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छत्तीसगढ़ है भगवान राम का ननिहाल, चंदखुरी में विश्व का इकलौता कौशल्या माता मंदिर

छत्तीसगढ़ के लोगों की भगवान राम के प्रति गहरी आस्था है. छत्तीसगढ़ का चंदखुरी भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली है. इस लिहाज से छत्तीसगढ़ भगवान राम का ननिहाल हुआ. छत्तीसगढ़ के लोग भगवान राम को अपना भांजा मानते हैं. विश्व का इकलौता कौशल्या माता मंदिर भी छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में है. National Ramayana Festival

chhattisgarh connection of lord ram
कौशल्या माता मंदिर चंदखुरी
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Published : Jun 3, 2023, 7:01 PM IST

छत्तीसगढ़ से राम का गहरा नाता

रायपुर: प्राचीन कथाओं में छत्तीसगढ़ का उल्लेख दक्षिण कोसल के नाम से मिलता है. छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल भी कहा जाता है. भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली छत्तीसगढ़ की चंदखुरी है. चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर भी है, जिसमें माता कौशल्या अपनी गोद में भगवान राम को लिए हुए हैं. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में भगवान राम को भांजे के रूप में प्रणाम भी किया जाता है. इस बात का उल्लेख रामायण में भी मिलता है.

"प्राचीन और ऐतिहासिक शास्त्रों और पुराणों में संपूर्ण भारत को अलग-अलग प्रदेशों के नाम से जाना जाता है. इसमें से दक्षिण कोसल की राजकुमारी जिनका नाम भानुमति था. उनके पिता का नाम भानुमंत था. राजकुमारी भानुमति का नाम बाद में कोसल प्रदेश की वजह से कौशल्या पड़ा. दक्षिण कौशल की राजकुमारी कौशल्या का विवाह उत्तर कौशल के राजकुमार दशरथ जी के साथ हुआ था. पूरे विश्व में एकमात्र मंदिर छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में स्थित है, जिसे कौशल्या माता मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान राम बैठे हुए हैं." - पंडित मनोज शुक्ला

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भगवान राम छत्तीसगढ़ के भांजे: भगवान राम की माता कौशल्या इस क्षेत्र की बेटी थी. इस क्षेत्र की बेटी होने के कारण दक्षिण कौशल उनका मायका हुआ इसलिए इस क्षेत्र के समस्त रहवासी भगवान राम को भांजे की तरह मानते हैं, और उन्हें प्रणाम करते हैं. छत्तीसगढ़ के लोग भगवान राम को भांजा मानते हैं. यहां लोग भगवान राम को प्रणाम करते हैं और अपने आपको मामा मानकर गर्व महसूस करते हैं.

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रायपुर: प्राचीन कथाओं में छत्तीसगढ़ का उल्लेख दक्षिण कोसल के नाम से मिलता है. छत्तीसगढ़ को भगवान राम का ननिहाल भी कहा जाता है. भगवान राम की माता कौशल्या की जन्मस्थली छत्तीसगढ़ की चंदखुरी है. चंदखुरी में माता कौशल्या का मंदिर भी है, जिसमें माता कौशल्या अपनी गोद में भगवान राम को लिए हुए हैं. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ में भगवान राम को भांजे के रूप में प्रणाम भी किया जाता है. इस बात का उल्लेख रामायण में भी मिलता है.

"प्राचीन और ऐतिहासिक शास्त्रों और पुराणों में संपूर्ण भारत को अलग-अलग प्रदेशों के नाम से जाना जाता है. इसमें से दक्षिण कोसल की राजकुमारी जिनका नाम भानुमति था. उनके पिता का नाम भानुमंत था. राजकुमारी भानुमति का नाम बाद में कोसल प्रदेश की वजह से कौशल्या पड़ा. दक्षिण कौशल की राजकुमारी कौशल्या का विवाह उत्तर कौशल के राजकुमार दशरथ जी के साथ हुआ था. पूरे विश्व में एकमात्र मंदिर छत्तीसगढ़ के चंदखुरी में स्थित है, जिसे कौशल्या माता मंदिर के नाम से जाना जाता है. इस मंदिर में माता कौशल्या की गोद में भगवान राम बैठे हुए हैं." - पंडित मनोज शुक्ला

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