रायपुर: विश्व मलेरिया दिवस हर साल 25 अप्रैल को मनाया जाता है. इस बार मंगलवार को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाएगा. इन दिन को मनाने का उद्देश्य मलेरिया के प्रति सतर्क और जानरूक रहना है. मच्छरों के काटने से होने वाली इस बीमारी से कई लोगों की जान भी चली जाती है. छत्तीसगढ़ में हर साल मलेरिया का प्रकोप देखा जाता है.
मलेरिया के लक्षण: ठंड के साथ तेज कंपकंपी आना इस बीमारी का लक्षण है. कंपकंपी के साथ बुखार आना, अचानक काफी ठंड लगना, पसीना आना, पसीना आकर बुखार कम होना, कमजोरी महसूस करना, बुखार के साथ तेज सर दर्द होना, बदन दर्द होना, उल्टी दस्त होना ये सभी मलेरिया के लक्षण हैं. खासकर बारिश के मौसम में मच्छरों के काटने से मलेरिया होता है.
मलेरिया से बचने का उपाय: मलेरिया से बचने के लिए सफाई का खास ध्यान रखें. मच्छरदानी का उपयोग करें. मच्छरों को मारने वाले दवाई का इस्तेमाल करें. गंदे पानी वाले जगह को साफ रखें. बारिश के पानी को जमने न दे.
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2008 से हुई विश्व मलेरिया दिवस मनाने की शुरुआत: विश्व स्वास्थ्य संगठन ने साल 2007 में विश्व स्वास्थ्य सभा के 60वें सत्र में विश्व मलेरिया दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा. साल 2008 से हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाने लगा.
छत्तीसगढ़ में मलेरिया: छत्तीसगढ़ में मलेरिया को जड़ से खत्म करने की पूरी पहल की जा रही है. इसके लिए बघेल सरकार की ओर से जिला-जिला जाकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार दूरस्थ अंचलों में स्वास्थ्य सुविधाएं सुलभ करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रही है. हर जिला में मलेरिया को जड़ से खत्म करने को बारिश के मौसम में निगम की ओर से दवाईयों का छिड़काव किया जाता है.