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World Milk Day 2022: आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व दुग्ध दिवस - Objective of celebrating world milk day

World Milk Day 2022: विश्व दुग्ध दिवस मनाने का उद्देश्य दुनियाभर में दूध से पोषित हो रहे लोगों को दूध का महत्व समझाना और आहार में दूध को शामिल करवाना है.

World Milk Day 2022
विश्व दुग्ध दिवस 2022
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Published : May 31, 2022, 12:06 PM IST

रायपुर: हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता (World Milk Day 2022 ) है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य डेयरी या दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में स्थिरता, आजीविक और आर्थिक विकास का योगदान है. दुनियाभर में दूध से पोषित हो रहे लोगों व इससे चलने वाली आजीविका के कारण इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता (Benefits of celebrating world milk day) है.

यह भी पढ़ें: World Environment Day: विश्व पर्यावरण दिवस इसलिए है बेहद खास

विश्व दुग्ध दिवस मनाने का उद्देश्य: दरअसल, इस दिन को मनाने का मूल मकसद विश्व में दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देना है. वैसे भारत में दूध दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है, लेकिन पूरे विश्व में यह 1 जून को मनाया जाता है. इस दिन के माध्यम से लोगों को दूध के प्रति जागरूक करना है. इसे समझाने और आहार में दूध को शामिल करने के लिए जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है.

विश्व दुग्ध दिवस की शुरुआत: साल 2001 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी. इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के विभाग खाद्य और कृषि संगठन द्वारा की गई थी. पिछले साल विश्व दुग्ध दिवस में 72 देशों ने भाग लिया था. इन देशों में लगभग 586 प्रोग्राम्स का आयोजन किया गया था. आपको बता दें कि भारत में 1 जून के विश्व दुग्ध दिवस व 26 नवंबर के राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है. क्योंकि इसी दिन साल 1921 में श्वेत क्रांति के जनक व भारत में दुग्ध उत्पादन के जनक कहे जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था.

अपने आप में संपूर्ण आहार है दूध: कहा जाता है कि दूध अपने आप में संपूर्ण आहार है. दूध एक संतुलित आहार है, जिसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. चिकित्सकों की मानें तो हर किसी को रोजाना एक गिलास दूध का सेवन जरूर करना चाहिए. दूध शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है. यह साबित हो चुका है कि रोजाना एक गिलास दूध पीने से हमारा इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और बीमारियां दूर रहती हैं.

रायपुर: हर साल 1 जून को विश्व दुग्ध दिवस मनाया जाता (World Milk Day 2022 ) है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य डेयरी या दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में स्थिरता, आजीविक और आर्थिक विकास का योगदान है. दुनियाभर में दूध से पोषित हो रहे लोगों व इससे चलने वाली आजीविका के कारण इस दिन को विशेष महत्व दिया जाता (Benefits of celebrating world milk day) है.

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विश्व दुग्ध दिवस मनाने का उद्देश्य: दरअसल, इस दिन को मनाने का मूल मकसद विश्व में दूध को वैश्विक भोजन के रूप में मान्यता देना है. वैसे भारत में दूध दिवस 26 नवंबर को मनाया जाता है, लेकिन पूरे विश्व में यह 1 जून को मनाया जाता है. इस दिन के माध्यम से लोगों को दूध के प्रति जागरूक करना है. इसे समझाने और आहार में दूध को शामिल करने के लिए जागरूक करने के लिए यह दिन मनाया जाता है.

विश्व दुग्ध दिवस की शुरुआत: साल 2001 में इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी. इसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के विभाग खाद्य और कृषि संगठन द्वारा की गई थी. पिछले साल विश्व दुग्ध दिवस में 72 देशों ने भाग लिया था. इन देशों में लगभग 586 प्रोग्राम्स का आयोजन किया गया था. आपको बता दें कि भारत में 1 जून के विश्व दुग्ध दिवस व 26 नवंबर के राष्ट्रीय दुग्ध दिवस मनाया जाता है. क्योंकि इसी दिन साल 1921 में श्वेत क्रांति के जनक व भारत में दुग्ध उत्पादन के जनक कहे जाने वाले वर्गीज कुरियन का जन्म हुआ था.

अपने आप में संपूर्ण आहार है दूध: कहा जाता है कि दूध अपने आप में संपूर्ण आहार है. दूध एक संतुलित आहार है, जिसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं. चिकित्सकों की मानें तो हर किसी को रोजाना एक गिलास दूध का सेवन जरूर करना चाहिए. दूध शरीर को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है. यह साबित हो चुका है कि रोजाना एक गिलास दूध पीने से हमारा इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और बीमारियां दूर रहती हैं.

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