राजनांदगांव: अनलॉक-1 में लोगों की सुविधा के लिए राज्य सरकार ने सिटी बसों के परिचालन की मंजूरी दे दी है, लेकिन जिले में सिटी बसें पिछले कई साल से अघोषित लॉकडाउन में ही फंसी हुई हैं. जबकि सिटी बसों की सेवा शुरू हुए जिले में पांच साल हो गए हैं, लेकिन दो-चार रूट को छोड़कर अन्य निर्धारित रूटों पर कभी सिटी बसें नहीं चली हैं.
सिटी बसों का संचालन निजी बस ऑपरेटरों के हाथों में है, जिन्होंने शुरुआत में ही नुकसान बताकर सिटी बसों की जगह अपनी निजी बसों को तवज्जों दी थी. ऐसे में अब सिटी बसों का संचालन जिले में शुरू करा पाना प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रही है. क्योंकि सालों से संचालन बंद होने से कई बसें खराब हो गई हैं.
गायब हो चुके हैं बसों के पार्टस
वहीं कई बसों के पार्टस ही गायब हो चुके हैं. बड़ी बात यह है कि कोरोना संक्रमण के कारण निजी बसों का परिचालन भी बंद है. वहीं निजी यात्री बसों के लिए शासन ने अभी तक कोई दिशा-निर्देश जारी नहीं किया है. इस स्थिति में अगर सिटी बसें भी शुरू नहीं की गई तो अनलॉक- 1 में भी लोगों को राहत नहीं मिलेगी.
बसों का संचालन शुरू कराना बड़ी चुनौती
राज्य सरकार के आदेश के बाद जिले में सिटी बसों का संचालन शुरू करा पाना जिला और निगम प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती साबित हो सकती है. क्योंकि शुरुआत से ही सिटी बसें ठीक तरह से चली नहीं हैं. वहीं उसके संचालन को लेकर बस ऑपरेटर भी आनाकानी कर रहे हैं. ऐसे में प्रशासन को लोगों की सुविधा के लिए सिटी बसों को सड़क में दौड़ा पाना मुश्किल लग रहा है.
2015 में शुरू हुई थी सिटी बसें
पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के दौरान मुख्यमंत्री रहे रमन सिंह ने 6 सितंबर 2015 को हरी झंडी दिखाकर प्रदेश को सिटी बसों की सौगात दी थी. जिले को कुल 26 बसें मिली हैं, जिसमें 20 राजनांदगांव और 6 खैरागढ़ को मिली थी. सिटी बस सेवा शुरू कराने का मकसद था कि यात्रियों को निजी बसों से कम किराए पर यात्रा कराई जाएं, लेकिन विडंबना है कि शुरू के छह महीने में ही सिटी बसें बंद पड़ गईं. हालांकि दोबारा टेंडर के बाद सिटी बसों का परिचालन निजी बस ऑपरेटरों को देकर फिर से संचालन शुरू कराया गया, लेकिन चार-छह महीने बाद फिर से बसों के पहिये थम गए. लॉकडाउन से पहले महज दो-चार रूट की बसें ही चल रही थीं. यही कारण है कि शहर और ग्रामीण क्षेत्र के यात्री सिटी बसों में सफर ही नहीं कर पाए हैं.
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नवपदस्थ कलेक्टर टोपेश्वर वर्मा का कहना है कि शासन ने सिटी बसों के संचालन की अनुमति दे दी है. उन्होंने आगे कहा कि जिले में कितनी सिटी बसें हैं. बसों की स्थिति क्या है. इसकी जानकारी ली जा रही है. इसके साथ ही बसें क्यों नहीं चली है. इसका कारण भी नगर निगम से पूछा जाएगा. वहीं अगर बसों की कंडीशन सही पाया गया तो संचालन जरूर शुरू कराया जाएगा.