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IMA ने खोला मोर्चा, राजनांदगांव में भी दिखा खासा असर

IMA ने सरकार के खिलाफ मोर्चा कोल दिया है, जिससे दो दिन तक जिले के सभी छोटे-बड़े अस्पताल, नर्सिंग होम और क्लीनिक सहित जरनल ओपीडी भी बंद रहे.

IMA ने खोला मोर्चा
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Published : Jul 31, 2019, 10:32 PM IST

Updated : Jul 31, 2019, 10:50 PM IST

राजनांदगांव: ऑल इंडिया मेडिकल काउंसिल (IMA) ने बुधवार को देशभर में एक साथ हड़ताल की. इसका सीधा असर बुधवार सुबह से ही शहर के निजी अस्पतालों में देखने को मिला. इस दौरान डॉक्टरों ने रैली निकालकर नेशनल मेडिकल कमिशन बिल 2019 का विरोध किया.

IMA ने खोला मोर्चा

बता दें कि शहर के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने रैली निकालकर नेशनल मेडिकल कमिशन बिल 2019 का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की है. वहीं इस बिल को वापस लिए जाने को लेकर के सरकार से अपील भी की है. डॉक्टरों ने अपने अस्पतालों के ओपीडी को बंद रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया है. डॉक्टरों का कहना है कि नए बिल में आईएमए की मांग को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया गया है. इसके चलते वे इस बिल का विरोध कर रहे हैं.

नर्सिंग होम और क्लीनिक रहे बंद
जिले में तकरीबन 100 छोटे-बड़े अस्पताल संचालित हैं, जिनके सभी डॉक्टरों ने हड़ताल के साथ ही नर्सिंग होम और क्लीनिक सहित जरनल ओपीडी सुबह से ही बंद रखा है, जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताली डॉक्टरों ने बताया कि इस दौरान आपात स्थिति आने पर ही वे मरीज को देखेंगे.

हलाकान रहे मरीज
ओपीडी पूरी तरीके से बंद रहने के चलते मरीजों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाया. इससे मरीजों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा. वहीं दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के ओपीडी में भी मरीजों की संख्या अधिक होने के बावजूद डॉक्टरों ने ड्यूटी में भी रूचि नहीं दिखाई, जिससे मरीज लगातार भटकते नजर आए.

राजनांदगांव: ऑल इंडिया मेडिकल काउंसिल (IMA) ने बुधवार को देशभर में एक साथ हड़ताल की. इसका सीधा असर बुधवार सुबह से ही शहर के निजी अस्पतालों में देखने को मिला. इस दौरान डॉक्टरों ने रैली निकालकर नेशनल मेडिकल कमिशन बिल 2019 का विरोध किया.

IMA ने खोला मोर्चा

बता दें कि शहर के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने रैली निकालकर नेशनल मेडिकल कमिशन बिल 2019 का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की है. वहीं इस बिल को वापस लिए जाने को लेकर के सरकार से अपील भी की है. डॉक्टरों ने अपने अस्पतालों के ओपीडी को बंद रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया है. डॉक्टरों का कहना है कि नए बिल में आईएमए की मांग को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया गया है. इसके चलते वे इस बिल का विरोध कर रहे हैं.

नर्सिंग होम और क्लीनिक रहे बंद
जिले में तकरीबन 100 छोटे-बड़े अस्पताल संचालित हैं, जिनके सभी डॉक्टरों ने हड़ताल के साथ ही नर्सिंग होम और क्लीनिक सहित जरनल ओपीडी सुबह से ही बंद रखा है, जिससे मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. हड़ताली डॉक्टरों ने बताया कि इस दौरान आपात स्थिति आने पर ही वे मरीज को देखेंगे.

हलाकान रहे मरीज
ओपीडी पूरी तरीके से बंद रहने के चलते मरीजों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाया. इससे मरीजों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा. वहीं दूसरी ओर मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के ओपीडी में भी मरीजों की संख्या अधिक होने के बावजूद डॉक्टरों ने ड्यूटी में भी रूचि नहीं दिखाई, जिससे मरीज लगातार भटकते नजर आए.

Intro:राजनांदगांव. ऑल इंडिया मेडिकल काउंसिल (indian medical association)ने बुधवार को देशभर में एक साथ हड़ताल की शुरूआत कर दी है। इसका सीधा असर बुधवार सुबह से ही शहर के निजी अस्पतालों में देखने को मिला डॉक्टरो ने सुबह 6 बजे से गुरूवार को सुबह 6 बजे तक ओपीडी बंद रखने का निर्णय लिया है। इस अव्यवस्था से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश के सभी शासकीय अस्पतालों के (Government hospital) ओपीडी को सुबह 8 बजे से शाम 5 बजे तक खोलने के लिए पूर्व में ही आदेश जारी कर दिए थे शहर के डॉक्टरों ने आज रैली निकालकर नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 का विरोध किया है.
 


Body:बता दे कि शहर के निजी अस्पतालों के डॉक्टरों ने रैली निकालकर नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2019 का विरोध करते हुए जमकर नारेबाजी की है वहीं इस बिल को वापस जाने को लेकर के सरकार से अपील भी की है डॉक्टरों ने अपने अस्पतालों के ओपीडी को बंद रखते हुए विरोध प्रदर्शन किया है डॉक्टरों का कहना है कि नए बिल में आईएमए की मांग को पूरी तरीके से नजरअंदाज कर दिया गया है इसके चलते वे इस बिल का विरोध कर रहे हैंConclusion:हलाकान रहे मरीज
जिले में तकरीबन 100 छोटे बड़े अस्पताल संचालित है। डॉक्टरों के हड़ताल के बाद नर्सिंग होम और क्लिनिक सहित जरनल ओपीडी आज सुबह से बंद है। जिसके कारण मरीजों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हड़ताली डॉक्टरों ने बताया कि इस दौरान आपात स्थिति आने पर ही वे मरीज को देखेंगे। इस स्थिति के चलते बुधवार को मरीजों को काफी हलाकान होना पड़ा ओपीडी पूरी तरीके से बंद रहने के चलते मरीजों को प्राथमिक उपचार भी नहीं मिल पाया इससे मरीजों को काफी तकलीफों का सामना करना पड़ा। दूसरी और मेडिकल कॉलेज के अस्पताल के ओपीडी में भी मरीजों की संख्या अधिक होने के बावजूद डॉक्टरों ने ड्यूटी में भी रुचि नहीं दिखाई है इसके चलते मरीज लगातार भटकते रहे हैं।
Last Updated : Jul 31, 2019, 10:50 PM IST
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