रायपुर: विश्व मौसम विज्ञान दिवस के अवसर पर गुरुवार को राजधानी के मौसम विज्ञान केंद्र में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राएं पहुंचे थे. उन्होंने मौसम संबंधी जानकारी यहां के विशेषज्ञों से प्राप्त की. मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने छात्र छात्राओं को मौसम से संबंधित जानकारी देने के साथ ही मौसम के उपयोग में लाए जाने वाले उपकरण और इंस्ट्रूमेंट की बारीकी सामझाया. इस दौरान कृषि विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं में भी मौसम संबंधी जानकारी प्राप्त करने के लिए उत्साह देखने को मिला.
वेदर सिस्टम के बारे में दी गई जानकारी: मौसम वैज्ञानिक एचपी चंद्रा ने बताया कि "मौसम विज्ञान विभाग की उपयोगिता विश्व स्तर पर बनाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि की कोई भी वेदर सिस्टम पॉलीटिकल बाउंड्री तक सीमित नहीं रहता." इसके लिए उन्होंने एक उदाहरण भी प्रस्तुत किया. उन्होंने बताया कि "छत्तीसगढ़ में कोई घटना होती है, तो ऐसा नहीं है कि वह दूसरे राज्य में ना हो. इसी तरह भारत में कोई वेदर सिस्टम आता है, तो वह दूसरे देश में भी देखने को मिलेगा. भारत के आसपास के देशों में भी वेदर सिस्टम देखने को मिलेगा."
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आधुनिक उपकरणों की भी दी जानकारी: रायपुर के मौसम विज्ञान केंद्र में मौसम की जानकारी के लिए नए नए इंस्ट्रूमेंट और उपकरण हैं. साथ ही सभी इंस्ट्रूमेंट तथा उपकरण इलेक्ट्रॉनिक और ऑटोमेटिक होते जा रहे हैं. इन्हीं उपकरणों के माध्यम से मौसम की सटीक जानकारी मिलती है. इस पर अपने विचार मौसम विज्ञानी ने आम लोगों के साथ ही छात्र छात्राओं के साथ शेयर किया.