रायपुर: सिंगापुर में ईएसजी ग्रिट पुरस्कार समारोह में सम्मानित स्व सहायता समूह की महिलाओं ने आज मुख्यमंत्री से मुलाकात की . इस दौरान सीएम ने राज्य लघु वनोपज संघ सहित वनधन केन्द्रों के समूहों को उनकी इस महत्त्वपूर्ण उपलब्धि के लिए बधाई और शुभकामनाएं दी. मुख्यमंत्री बघेल के पूछे जाने पर मां धारिणी करिन स्व-सहायता समूह बकावंड वन धन केन्द्र की पद्मिनी बघेल ने बताया कि "उन्होंने पुरस्कार समारोह में अपने बकावण्ड काजू की पूरी प्रोसेसिंग प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी. उन्होंने मुख्यमंत्री को बताया कि अब उनके समूह ने अपनी छोटी सी दुनिया से एक बड़ी दुनिया की ओर अपना पहला कदम बढ़ाया है. हरिबोल स्व-सहायता समूह डोंगानाला वनधन केन्द्र की सदस्य सरोज पटेल ने बताया कि समारोह में उनके समूह के द्वारा वनौषधियों के संग्रहण से उनके प्रसंस्करण और विक्रय तक की पूरी प्रक्रिया बताई गई. महिलाओं ने मुख्यमंत्री को बताया कि सिंगापुर बहुत सुंदर है.
सिंगापुर में कोरबा और जगदलपुर की महिलाएं हुईं सम्मानित: गौरतलब है कि सिंगापुर में 22 और 23 जुलाई को आयोजित ईएसजी ग्रिट पुरस्कार समारोह में छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ सहित जगदलपुर और कोरबा के दो महिला स्व-सहायता समूह पुरस्कृत हुए. प्रदेश को लघु वनोपज प्रोसेसिंग के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर यह महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल हुई. जिसके तहत छत्तीसगढ़ को संधारणीय विकास, गरीबी उन्मूलन और महिला सशक्तिकरण के लिए अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिला. छत्तीसगढ़ राज्य बनने के उपरांत संभवतः यह पहला अवसर है. जब महिला स्व-सहायता समूह के सदस्य एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिष्ठित पुरस्कार प्राप्त करने के लिए विदेश यात्रा पर थे.
महिलाओं ने अपनी काबलियत का लोहा मनवाया: छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ के वन धन विकास केन्द्रों में लघु वनोपज के प्रसंस्करण कार्य में लगी महिला सदस्यों के समर्पित कार्य प्रणाली का परिणाम है कि इस अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए उनकी पहचान हुई. समारोह में मां धारिणी करिन स्व-सहायता समूह बकावंड वन धन केन्द्र की सदस्य पद्मिनी बघेल तथा बेलाबाई कश्यप तथा हरिबोल स्व-सहायता समूह डोंगानाला वनधन केन्द्र की सदस्य सरोज पटेल तथा फूलबाई सम्मानित हुई.खुशी से भरपूर छत्तीसगढ़ के इन वनवासी प्रतिनिधियों ने 150 देशों के 200 से अधिक प्रतिनिधियों के समक्ष यह पुरस्कार ग्रहण करते हुए छत्तीसगढ़ मॉडल की बात लोगों को बताई. छत्तीसगढ़ हर्बल्स को विदेशों में भी पहचान मिल रही है.