ETV Bharat / state

world pulse day2023: दाल में काला नहीं, बल्कि सेहत का खजाना है, जानिए दाल के क्या हैं गुण ?

हर साल विश्व में 10 फरवरी को ‘अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस’ मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को दालों के महत्व से अवगत कराना और ये बताना है कि दालें पोषण और खाद्य सुरक्षा के लिए कितनी महत्वपूर्ण हैं. दालें भारतीयों के भोजन हिस्‍सा हैं. भारत विश्‍व में दालों का सबसे ज्‍यादा उत्‍पादन करता है और सबसे ज्‍यादा खपत भी यहीं होती है. भारत में सालाना दलहन की मांग करीब 250 लाख मीट्रिक टन से अधिक है.

World Pulses Day
दाल के क्या हैं गुण
author img

By

Published : Jan 29, 2023, 11:04 PM IST

Updated : Jan 29, 2023, 11:33 PM IST

रायपुर/हैदराबाद: अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस पहली बार साल 2016 में मनाया गया था. बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 फरवरी को विश्व दाल दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया था. तब से इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस दिन दालों के महत्‍व पर प्रकाश डालने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन विश्‍वभर में किया जाता है.

सुपर खाद्य दलहन के बारे में कुछ तथ्य: पल्स शब्द की उत्पत्ति लैटिन पल्स से हुई है. इसका अर्थ होता है-गाढ़ा, घना, दलिया. मनुष्य सदियों से दालों पर निर्भर है. तुर्की में पाए गए पुरातात्विक अवशेषों में 7000-8000 ई.पू. चिकपीज और मसूर के संकेत मिले थे. अफ्रीका में सबसे व्यापक रुप से खेती की जाने वाली दालों में आम बीन्स, काउसपीज, गवारपाठा, मूंगफली, छोले और सोयाबीन शामिल हैं.

सोयाबीन के लिए 216 और मूंगफली के लिए 368 की तुलना में एक पाउंड दालों का उत्पादन करने में सिर्फ 43 गैलन पानी लगता है. दाल की फसल मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाती है.दलहन खाद्य सुरक्षा करने में मदद करता है. क्योंकि सूखे बीज के रुप में, उन्हें पोषण में कमी के बिना लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है. दालों को सूखा सहिष्णु और ठंड परिस्थितियों में भी उत्पादित किया जा सकता है. दालें प्रोटीन फाइबर और फोलिक एसिड के साथ-साथ कैल्शियम, आयरन, लाइसिन और विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं.

दलहन प्रोटीन का 10 प्रतिशत और निम्न आय वाले देशों में 5 प्रतिशत ऊर्जा सेवन में योगदान देता है.

यह भी पढ़ें: 97th Episode Of Mann Ki Baat today : पीएम मोदी ने की मन की बात, बोले- लोकतंत्र हमारी रगों में, हमारी संस्कृति में है

दाल का क्या है महत्व : दलहन, जिसे फलियां भी कहा जाता है. भोजन के लिए सुपाच्य पौधों के खाद्य बीज हैं.सूखे बीन्स, दाल और मटर सबसे अधिक ज्ञात और खपत प्रकार की दालें हैं. दुनिया भर के स्टेपल व्यंजनों में दाल से लेकर भूमध्यसागरीय (चिक मटर) और पारंपरिक पूर्ण अंग्रेजी नाश्ते (बेक्ड नेवी बीन्स) में भारतीय दाल ( मटर या लेंटिल्स) शामिल हैं.

दाल के फायदे: शाकाहारियों के लिए दाल प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत है. वे मांसपेशियां का निर्माण होता है. अतिरिक्त वजन कम करने में मदद करते हैं. आपेक चयापचय को स्वस्थ्य रखते हैं. इनमें फाइबर पाचन और मल त्याग में मदद करते हैं.

दालें आपकों अधिक समय तक फुलर रखती है. यह एक महत्वपूर्ण विशेषता है कि वजन घटाने में सहायक है. क्योंकि यह भोजन के बीच क्रेविंग्स को समाप्त करता है. दाल एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन बी कॉम्पलेक्स जिंक मैग्नीशियम और पोटेशियम में समृद्ध है.प्रतिदन दाल खाने से पोषण संबंधी कमियों से निपटने में मदद मिल सकती है. आपको अपने आहार में कई प्रकार के दाल को शामिल करना चाहिए. यह न केवल आपके प्लैटर में रूचि का एक तत्व जोड़ता है, ब्लकि आपको पोषक तत्वों की एक श्रृखंला भी देता है.

आम तौर पर कम आय वाले देशों में अधिक खपत देखी जाती है. कुछ दालों, विशेष रुप से सुखे मटर का उपयोग फीडस्टफ के रुप में किया जाता है. उत्पादित लगभग एक चौथाई दालों का उपयोग सुअर और मुर्गी पालन के लिए किया जाता है.

रायपुर/हैदराबाद: अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस पहली बार साल 2016 में मनाया गया था. बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 10 फरवरी को विश्व दाल दिवस के रूप में मनाने के लिए प्रस्ताव पारित किया था. तब से इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय दलहन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है. इस दिन दालों के महत्‍व पर प्रकाश डालने के लिए कई तरह के कार्यक्रमों का आयोजन विश्‍वभर में किया जाता है.

सुपर खाद्य दलहन के बारे में कुछ तथ्य: पल्स शब्द की उत्पत्ति लैटिन पल्स से हुई है. इसका अर्थ होता है-गाढ़ा, घना, दलिया. मनुष्य सदियों से दालों पर निर्भर है. तुर्की में पाए गए पुरातात्विक अवशेषों में 7000-8000 ई.पू. चिकपीज और मसूर के संकेत मिले थे. अफ्रीका में सबसे व्यापक रुप से खेती की जाने वाली दालों में आम बीन्स, काउसपीज, गवारपाठा, मूंगफली, छोले और सोयाबीन शामिल हैं.

सोयाबीन के लिए 216 और मूंगफली के लिए 368 की तुलना में एक पाउंड दालों का उत्पादन करने में सिर्फ 43 गैलन पानी लगता है. दाल की फसल मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ाती है.दलहन खाद्य सुरक्षा करने में मदद करता है. क्योंकि सूखे बीज के रुप में, उन्हें पोषण में कमी के बिना लंबे समय तक संग्रहीत किया जा सकता है. दालों को सूखा सहिष्णु और ठंड परिस्थितियों में भी उत्पादित किया जा सकता है. दालें प्रोटीन फाइबर और फोलिक एसिड के साथ-साथ कैल्शियम, आयरन, लाइसिन और विटामिन सी के अच्छे स्रोत हैं.

दलहन प्रोटीन का 10 प्रतिशत और निम्न आय वाले देशों में 5 प्रतिशत ऊर्जा सेवन में योगदान देता है.

यह भी पढ़ें: 97th Episode Of Mann Ki Baat today : पीएम मोदी ने की मन की बात, बोले- लोकतंत्र हमारी रगों में, हमारी संस्कृति में है

दाल का क्या है महत्व : दलहन, जिसे फलियां भी कहा जाता है. भोजन के लिए सुपाच्य पौधों के खाद्य बीज हैं.सूखे बीन्स, दाल और मटर सबसे अधिक ज्ञात और खपत प्रकार की दालें हैं. दुनिया भर के स्टेपल व्यंजनों में दाल से लेकर भूमध्यसागरीय (चिक मटर) और पारंपरिक पूर्ण अंग्रेजी नाश्ते (बेक्ड नेवी बीन्स) में भारतीय दाल ( मटर या लेंटिल्स) शामिल हैं.

दाल के फायदे: शाकाहारियों के लिए दाल प्रोटीन का उत्कृष्ट स्रोत है. वे मांसपेशियां का निर्माण होता है. अतिरिक्त वजन कम करने में मदद करते हैं. आपेक चयापचय को स्वस्थ्य रखते हैं. इनमें फाइबर पाचन और मल त्याग में मदद करते हैं.

दालें आपकों अधिक समय तक फुलर रखती है. यह एक महत्वपूर्ण विशेषता है कि वजन घटाने में सहायक है. क्योंकि यह भोजन के बीच क्रेविंग्स को समाप्त करता है. दाल एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन बी कॉम्पलेक्स जिंक मैग्नीशियम और पोटेशियम में समृद्ध है.प्रतिदन दाल खाने से पोषण संबंधी कमियों से निपटने में मदद मिल सकती है. आपको अपने आहार में कई प्रकार के दाल को शामिल करना चाहिए. यह न केवल आपके प्लैटर में रूचि का एक तत्व जोड़ता है, ब्लकि आपको पोषक तत्वों की एक श्रृखंला भी देता है.

आम तौर पर कम आय वाले देशों में अधिक खपत देखी जाती है. कुछ दालों, विशेष रुप से सुखे मटर का उपयोग फीडस्टफ के रुप में किया जाता है. उत्पादित लगभग एक चौथाई दालों का उपयोग सुअर और मुर्गी पालन के लिए किया जाता है.

Last Updated : Jan 29, 2023, 11:33 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.