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World Breastfeeding Week 2022: शिशु के लिए स्तनपान के फायदे, महत्व और इतिहास

विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 हर साल अगस्त के पहले सप्ताह यानी कि 1 से 7 अगस्त को मनाया जाता है. इस सप्ताह को सेलिब्रेट करने का उद्देश्य मां और बच्चे दोनों की सुरक्षा के साथ-साथ स्तनपान के महत्व को लोगों को समझाना (Importance Of World Breastfeeding Week) है.

World Breastfeeding Week 2022
विश्व स्तनपान सप्ताह 2022
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Published : Jul 31, 2022, 6:12 PM IST

रायपुर: विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 हर साल अगस्त के पहले सप्ताह में माताओं और शिशुओं के लिए स्तनपान के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने को मनाया जाता है. वार्षिक सप्ताह का आयोजन 1991 से डब्ल्यूएबीए, डब्ल्यूएचओ और यूएनआईसीईएफ द्वारा किया जाता (Importance Of World Breastfeeding Week ) है. वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक हर साल 1-7 अगस्त को मनाया जाता है. यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के कुल शिशुओं में से लगभग 60 प्रतिशत को 6 महीने तक जरूरी ब्रेस्टफीडिंग नहीं मिलती है.

स्तनपान बेहद जरूरी: स्तनपान हर बच्चे को जीवन में सर्वोत्तम संभव शुरुआत प्रदान करता है. यह बच्चों और माताओं दोनों को स्वास्थ्य, पोषण और भावनात्मक लाभ प्रदान करता है. यह एक स्थायी खाद्य प्रणाली का हिस्सा है जबकि स्तनपान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. यह हमेशा आसान नहीं होता है. माताओं को समर्थन की जरूरत है.

विश्व स्तनपान सप्ताह का इतिहास: 1990-91 में डब्ल्यूएबीए की स्थापना की गई और 1992 में पहला वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक आधिकारिक तौर पर आयोजित किया गया. उस वर्ष 70 देशों ने नई पहल का जश्न मनाया. अब इसमें 170 देशों की भागीदारी है.

यह भी पढ़ें: International friendship day 2022: अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस का इतिहास और महत्व

वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक का महत्व:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, बाल अधिकारों पर कन्वेंशन के अनुसार प्रत्येक नवजात शिशु को अच्छे पोषण का अधिकार है.
  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व स्तर पर 2016 में एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में 41 मिलियन बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं, जबकि 5 वर्ष से कम उम्र के 155 मिलियन बच्चों के अविकसित (उम्र के हिसाब से बहुत कम) होने का अनुमान है.
  • माना जाता है कि स्तनपान कराने से मां में स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग होने का खतरा कम हो सकता है.
  • यह दस्त और तीव्र श्वसन संक्रमण जैसे संक्रमणों को रोकता है. साथ ही, यह शिशु मृत्यु दर को कम करता है.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि स्तनपान में वृद्धि से स्तन कैंसर के कारण हर साल 20,000 मातृ मृत्यु को रोका जा सकता है.

रायपुर: विश्व स्तनपान सप्ताह 2022 हर साल अगस्त के पहले सप्ताह में माताओं और शिशुओं के लिए स्तनपान के महत्व पर जागरूकता बढ़ाने को मनाया जाता है. वार्षिक सप्ताह का आयोजन 1991 से डब्ल्यूएबीए, डब्ल्यूएचओ और यूएनआईसीईएफ द्वारा किया जाता (Importance Of World Breastfeeding Week ) है. वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक हर साल 1-7 अगस्त को मनाया जाता है. यूनिसेफ की रिपोर्ट के अनुसार, दुनिया के कुल शिशुओं में से लगभग 60 प्रतिशत को 6 महीने तक जरूरी ब्रेस्टफीडिंग नहीं मिलती है.

स्तनपान बेहद जरूरी: स्तनपान हर बच्चे को जीवन में सर्वोत्तम संभव शुरुआत प्रदान करता है. यह बच्चों और माताओं दोनों को स्वास्थ्य, पोषण और भावनात्मक लाभ प्रदान करता है. यह एक स्थायी खाद्य प्रणाली का हिस्सा है जबकि स्तनपान एक प्राकृतिक प्रक्रिया है. यह हमेशा आसान नहीं होता है. माताओं को समर्थन की जरूरत है.

विश्व स्तनपान सप्ताह का इतिहास: 1990-91 में डब्ल्यूएबीए की स्थापना की गई और 1992 में पहला वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक आधिकारिक तौर पर आयोजित किया गया. उस वर्ष 70 देशों ने नई पहल का जश्न मनाया. अब इसमें 170 देशों की भागीदारी है.

यह भी पढ़ें: International friendship day 2022: अंतर्राष्ट्रीय मित्रता दिवस का इतिहास और महत्व

वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक का महत्व:

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा जारी जानकारी के अनुसार, बाल अधिकारों पर कन्वेंशन के अनुसार प्रत्येक नवजात शिशु को अच्छे पोषण का अधिकार है.
  • संयुक्त राष्ट्र द्वारा विश्व स्तर पर 2016 में एकत्र किए गए आंकड़ों के अनुसार, दुनिया में 41 मिलियन बच्चे मोटापे से ग्रस्त हैं, जबकि 5 वर्ष से कम उम्र के 155 मिलियन बच्चों के अविकसित (उम्र के हिसाब से बहुत कम) होने का अनुमान है.
  • माना जाता है कि स्तनपान कराने से मां में स्तन कैंसर, डिम्बग्रंथि के कैंसर, टाइप 2 डायबिटीज और हृदय रोग होने का खतरा कम हो सकता है.
  • यह दस्त और तीव्र श्वसन संक्रमण जैसे संक्रमणों को रोकता है. साथ ही, यह शिशु मृत्यु दर को कम करता है.
  • विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार यह अनुमान लगाया गया है कि स्तनपान में वृद्धि से स्तन कैंसर के कारण हर साल 20,000 मातृ मृत्यु को रोका जा सकता है.
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