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World Animal Day: एक ऐसा दिन जो पशुओं को है समर्पित

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Published : Oct 3, 2021, 8:45 AM IST

Updated : Oct 4, 2021, 6:30 AM IST

विश्व पशु दिवस (World animal day) को असीसी के सेंट फ्रांसिस (St. Francis of Assisi) का जन्म दिवस के दिन मनाया जाता है. बताया जा रहा है कि ये पशुओं के महान संरक्षक (Great protector of animals) थे. इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में जानवरों की स्थिति में सुधार (Main objective is to improve the condition of animals around the world) लाना है.

World animal day
विश्व पशु दिवस

रायपुरः विश्व पशु दिवस (World animal day) यानी कि एक ऐसा दिन जो पशुओं को समर्पित हो. हर साल हमारे देश में 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस (World animal day) मनाया जाता है. इस साल विश्व पशु दिवस सोमवार को मनाया जाएगा. बता दें कि इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में जानवरों की स्थिति में सुधार (Main objective is to improve the condition of animals around the world)लाना है. बताया जा रहा है कि इसी दिन असीसी के सेंट फ्रांसिस (St. Francis of Assisi) का जन्म दिवस है. जो कि जानवरों के महान संरक्षक (Great protector of animals)थे. दरअसल, विश्व पशु दिवस (World animal day) का आयोजन 1931 से परिस्थिति विज्ञान शास्त्रियों के सम्मलेन (Conference of Ecological Scientists since 1931) में इटली के शहर फ्लोरेंस (Italy city Florence) में शुरू हुआ था.

विश्व पशु दिवस का उद्देश्य

बताया जा रहा है कि विश्व पशु दिवस का मूल उद्देश्य जानवरों के कल्याण मानकों में सुधार करना और व्यक्तियों, समूह, संगठनों का समर्थन प्राप्त करना है. इतना ही नहीं इसके साथ ही इसका उद्देश्य जानवरों के प्रति प्यार प्रकट करना भी है, ताकि उनका जीवन सक्षम और बेहतर हो सके. इसीलिए इस दिन को “पशु प्रेमी दिवस” के नाम से भी जाना जाता है. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है, इस दिन आप जानवरों के प्रति अपना प्यार प्रकट कर सेलिब्रेट कर सकते हैं.

विश्व शाकाहार दिवस: क्या शाकाहारी लोग अधिक जीते हैं ?

जाने कैसे हुई विश्व पशु दिवस की शुरुआत

दरअसल, विश्व पशु दिवस की शुरुआत स्त्री रोग विशेषज्ञ हेनरिक ज़िमरमन ने की थी. उन्होंने 24 मार्च 1925 को बर्लिन, जर्मनी में स्पोर्ट्स पैलेस में पहला विश्व पशु दिवस आयोजित किया था. बताया जा रहा है कि इसके पहले कार्यक्रम में 5,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था. उस समय पर विश्व पशु दिवस का कार्यक्रम मूल रूप से 4 अक्टूबर के लिए निर्धारित किया गया था, जो कि असीसी के संत फ्रांसिस के पर्व के साथ जोड़ने के लिए था.

पशु दिवस का इतिहास

पहली बार विश्व पशु दिवस की शुरुआत हेनरिक जिमरमन ने 24 मार्च, 1925 को जर्मनी के बर्लिन में स्थित स्पोर्ट्स पैलेस से की थी. लेकिन उसके बाद साल 1929 में विश्व पशु दिवस को 4 अक्टूबर को मनाया जाने लगा. विश्व पशु आंदोलन की शुरुआत जर्मनी में की गई थी, उसके बाद धीरे -धीरे ये व्यापक रूप ले लिया. 1931 में फ्लोरेंस, इटली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पशु संरक्षण सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय पशु दिवस के तौर पर 4 अक्टूबर को मनाने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. वहीं, यूनाइटेड नेशंस ने “पशु कल्याण पर एक सार्वभौम घोषणा” के नियम और निर्देशों के अधीन अनेक अभियानों की शुरुआत की.नैतिकता के नजरिए से संयुक्त राष्ट्र ने सर्वाजनिक रूप से की गई घोषणा में पशुओं के दर्द-पीड़ा के सन्दर्भ में उन्हें संवेदनशील प्राणी के रूप में पहचान देने की बात भी कही थी.

हर देश में खास तरीके से मनाया जाता है विश्व पशु दिवस

बता दें कि मौजूदा समय में हर देश में विश्व पशु दिवस अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. सभी देश अपनी राष्ट्रीयता, धर्म, आस्था और राजनीतिक विचारधारा के आधार पर अपने-अपने तौर तरीके के साथ विश्व पशु दिवस मनाते हैं.

रायपुरः विश्व पशु दिवस (World animal day) यानी कि एक ऐसा दिन जो पशुओं को समर्पित हो. हर साल हमारे देश में 4 अक्टूबर को विश्व पशु दिवस (World animal day) मनाया जाता है. इस साल विश्व पशु दिवस सोमवार को मनाया जाएगा. बता दें कि इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य दुनियाभर में जानवरों की स्थिति में सुधार (Main objective is to improve the condition of animals around the world)लाना है. बताया जा रहा है कि इसी दिन असीसी के सेंट फ्रांसिस (St. Francis of Assisi) का जन्म दिवस है. जो कि जानवरों के महान संरक्षक (Great protector of animals)थे. दरअसल, विश्व पशु दिवस (World animal day) का आयोजन 1931 से परिस्थिति विज्ञान शास्त्रियों के सम्मलेन (Conference of Ecological Scientists since 1931) में इटली के शहर फ्लोरेंस (Italy city Florence) में शुरू हुआ था.

विश्व पशु दिवस का उद्देश्य

बताया जा रहा है कि विश्व पशु दिवस का मूल उद्देश्य जानवरों के कल्याण मानकों में सुधार करना और व्यक्तियों, समूह, संगठनों का समर्थन प्राप्त करना है. इतना ही नहीं इसके साथ ही इसका उद्देश्य जानवरों के प्रति प्यार प्रकट करना भी है, ताकि उनका जीवन सक्षम और बेहतर हो सके. इसीलिए इस दिन को “पशु प्रेमी दिवस” के नाम से भी जाना जाता है. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है, इस दिन आप जानवरों के प्रति अपना प्यार प्रकट कर सेलिब्रेट कर सकते हैं.

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जाने कैसे हुई विश्व पशु दिवस की शुरुआत

दरअसल, विश्व पशु दिवस की शुरुआत स्त्री रोग विशेषज्ञ हेनरिक ज़िमरमन ने की थी. उन्होंने 24 मार्च 1925 को बर्लिन, जर्मनी में स्पोर्ट्स पैलेस में पहला विश्व पशु दिवस आयोजित किया था. बताया जा रहा है कि इसके पहले कार्यक्रम में 5,000 से अधिक लोगों ने हिस्सा लिया था. उस समय पर विश्व पशु दिवस का कार्यक्रम मूल रूप से 4 अक्टूबर के लिए निर्धारित किया गया था, जो कि असीसी के संत फ्रांसिस के पर्व के साथ जोड़ने के लिए था.

पशु दिवस का इतिहास

पहली बार विश्व पशु दिवस की शुरुआत हेनरिक जिमरमन ने 24 मार्च, 1925 को जर्मनी के बर्लिन में स्थित स्पोर्ट्स पैलेस से की थी. लेकिन उसके बाद साल 1929 में विश्व पशु दिवस को 4 अक्टूबर को मनाया जाने लगा. विश्व पशु आंदोलन की शुरुआत जर्मनी में की गई थी, उसके बाद धीरे -धीरे ये व्यापक रूप ले लिया. 1931 में फ्लोरेंस, इटली में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय पशु संरक्षण सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय पशु दिवस के तौर पर 4 अक्टूबर को मनाने के लिए एक प्रस्ताव भी पारित किया गया. वहीं, यूनाइटेड नेशंस ने “पशु कल्याण पर एक सार्वभौम घोषणा” के नियम और निर्देशों के अधीन अनेक अभियानों की शुरुआत की.नैतिकता के नजरिए से संयुक्त राष्ट्र ने सर्वाजनिक रूप से की गई घोषणा में पशुओं के दर्द-पीड़ा के सन्दर्भ में उन्हें संवेदनशील प्राणी के रूप में पहचान देने की बात भी कही थी.

हर देश में खास तरीके से मनाया जाता है विश्व पशु दिवस

बता दें कि मौजूदा समय में हर देश में विश्व पशु दिवस अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है. सभी देश अपनी राष्ट्रीयता, धर्म, आस्था और राजनीतिक विचारधारा के आधार पर अपने-अपने तौर तरीके के साथ विश्व पशु दिवस मनाते हैं.

Last Updated : Oct 4, 2021, 6:30 AM IST
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