राजनांदगांव : डोंगरगढ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम कोलेन्द्रा में पिछले दिनों 32 वर्षीय युवक छबिलाल वर्मा की लाश सन्दिग्ध अवस्था में ग्रामीणों ने देखा था.शव की हालत को देखकर ग्रामीणों ने हादसे की आशंका जाहिर करते हुए इसकी सूचना पुलिस तक पहुंचाई. वहीं डोंगरगढ़ पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अलग-अलग टीम बना कर पूरे मामले की जांच की . मामले में 3 दिन बाद पुलिस को कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने हत्या की गुत्थी को सुलझाते हुए आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है.
क्यों की गई हत्या : पूरा मामला पैतृक संपत्ति के विवाद से जुड़ा हुआ है. मृतक छविलाल खेत पर काम करने गया हुआ था. शाम को घर वापसी के समय मृतक और उसकी चाची रामकुंवर के बीच संपत्ति को लेकर विवाद हुआ. गुस्से में चाची रामकुंवर ने मृतक पर पत्थर और डंडे से हमला कर दिया. जिससे मृतक के सिर पर चोट आई.इसके बाद चाची रामकुंवर ने अपने घर जाकर अपने बेटे तिलक को ये बात बताई. बेटे ने भी मौके पर पहुंचकर छविलाल पर हमला कर दिया. इस हमले में छविलाल की मौके पर मौत हो गई.
पुलिस को गुमराह करने की कोशिश : छविलाल की मौत हो जाने के बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए छविलाल की लाश को खेत से उठा कर आरोपियों ने सड़क किनारे रख दिया.ताकि ऐसा लगे कि सड़क दुर्घटना में छविलाल की जान गई है. पुलिस ने हत्या के आरोप में चाची रामकुंवर और उसके बेटे तिलक को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा किया है.
गिरफ्तारी के बाद आरोपियों ने बताई वजह : पुलिस के मुताबिक ''जिस दिन मृतक समय पर नहीं पहुंचा था वो उस समय तक राम कुंवर भी खेतों में काम करने गई थी. उसी समय दोनों के बीच जमीन विवाद को लेकर वाद विवाद गाली गलौज हुई. उसी समय रामकुंवर ने पत्थर और डंडे से छविलाल को चोट पहुंचाया.जिससे उसकी मृत्यु हो गई. इस बात की जानकारी इसने जाकर अपने बेटे तिलक को दी.इस दौरान तिलक भी मौके पर आया और उसने चेक किया कि मृत्यु हुई है या नहीं.इसके बाद तिलक ने भी उसे चोट पहुंचाया.इसके बाद अपने आप को और अपनी मां को बचाने के लिए तिलक ने डेड बॉडी को उठाकर सड़क पर रख दिया साथ ही उसकी साइकिल को भी ताकि ये दुर्घटना लगे.पूछताछ में इन्होंने अपना जुर्म कबूल किया है.घटना के समय इस्तेमाल पत्थर डंडे और खून लगे कपड़े इनसे जब्त किया गया है.''
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चाची बनीं कातिल : इस घटना में एक बार फिर संपत्ति विवाद सामने आया.जहां पैतृक संपत्ति के विवाद में एक युवक की जान उसके ही परिजनों ने ले ली.इस घटना के बाद अब दोनों परिजनों को पछतावा हो रहा है.क्योंकि जिस संपत्ति के लिए उन्होंने ये कांड किया है उसके इस्तेमाल के लिए अब ये दोनों कभी जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे.फिलहाल पुलिस ने दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें जेल दाखिल करा दिया है.