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World Poetry Day: मीर अली मीर की कवि बनने की दास्तां

अंतरराष्ट्रीय कविता दिवस पर ETV भारत छत्तीसगढ़ के ऐसे कवि से मिलवाने जा रहा है, जिनकी रचनाएं प्रदेश के हर गांव से लेकर शहर तक लोगों की जुबान पर है. इस कवि का नाम है मीर अली मीर. उनकी कविताओं में छत्तीसगढ़ की संस्कृति झलकती है. छत्तीसगढ़ के गांवों की महक इनकी कविता में महसूस की जा सकती है. छत्तीसगढ़ी में लिखी मीर साहब की रचना "नंदा जाही का रे" को हर वर्ग के लोगों से भरपूर प्यार मिला है. meer ali meer interview

world poetry day
विश्व कविता दिवस
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Published : Mar 21, 2023, 1:28 PM IST

Updated : Mar 21, 2023, 3:02 PM IST

विश्व कविता दिवस

सवाल: आपने कविता लिखने की शुरुआत कब से की?
जवाब: मेरा विद्यार्थी जीवन काफी विसंगतियों से भरा रहा. ग्रामीण परिवेश में मैंने पढ़ाई की. कक्षा 9वीं की पढ़ाई के लिए गांव से हम राजिम आए. उस दौरान राजिम कस्बा हुआ करता था. स्कूल में हर शनिवार गतिविधियां हुआ करती थी. स्कूल में हर शनिवार रामायण पाठ भी हुआ करता था. सभी स्टूडेंट इसमें भाग लेते थे. गाने का अंदाज स्कूली जीवन में मुझे मिल गया था. 1971 में राजिम में किराए के मकान में रहा करते थे. मकान के बगल में संत पवन दीवान का आश्रम था.

स्कूल में जब स्वतंत्रा दिवस, गणतंत्र दिवस शिक्षक दिवस के मौके पर हम पवन दीवान जी से कविता लिया करते और उनकी लिखी कविताओं की प्रस्तुति करते थे. उस दौरान पवन दीवान की बहन रत्ना हमारी सहपाठी थी. एक बार संत पवन दीवान से हमने कविता मांगी तो वे खिसिया गए. उन्होंने कहा कि तुम 11 वीं कक्षा में पढ़ते हो और खुद नहीं लिख सकते. कल 4 लाइन लिखकर आना. उसके बाद हम लोगों ने प्रयास किया. 1971 से कलम चल रही है. यह सफर आज भी जारी है.

सवाल: आपका नया गाना आया है, जिसे बेहद पसंद किया जा रहा है?
जवाब: जिस गीत को मैंने बनाया है, उसमें खेल को भी दर्शाया गया है. स्पोर्ट्स बैकग्राउंड से रहा हूं. स्कूली जीवन में एनसीसी और स्काउट गाइड में भी भाग लेता था. हम नेशनल कंपटीशन में भी दूसरे राज्य जाया करते थे. कैंप में अन्य राज्य से भी खिलाड़ी आते थे. वे अपनी भाषाओं में अपने गीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते थे. वहीं से एक भावना थी, कि छत्तीसगढ़ के विलुप्त होते खेलों को भी रचना के माध्यम से सामने लाया जाए. कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़िया ओलंपिक संपन्न हुआ. इससे पहले मैंने यह गीत लिखा था. नए दौर में रैपर के साथ में तालमेल बैठाना थोड़ा मुश्किल था. वर्तमान दौर को ध्यान में रखते हुए नया गीत बनाया गया है. यह युवाओं को बहुत पसंद आ रहा है.

सवाल: आपने नए गीत में खुडू डू डू शब्द का इस्तेमाल किया है, इसका क्या अर्थ है?
जवाब: कबड्डी खेलते समय खिलाड़ी कबड्डी कबड्डी कहते हैं. लेकिन गांव में पुराने लोग कबड्डी खेलते समय कबड्डी कबड्डी नहीं बोलकर खुडू डू डू डू बोलकर रफ्तार से दौड़ते थे. जब मैंने इस बात को चिंतन में लाया तो वाकई में यह नया शब्द था. गांव के खेलकूद को दर्शाते हुए यह गीत बनाया गया है.


सवाल: आपने अपने नए गाने में खेल को ही क्यों केंद्रित किया?
जवाब: कविता के माध्यम से हम समाज को संदेश देना चाहते हैं, मैं सभी से कहना चाहता हूं कि अगर आप खाली समय बैठे हैं तो किसी रचनात्मक काम में लग जाएं. छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल के माध्यम से मैं अपनी कविताओं को जनता के बीच में लेकर गया हूं. आज के समय में बहुत सारे खेल विलुप्त हो रहे हैं. मैं अपनी कविताओं में उन खेलों को लेकर आया. आज के समय में युवा घर से बाहर नहीं निकलना चाहते. वे अपना ज्यादा समय इंटरनेट में बिताते हैं. हम चाहते हैं कि इस गीत के माध्यम से युवा प्रेरित हों. घर से बाहर निकल कर आगे आएं और खेल भी खेलें.


सवाल: वर्तमान दौर में कवियों और रचनाकारों की आलोचना को सरकारें बर्दाश्त नहीं कर रही हैं, इसे किस तरह से देखते हैं?
जवाब: पूरे विश्व में वैचारिक भिन्नता के कारण ऐसी चीजें सामने आ रही है. लेकिन जब नेता एक साथ बैठते हैं, तब उन्हें वैचारिक एकता नजर आती है. उस समय उनकी भिन्नता नहीं दिखती. यह जो हो रहा है, वह बेहद गलत हो रहा है. जब चुनाव आते हैं, तब नेताओं का व्यवहार बदल जाता है. सत्ता के लालच के कारण भावनाएं सही ढंग से नहीं पहुंचा पा रहे हैं. मैं चाहता हूं कि देश का नेता ऐसा हो, जिस पर उंगली ना उठे. भ्रष्टाचार आज के समय में शिष्टाचार हो गया है. इससे हमें मुक्त होना है. इसके लिए आम जनता को आगे आना पड़ेगा.

आने वाले दिनों में देश और विश्व की भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर बदलाव आने वाला है. वर्तमान जल रहा है लेकिन आने वाली पीढ़ी को जल्द मुक्ति मिलेगी. एक अच्छे, सुंदर समाज का निर्माण होगा. लोग कहते हैं कि युवा भटक गए हैं. दरअसल युवाओं को काम में नहीं लगाया जा रहा है. वे काम नहीं करना चाह रहे हैं. हमारे छत्तीसगढ़ में सब्जी और जलेबी बेचने वाले दूसरे प्रांत से आ रहे हैं. लेकिन उस काम को यहां के लोग खुद नहीं कर रहे हैं. बाहर के लोग आपकी कमियों का फायदा उठा रहे हैं. युवाओं को यह चीज आनी चाहिए कि अगर आपके गांव और मोहल्ले में काम है तो वह अपने काम में लग जाएं.

यह भी पढ़ें: Daily Love Horoscope 21 March :कैसा बीतेगा आज का दिन, जानिए अपना आज का राशिफल


सवाल: आज के समय में युवा भी अच्छा लिख रहे हैं, उन्हें क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब: युवाओं के मन में हर पल बहुत से विचार आते हैं. उन विचारों का संतुलन नहीं हो पा रहा है. उनके मन में बहुत सी बातें आती है. लेकिन उनकी याददाश्त कहीं और चली जाती है. हमारा मन बेहद तेज भागने वाला है. मन को अगर आप अपने बस में रखना चाहते हैं तो कोई भी विधा हो, उसमें लग जाइए. उस काम में निपुण हो जाएं. युवा जिस भी क्षेत्र में आ रहे हैं, पूरा मन लगाकर काम करें. आप स्पेशलिस्ट बनें. अगर आप मन लगाकर काम करेंगे तो आपका घर परिवार सुखी रहेगा. युवा पीढ़ी नशे से दूर रहे. नशा ही नाश की जड़ है. युवा नशे से दूर रहें. सामाजिक कार्य करें और अपने स्किल को डेवलप करें.

विश्व कविता दिवस

सवाल: आपने कविता लिखने की शुरुआत कब से की?
जवाब: मेरा विद्यार्थी जीवन काफी विसंगतियों से भरा रहा. ग्रामीण परिवेश में मैंने पढ़ाई की. कक्षा 9वीं की पढ़ाई के लिए गांव से हम राजिम आए. उस दौरान राजिम कस्बा हुआ करता था. स्कूल में हर शनिवार गतिविधियां हुआ करती थी. स्कूल में हर शनिवार रामायण पाठ भी हुआ करता था. सभी स्टूडेंट इसमें भाग लेते थे. गाने का अंदाज स्कूली जीवन में मुझे मिल गया था. 1971 में राजिम में किराए के मकान में रहा करते थे. मकान के बगल में संत पवन दीवान का आश्रम था.

स्कूल में जब स्वतंत्रा दिवस, गणतंत्र दिवस शिक्षक दिवस के मौके पर हम पवन दीवान जी से कविता लिया करते और उनकी लिखी कविताओं की प्रस्तुति करते थे. उस दौरान पवन दीवान की बहन रत्ना हमारी सहपाठी थी. एक बार संत पवन दीवान से हमने कविता मांगी तो वे खिसिया गए. उन्होंने कहा कि तुम 11 वीं कक्षा में पढ़ते हो और खुद नहीं लिख सकते. कल 4 लाइन लिखकर आना. उसके बाद हम लोगों ने प्रयास किया. 1971 से कलम चल रही है. यह सफर आज भी जारी है.

सवाल: आपका नया गाना आया है, जिसे बेहद पसंद किया जा रहा है?
जवाब: जिस गीत को मैंने बनाया है, उसमें खेल को भी दर्शाया गया है. स्पोर्ट्स बैकग्राउंड से रहा हूं. स्कूली जीवन में एनसीसी और स्काउट गाइड में भी भाग लेता था. हम नेशनल कंपटीशन में भी दूसरे राज्य जाया करते थे. कैंप में अन्य राज्य से भी खिलाड़ी आते थे. वे अपनी भाषाओं में अपने गीत और सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत करते थे. वहीं से एक भावना थी, कि छत्तीसगढ़ के विलुप्त होते खेलों को भी रचना के माध्यम से सामने लाया जाए. कुछ दिन पहले छत्तीसगढ़िया ओलंपिक संपन्न हुआ. इससे पहले मैंने यह गीत लिखा था. नए दौर में रैपर के साथ में तालमेल बैठाना थोड़ा मुश्किल था. वर्तमान दौर को ध्यान में रखते हुए नया गीत बनाया गया है. यह युवाओं को बहुत पसंद आ रहा है.

सवाल: आपने नए गीत में खुडू डू डू शब्द का इस्तेमाल किया है, इसका क्या अर्थ है?
जवाब: कबड्डी खेलते समय खिलाड़ी कबड्डी कबड्डी कहते हैं. लेकिन गांव में पुराने लोग कबड्डी खेलते समय कबड्डी कबड्डी नहीं बोलकर खुडू डू डू डू बोलकर रफ्तार से दौड़ते थे. जब मैंने इस बात को चिंतन में लाया तो वाकई में यह नया शब्द था. गांव के खेलकूद को दर्शाते हुए यह गीत बनाया गया है.


सवाल: आपने अपने नए गाने में खेल को ही क्यों केंद्रित किया?
जवाब: कविता के माध्यम से हम समाज को संदेश देना चाहते हैं, मैं सभी से कहना चाहता हूं कि अगर आप खाली समय बैठे हैं तो किसी रचनात्मक काम में लग जाएं. छत्तीसगढ़ के पारंपरिक खेल के माध्यम से मैं अपनी कविताओं को जनता के बीच में लेकर गया हूं. आज के समय में बहुत सारे खेल विलुप्त हो रहे हैं. मैं अपनी कविताओं में उन खेलों को लेकर आया. आज के समय में युवा घर से बाहर नहीं निकलना चाहते. वे अपना ज्यादा समय इंटरनेट में बिताते हैं. हम चाहते हैं कि इस गीत के माध्यम से युवा प्रेरित हों. घर से बाहर निकल कर आगे आएं और खेल भी खेलें.


सवाल: वर्तमान दौर में कवियों और रचनाकारों की आलोचना को सरकारें बर्दाश्त नहीं कर रही हैं, इसे किस तरह से देखते हैं?
जवाब: पूरे विश्व में वैचारिक भिन्नता के कारण ऐसी चीजें सामने आ रही है. लेकिन जब नेता एक साथ बैठते हैं, तब उन्हें वैचारिक एकता नजर आती है. उस समय उनकी भिन्नता नहीं दिखती. यह जो हो रहा है, वह बेहद गलत हो रहा है. जब चुनाव आते हैं, तब नेताओं का व्यवहार बदल जाता है. सत्ता के लालच के कारण भावनाएं सही ढंग से नहीं पहुंचा पा रहे हैं. मैं चाहता हूं कि देश का नेता ऐसा हो, जिस पर उंगली ना उठे. भ्रष्टाचार आज के समय में शिष्टाचार हो गया है. इससे हमें मुक्त होना है. इसके लिए आम जनता को आगे आना पड़ेगा.

आने वाले दिनों में देश और विश्व की भौगोलिक परिस्थितियों के आधार पर बदलाव आने वाला है. वर्तमान जल रहा है लेकिन आने वाली पीढ़ी को जल्द मुक्ति मिलेगी. एक अच्छे, सुंदर समाज का निर्माण होगा. लोग कहते हैं कि युवा भटक गए हैं. दरअसल युवाओं को काम में नहीं लगाया जा रहा है. वे काम नहीं करना चाह रहे हैं. हमारे छत्तीसगढ़ में सब्जी और जलेबी बेचने वाले दूसरे प्रांत से आ रहे हैं. लेकिन उस काम को यहां के लोग खुद नहीं कर रहे हैं. बाहर के लोग आपकी कमियों का फायदा उठा रहे हैं. युवाओं को यह चीज आनी चाहिए कि अगर आपके गांव और मोहल्ले में काम है तो वह अपने काम में लग जाएं.

यह भी पढ़ें: Daily Love Horoscope 21 March :कैसा बीतेगा आज का दिन, जानिए अपना आज का राशिफल


सवाल: आज के समय में युवा भी अच्छा लिख रहे हैं, उन्हें क्या संदेश देना चाहेंगे?
जवाब: युवाओं के मन में हर पल बहुत से विचार आते हैं. उन विचारों का संतुलन नहीं हो पा रहा है. उनके मन में बहुत सी बातें आती है. लेकिन उनकी याददाश्त कहीं और चली जाती है. हमारा मन बेहद तेज भागने वाला है. मन को अगर आप अपने बस में रखना चाहते हैं तो कोई भी विधा हो, उसमें लग जाइए. उस काम में निपुण हो जाएं. युवा जिस भी क्षेत्र में आ रहे हैं, पूरा मन लगाकर काम करें. आप स्पेशलिस्ट बनें. अगर आप मन लगाकर काम करेंगे तो आपका घर परिवार सुखी रहेगा. युवा पीढ़ी नशे से दूर रहे. नशा ही नाश की जड़ है. युवा नशे से दूर रहें. सामाजिक कार्य करें और अपने स्किल को डेवलप करें.

Last Updated : Mar 21, 2023, 3:02 PM IST
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