राजनांदगांव: कोहिनूर का नाम तो आपने सुना ही होगा. जी हां विश्व का सबसे चमकीला और कीमती हीरा, आज हम आपको ऐसी ही कीमती कोहिनूर की कहानी बताने जा रहे हैं. ये कोहिनूर 15 साल का बालक है. उसने किसी मरते की जिंदगी बचा कर एक मिसाल कायम की है.
नदी में नहाने गया था मनीष
दरअसल, किल्लाडोंगरी में रहने वाले 15 साल के कौशल कुमार उर्फ कोहिनूर ने अपने साहस का ऐसा परिचय दिया है जो बहुत ही कम लोग दे पाते हैं. घुमरिया नदी में डूब रहे दो लोगों को बचाने के लिए कोहिनूर ने अपनी जान की परवाह नहीं की. कोहिनूर और कुछ बच्चे नदी में नहाने गए थे इस दौरान 13 साल का मनीष नाम का बच्चा नदी में नहाते-नहाते बाढ़ की चपेट में आ गया. बच्चे को पानी में बहता देख पास में ही मछली पकड़ रहे शिव नाम के बुजुर्ग ने उसे बचाने के लिए नदी में छलांग लगा दी, पर अफसोस वह भी बाढ़ की चपेट में आ गया.
एक-एक कर दोनों को नदी से निकाला
दोनों को डूबता देख कोहिनूर नदी में कूदा और सबसे पहले शिव को निकाला फिर वो मनीष को बचाने के लिए लपका. जैसे-तैसे उसने अपनी ताकत लगाकर कोहिनूर ने मनीष को बचाया और जैसे ही उसने पलटकर देखा तो शिव का कोई अता-पता नहीं था. दूसरे दिन खोजबीन करने के बाद गोताखोरों ने शिव की लाश नदी से निकाली.
कोहिनूर ने बचाने की पूरी कोशिश की
कोहिनूर ने बताया कि उसने शिव को बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन उसका कपड़ा उसके सिर पर फंस गया था इसके चलते वह नदी में सांस नहीं ले पाया. एक बार बचाने के बाद उसने कोहिनूर से कहा था कि वो मनीष को बचाए. क्योंकि उसे (शिव) तैरना आता है और वो अब निकल जाएगा. लेकिन ऐसा नहीं हो पाया और शिव बाढ़ के पानी में बह गया. कोहिनूर ने बताया कि उसने अपनी पूरी कोशिश की लेकिन जब मनीष को पानी से बाहर निकाला तो उसके पेट में पानी भर चुका था. उसके पेट से पानी निकालकर उसे होश में लाया लेकिन जब मुड़कर नदी में देखा तो शिव का कहीं कोई अता-पता नहीं था.
मां घबराई, पर मनीष के बचने की खुशी
कोहिनूर की मां कलाबाई का कहना है कि वो कोहिनूर को नदी में भेजने से डरती है. घटना के दिन वह पास के गांव गई थी और इस दौरान कोहिनूर नदी में नहाने के लिए चला गया. लौटकर जब उन्हें सारी बात पता चली तो वह घबरा गई. कालाबाई ने बताया कि वो कोहिनूर को नदी में जाने से डांटती है. लेकिन उसने किसी की जान बचाई इस बात की उन्हें भी खुशी है.