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गोबर गौमूत्र से बनी चटाई गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज, पीएम मोदी को भेंट की जाएगी चटाई

world first Cow dung mat गोधन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ का जलवा लगातार कायम है. गोबर और गौमूत्र से बनी चटाई ने विश्व स्तर पर पहचान बनाई है. इस चटाई को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा गया है. खैरागढ़ की मनोहर गौशाला में बनी इस चटाई को अब पीएम नरेंद्र मोदी को भेंट किया जाएगा. Golden Book of World Records

world first Cow dung mat
गोबर गौमूत्र से बनी चटाई
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 9, 2024, 4:14 PM IST

Updated : Jan 9, 2024, 9:32 PM IST

गोबर गौमूत्र से बनी चटाई का वर्ल्ड रिकॉर्ड

रायपुर: नए साल पर छत्तीसगढ़ ने गोधन के क्षेत्र में बड़ा कमाल किया है. खैरागढ़ के मनोहर गौशाला में गोबर गौमूत्र से बनी चटाई को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा गया है. विश्व में पहली बार गाय के गोबर और गौमूत्र से इस चटाई का निर्माण किया गया है. गौशाला के जानकारों ने बताया कि इस चटाई को महर्षि चरक की प्रेरणा से तैयार किया गया है. अब इस चटाई को पीएम नरेंद्र मोदी को उपहार स्वरूप दिया जाएगा.

खैरागढ़ की मनोहर गौशाला ने रचा इतिहास: छत्तीसगढ़ गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की डायरेक्टर डॉक्टर सोनल शर्मा शर्मा भी इस दौरान मौजूद थी. उन्होंने गौशाला को 70 हज़ार लीटर फसल अमृत निशुल्क प्रदान करने के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रदान किया. इसके साथ ही गोबर से बनी चटाई को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दिया गया. इस गौशाला को अब तक पांच पुरस्कार और रिकॉर्ड मिल चुके हैं. मनोहर गौशाला के पास 3000 पौधे लगाकर जंगल बनाया जा रहा है. 1100 गौवंश के लिए शेड और पशु चिकित्सालय का निर्माण कार्य भी जारी है.

गोबर से बनी चटाई की क्या है खासियत: गोबर से बनी चटाई की खासियत की बात करें तो यह पूरी तरीके से आयुर्वेद के गुणों से भरपूर है. इसको तैयार करने में गोबर और गौमूत्र का इस्तेमाल किया गया है. इसे बनाने में कुल 11 महीने का समय लगा है. इस चटाई 6 मीटर लंबी और 4 मीटर चौड़ी है. गाय के गोबर और गोमूत्र से बनी इस चटाई का निर्माण 54 कारीगरों ने मिलकर किया है. ऋषि चरक इस तरह की चटाई का प्रयोग करते थे. शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख किया गया है. ऋषि चरक का नाम महान आयुर्वेदाचार्य में होता है."

"इस तरह की चटाई बनाने के लिए पिछले कई वर्षों से हमारे यहां के कर्मचारी कोशिश कर रहे थे., लेकिन आखिरकार उन्हें 11 महीने की कड़ी मेहनत के बाद इस चटाई को बनाने में सफलता मिली है. चटाई निर्माण का काम पूरा होने के बाद अब जल्द ही स्पीड पोस्ट के जरिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह चटाई भेंट की जाएगी. इसके पहले भी खैरागढ़ के मनोहर गौशाला में गोबर के दीपक, राखी, ब्रेसलेट और गणपति की मूर्तियां तैयार की जा चुकी है.": पदम डाकलिया, संस्थापक, खैरागढ़ मनोहर गौशाला

पीएम मोदी को भेंट की जाएगी ये अनोखी चटाई: पीएम मोदी को यह अनोखी चटाई भेंट की जाएगी. यह पूरे तरीके से आयुर्वेद और औषधीय गुणों से भरपूर है.इसे लेकर खैरागढ़ के मनोहर गौशाला के संस्थापक और कर्मचारी काफी खुश हैं. एक तो इस अनोखी चटाई को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है. वहीं दूसरी तरफ अब इसे देश के प्रधानमंत्री को उपहार के तौर पर दिया जाएगा.

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गोबर गौमूत्र से बनी चटाई का वर्ल्ड रिकॉर्ड

रायपुर: नए साल पर छत्तीसगढ़ ने गोधन के क्षेत्र में बड़ा कमाल किया है. खैरागढ़ के मनोहर गौशाला में गोबर गौमूत्र से बनी चटाई को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा गया है. विश्व में पहली बार गाय के गोबर और गौमूत्र से इस चटाई का निर्माण किया गया है. गौशाला के जानकारों ने बताया कि इस चटाई को महर्षि चरक की प्रेरणा से तैयार किया गया है. अब इस चटाई को पीएम नरेंद्र मोदी को उपहार स्वरूप दिया जाएगा.

खैरागढ़ की मनोहर गौशाला ने रचा इतिहास: छत्तीसगढ़ गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की डायरेक्टर डॉक्टर सोनल शर्मा शर्मा भी इस दौरान मौजूद थी. उन्होंने गौशाला को 70 हज़ार लीटर फसल अमृत निशुल्क प्रदान करने के लिए गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रदान किया. इसके साथ ही गोबर से बनी चटाई को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड दिया गया. इस गौशाला को अब तक पांच पुरस्कार और रिकॉर्ड मिल चुके हैं. मनोहर गौशाला के पास 3000 पौधे लगाकर जंगल बनाया जा रहा है. 1100 गौवंश के लिए शेड और पशु चिकित्सालय का निर्माण कार्य भी जारी है.

गोबर से बनी चटाई की क्या है खासियत: गोबर से बनी चटाई की खासियत की बात करें तो यह पूरी तरीके से आयुर्वेद के गुणों से भरपूर है. इसको तैयार करने में गोबर और गौमूत्र का इस्तेमाल किया गया है. इसे बनाने में कुल 11 महीने का समय लगा है. इस चटाई 6 मीटर लंबी और 4 मीटर चौड़ी है. गाय के गोबर और गोमूत्र से बनी इस चटाई का निर्माण 54 कारीगरों ने मिलकर किया है. ऋषि चरक इस तरह की चटाई का प्रयोग करते थे. शास्त्रों में भी इस बात का उल्लेख किया गया है. ऋषि चरक का नाम महान आयुर्वेदाचार्य में होता है."

"इस तरह की चटाई बनाने के लिए पिछले कई वर्षों से हमारे यहां के कर्मचारी कोशिश कर रहे थे., लेकिन आखिरकार उन्हें 11 महीने की कड़ी मेहनत के बाद इस चटाई को बनाने में सफलता मिली है. चटाई निर्माण का काम पूरा होने के बाद अब जल्द ही स्पीड पोस्ट के जरिए देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यह चटाई भेंट की जाएगी. इसके पहले भी खैरागढ़ के मनोहर गौशाला में गोबर के दीपक, राखी, ब्रेसलेट और गणपति की मूर्तियां तैयार की जा चुकी है.": पदम डाकलिया, संस्थापक, खैरागढ़ मनोहर गौशाला

पीएम मोदी को भेंट की जाएगी ये अनोखी चटाई: पीएम मोदी को यह अनोखी चटाई भेंट की जाएगी. यह पूरे तरीके से आयुर्वेद और औषधीय गुणों से भरपूर है.इसे लेकर खैरागढ़ के मनोहर गौशाला के संस्थापक और कर्मचारी काफी खुश हैं. एक तो इस अनोखी चटाई को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है. वहीं दूसरी तरफ अब इसे देश के प्रधानमंत्री को उपहार के तौर पर दिया जाएगा.

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Last Updated : Jan 9, 2024, 9:32 PM IST
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