रायपुर: छत्तीसगढ़ सरकार ने विधानसभा बजट में इस साल शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता देने का प्रावधान रखा. इस प्रावधान के माध्यम से हर महीने 2500 रुपये पंजीकृत बेरोजगारों के खाते में डाले जाएंगे. इस खबर के बाद युवाओं की तरफ से रोजगार कार्यालय में रजिस्ट्रेशन की भीड़ लग रही है. योजना की जानकारी मिलने के बाद से रोजगार कार्यालय में लगातार पंजीयन के लिए लंबी कतारें लगी हुई है. रोजाना हजारों युवा रजिस्ट्रेशन के लिए रोजगार कार्यालय पहुंच रहे हैं.
बेरोजगारी भत्ते के लिए हैं कई शर्ते: सरकार ने बजट में बेरोजगारी भत्ते की घोषणा की थी. लेकिन इस योजना में कुछ महत्वपूर्ण शर्ते भी रखी गई है. महत्वपूर्ण बात यह है कि हाल ही में रजिस्ट्रेशन कराने वाले युवाओं को बेरोजगारी भत्ते का लाभ नहीं मिल पाएगा. क्योंकि इस प्रावधान में कई शर्तें रखी गई है. जिस युवा का सर्टिफिकेट 2 साल पहले पंजीकृत होगा, उसे ही बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. यानी कि 2 साल पहले पंजीकृत सर्टिफिकेट वाले युवा ही बेरोजगारी भत्ते का लाभ उठा सकते हैं.
ट्रेनिंग में लेना होगा भाग: इसके साथ ही एक महत्वपूर्ण और नई शर्त रखी गई है, जो बेरोजगारी भत्ता पाने के पात्र होंगे उन्हें कौशल विकास प्रशिक्षण भी दिया जाएगा. जिसके बाद उन्हें अच्छी खासी नौकरी मिलने में काफी मदद मिलेगी. इसमें खास बात यह है कि इस प्रशिक्षण के लिए किसी भी युवा के पास ना करने का कोई ऑप्शन ही नहीं होगा. उन्हें इस प्रशिक्षण में भाग लेना ही होगा. यदि भाग नहीं लेते हैं, तो उन्हें भत्ता देना बंद भी किया जा सकता है.
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2 साल बाद मिलेगा बेरोजगारी भत्ता: जिला रोजगार कार्यालय रायपुर के उपसंचालक एओ लारी ने ईटीवी भारत को बताया कि "बेरोजगारी भत्ते के ऐलान से पूर्व कार्यालय में 100 युवा रोजाना पंजीयन और वेरिफिकेशन, नवीनीकरण के लिए आते थे. लेकिन ऐलान के बाद से ढाई सौ युवा यहां पंजीयन के लिए आ रहे हैं. सभी युवाओं को यह ज्ञात है कि 2 साल पहले पंजीकृत व्यक्ति ही बेरोजगारी भत्ता के लिए पात्रता रखता है, लेकिन सभी युवाओं को यह भी पता है कि मार्च महीने में रोजगार पंजीयन कराने पर ठीक इसके 2 साल बाद उन्हें बेरोजगारी भत्ता मिलना शुरू हो जाएगा. यदि वह अप्रैल माह में पंजीयन कराएंगे तो उन्हें 3 साल बाद भत्ता दिया जाएगा. यही वजह है कि मार्च माह में पंजीयन कराने वालों की संख्या बढ़ गई है."
क्या फिर अधूरी रह जाएगी योजना: इससे पहले भी भाजपा शासन के दौरान शिक्षित बेरोजगारों को भत्ता दिया जाता था, लेकिन काफी समय से इस योजना को बंद कर दिया गया. अब कांग्रेस ने इस योजना को दोबारा शुरू किया है. युवाओं में खुशी भी है, लेकिन एक डर भी है. क्या आगे यह योजना निरंतर चलेगी या इसे बीच में ही रोक दिया जाएगा.