राजनांदगांव: जिले में कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है. जिले में रोजाना 100 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं. लगातार वार्ड से बड़ी संख्या में संक्रमित मरीज मिलने के कारण स्वास्थ्य विभाग ने शहर के 10 वार्डों को कंटेनमेंट जोन घोषित कर दिया है. देर शाम तक शहर के 10 वार्डों के मुख्य मार्गों पर बैरिकेड लगाकर आवाजाही को रोक दिया गया है.
राजनांदगांव में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. स्वास्थ्य विभाग ने जैसे-जैसे टेस्टिंग बढ़ाई है, वैसे-वैसे कोरोना संक्रमितों के आंकड़े भी बढ़ते जा रहे हैं. गुरुवार देर रात को जिले में 114 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि की गई हैं. पॉजिटिव मरीजों को इलाज के लिए कोविड-19 अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
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स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक, जिले में अब तक कोरोना के 10 हजार 150 केस सामने आ चुके हैं. इनमें 8 हजार 890 मरीजों को इलाज के बाद ठीक कर लिया गया है, जबकि बुधवार को मिले नए कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बाद जिले में एक्टिव केसों की संख्या 1 हजार 989 हो गई है. इसके अलावा कोरोना से जिले में 91 लोगों की मौत भी हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग लगातार संक्रमण के दायरे को रोकने के लिए कई तरह की कोशिश कर रहा है, लेकिन अब तक इसमें कमी नहीं आई है. लॉकडाउन में छूट देने के बाद से जिले में कोरोना के केस तेजी से बढ़े हैं.
ग्रामीण क्षेत्रों में मरीजों की संख्या ज्यादा
कोरोना की चपेट में अब ग्रामीण इलाके के लोग ज्यादा आ रहे हैं. अलग-अलग ब्लॉकों से लगातार कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि हो रही है, हालांकि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शहर में भी लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ती जा रही है.
ये इलाके बने कंटेनमेंट जोन
नगर निगम सीमा के बसंतपुर, कौरीनभाटा, नंदई चौक, गौरी नगर, चिखली, भरका पारा, विवेकानंद नगर, तुलसीपुर, कैलाश नगर और बजरंगपुर इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. इन क्षेत्रों से लगभग 127 मरीज पाए गए हैं. जिसकी वजह से क्षेत्र को कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है. इस दौरान क्षेत्र में आने वाली सभी व्यावसायिक दुकानें बंद रहेंगी. आवश्यक वस्तुओं को छोड़कर अन्य वस्तुओं की होम डिलीवरी की जा सकती है. स्वास्थ्य विभाग ने लोगों से अपील की है कि इन इलाकों में बिना किसी आवश्यक काम के प्रवेश न करें. इन इलाकों में लगातार संक्रमित मरीजों की संख्या को देखते हुए यह फैसला लिया गया है.
मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने की अपील
CMHO मिथिलेश चौधरी का कहना है कि ग्रामीण इलाके में लोग मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं. साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी कम पालन हो रहा है, जिसकी वजह से ग्रामीण इलाकों से लगातार मरीज सामने आ रहे हैं. ग्रामीण इलाकों में संक्रमण बढ़ना एक तरह से खतरे की घंटी है. ऐसे समय में लोगों को जागरूकता दिखानी होगी और घर से निकलते वक्त मास्क पहनना होगा. CMHO ने लोगों से अपील की है कि अगर वे कहीं भी बाहर जा रहे हैं, तो सोशल डिस्टेंसिंग की गाइडलाइन का अनिवार्य रूप से पालन करें, ताकि संक्रमित होने से बच सकें.