात्र रोज स्कूल आते हैं और यहां स्कूल के ठीक पीछे ही उन्होंने सब्जियों की क्यारियां बना रखी है. जहां पर अलग-अलग सब्जियों की फसल उगाई जाती हैं. बच्चे अपने स्कूल टाइमिंग से समय निकालकर बड़े अच्छे तरीके से नर्सरी की देख-रेख करते हैं. पानी देना, मिट्टी चढ़ाना और खाद डालने जैसे तमाम काम बच्चे खुद करते हैं.
खुद के मेहनत की सब्जियों से सजती है बच्चों की थाली ऐसे मिली प्रेरणाबच्चे जब शिक्षक से रासायनिक खाद और गोबर खाद के विषय में जानकारी ले रहे थे, तो उन्हें अपने ही स्कूल में सब्जी की क्यारियां तैयार करने की प्रेरणा मिली. इसके बाद बच्चों ने पूरी मेहनत के साथ स्कूल के पीछे के एक हिस्से में इसे तैयार किया.
हो रही बचत नुकसान भी कमबच्चों का कहना है कि मध्यान्ह भोजन में सब्जियां जब महंगी होती थी, तो उन्हें भोजन में समझौता करना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. सब्जियों को अपने स्कूल में तैयार करने से उन्हें बचत भी हो रही है. साथ ही रासायनिक सब्जियों से उनके शरीर को नुकसान भी नहीं हो रहा है. एक छोटी सी पहल के जरिए बच्चों को दोहरा फायदा मिल रहा है.
आपस में बांटी जिम्मेदारीबच्चे अपने स्कूल टाइम से समय निकालकर आपस में सब्जियों की क्यारियों की देख-रेख करते हैं. पानी देने, खाद देने सहित खरपतवार को हटाने का काम भी बच्चे करते हैं. इस काम के लिए बच्चों ने बकायदा अपनी जिम्मेदारी खुद तय की है.
मेहनत करके खाना पसंदमिडिल स्कूल के शिक्षक बीएस चंद्रवंशी का कहना है कि गांव के अधिकांश बच्चे सब्जी उगाने के काम से जुड़े हुए हैं. परिवार से इस काम को सीख कर और अनुभव लेकर वे स्कूल में सब्जियां उगा रहे हैं. बच्चों को ताजी सब्जियां खाना पसंद है. इसके साथ ही बच्चे मेहनत से तैयार करके सब्जियों को खाना पसंद करते हैं.