भोपाल/रायपुर: राज्यपाल अनुसुइया उइके 19 जनवरी को आदिवासी सेवा मंडल की ओर से आयोजित युवक-युवती परिचय सम्मेलन में शामिल हुईं.
बता दें कि भोपाल में आदिवासी सेवा मंडल की ओर से 15वें आदिवासी युवक-युवती परिचय सम्मेलन का आयोजन किया गया था. जिसमें लोगों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि 'पहले लोगों को अपने बेटा-बेटी की शादी करने के लिए योग्य वर-वधु की तलाश में इधर-उधर भटकना पड़ता था. आदिवासी सेवा मण्डल की ओर से आयोजित इस युवक-युवती परिचय सम्मेलन में विवाह योग्य युवक-युवती समाज के सामने आकर अपना परिचय दे रहे हैं. यह आदिवासी सेवा मण्डल का सराहनीय पहल है. इस तरह के परिचय सम्मेलन उपयोगी और आज की आवश्यकता है.'
राज्यपाल उइके ने कहा कि 'संविधान में आदिवासियों को दिए विभिन्न अधिकार और प्रावधानों के बावजूद भी आज हमारा समाज अन्य समाज की अपेक्षा काफी पीछे है. संवैधानिक प्रावधानों के बाद भी सामाजिक और राजनीतिक क्षेत्र में आदिवासी समाज अपेक्षाकृत अन्य लोगों से पीछे है.' उन्होंने कहा कि 'आदिवासी समाज के लोगों के साथ विभिन्न क्षेत्रों में पक्षपातपूर्ण व्यवहार किया जाता है. इसे रोकने के लिए हर स्तर पर आवश्यक प्रयास करने की आवश्यकता है.'
राज्यपाल ने अपना बचपन किया याद
राज्यपाल ने अपने बचपन की यादों को साझा करते हुए कहा कि 'आदिवासी सेवा मण्डल का यह कार्यक्रम पहले भोपाल के एक छोटे से मैदान में हुआ करता था. उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन अब विशाल रूप ले लिया है, जिसमें विभिन्न प्रदेशों के आदिवासी समाज के लोग शमिल हुए हैं.' उन्होंने आदिवासी समाज के विकास में योगदान देने वाले पूर्व विधायक और दादू के नाम से विख्यात योगेन्द्र सिंह के योगदान को याद किया. साथ ही उन्होंने आदिवासी सेवा मण्डल के कार्य को आगे बढ़ाने वालों को नमन किया.
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राज्यपाल उइके ने कहा कि आदिवासी समाज से जो सम्मान मुझे मिला है, उसे मैं कभी नहीं भूला पाऊंगी. मैं एक गांव के परिवेश में पढ़-लिखकर आज इस मुकाम पर पहुंची हूं. जिसकी कभी मैंने कल्पना भी नहीं की थी. इस दौरान अजय सिंह, प्रकाश ठाकुर, मनोहर सिंह ठाकुर, चन्दा सर्वटे, अमर सिंह रावत, रामू टेकाम, प्रशासनिक सेवा के अधिकारी और बड़ी संख्या में विभिन्न प्रदेशों से आए आदिवासी समाज के लोग उपस्थित रहे.