रायपुर: बीजेपी ने छत्तीसगढ़ विधानसभा में मंगलवार को दावा किया कि कांग्रेस सरकार की निगरानी में आदिवासी बहुल इलाकों में धर्म परिवर्तन में वृद्धि हुई है. narayanpur conversion controversy बीजेपी ने इस मसले पर नारायणपुर की घटना का हवाला दिया. Ruckus on issue of conversion in cg vidhansabha नारायणपुर में विरोध प्रदर्शन के दौरान एसपी पर हमला और चर्च में तोड़फोड़ का मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ. आसंदी ने हंगामे की वजह से 12 विपक्षी विधायकों को निलंबित कर दिया. winter session of chhattisgarh assembly बीजेपी ने कहा कि नारायणपुर शहर में सोमवार की हिंसक घटना को टाला जा सकता था. अगर पुलिस ने कथित धर्मांतरण से संबंधित शिकायतों के खिलाफ समय पर कार्रवाई की होती.
बृजमोहन अग्रवाल ने नारायणपुर की घटना का जिक्र किया: सदन में बीजेपी की तरफ से वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने नारायणपुर की घटना का जिक्र किया. उन्होंने स्थगन प्रस्ताव का नोटिस देकर राज्य में कथित धर्मांतरण के मुद्दे पर चर्चा की मांग की. इस मांग के बाद ही सदन में हंगामा हो गया. कांग्रेस विधायकों ने विपक्ष के इस आरोप का विरोध किया. उसके बाद विपक्ष के विधायक वेल में आ गए और आदिवासियों का धर्मांतरण बंद करो जैसे नारे लगाए. आसन पर मौजूद कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने भाजपा के 12 सदस्यों को निलंबित करने की घोषणा की और सदन की कार्यवाही पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी.
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विपक्षी सदस्यों का निलंबन रद्द किया गया: पांच मिनट बाद फिर सदन की कार्यवाही शुरू हुई. उसके बाद कांग्रेस विधायक धनेंद्र साहू ने विपक्षी सदस्यों के निलंबन को रद्द कर दिया. हालांकि, भाजपा विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने राज्य में कथित धर्मांतरण पर चर्चा की मांग दोहराई.इसके बाद, भाजपा सदस्यों ने पोस्टर प्रदर्शित किए जिनमें संदेश था कि कांग्रेस सरकार वंचित वर्गों के लिए आरक्षण के खिलाफ थी. एक ऐसा कदम जिसने फिर से हंगामा खड़ा कर दिया. इसके बाद साहू ने सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित कर दी.
बीजेपी नेताओं ने मीडिया को दी जानकारी: विधानसभा परिसर में संवाददाताओं से बात करते हुए भाजपा के वरिष्ठ विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने नारायणपुर की घटना पर बघेल सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि "इस घटना को टाला जा सकता था. अगर पुलिस ने धर्मांतरण की शिकायतों पर कार्रवाई की होती. अगर पुलिस और प्रशासन ने स्थानीय आदिवासी लोगों पर ईसाई मिशनरियों द्वारा कथित अत्याचार की शिकायतों पर कार्रवाई की होती तो यह घटना नहीं होती. रमन सिंह ने आरोप लगाया कि सोमवार को नारायणपुर में ग्रामीणों का जो आंदोलन हुआ वह मिशनरी की तरफ से किए गए अत्याचार और हमलों के जवाब में था. कांग्रेस सरकार कानून व्यवस्था बनाए रखने में फेल हुई है"
सरकार की तरफ से मंत्री रविंद्र चौबे ने दिया बीजेपी के आरोपों का जवाब: भाजपा के आरोपों पर मंत्री रविंद्र चौबे ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि"राज्य में धर्मांतरण नहीं हो रहा है. नारायणपुर की घटना कानून और व्यवस्था का मुद्दा है. गृह मंत्री सदन में नारायणपुर की घटना पर बयान देने को तैयार थे, लेकिन भाजपा ने सिर्फ शोर मचाने के लिए इस मुद्दे को उठाया"
कवासी लखमा शराब प्रकरण पर घिरे:आबकारी मंत्री कवासी लखमा आज सदन में नाबालिक पर अवैध शराब प्रकरण दर्ज कराए मामले पर जमकर घिरते नजर आए. राजनांदगांव जिले में नाबालिग पर अवैध शराब प्रकरण दर्ज करने और फिर गिरफ्तारी के मसले पर कांग्रेस सदस्य छन्नी साहू ने सवाल उठाया. इस सवाल पर विपक्षी सदस्यों ने आबकारी मंत्री कवासी लखमा को आड़े हाथों लिया. इस पूरे मामले में आबकारी मंत्री ने जांच कराने की घोषणा की. प्रश्नकाल में कांग्रेस सदस्य छन्नी साहू ने सवाल उठाया कि क्या रायपुर में पदस्थ आबकारी आरक्षक राजनांदगांव में जाकर कार्रवाई कर सकता है? उन्होंने यह भी पूछा कि क्या एक मोटर साइकिल में तीन सवारी, जिसमें दो नाबालिग हैं वो 10 पेटी शराब ले जा सकते हैं?
कवासी लखमा का जवाब: आबकारी मंत्री ने कहा कि "यदि आबकारी आरक्षक उड़नदस्ता में पदस्थ है. तो वह राजनांदगांव जाकर कार्रवाई कर सकता है. लेकिन उड़नदस्ता में नहीं है. तो कार्रवाई नहीं कर सकता. इसी तरह तीन युवक अधिकतम तीन पेटी ही शराब ले जा सकते हैं". उन्होंने महिला सदस्य के जोर देने पर प्रकरण की जांच कराने का आश्वासन दिया. आबकारी मंत्री के जवाब से वे संतुष्ट नहीं हुई. उन्होंने आबकारी अमले पर झूठा प्रकरण बनाने का आरोप पर प्रकरण को शून्य घोषित करने की मांग की. जिससे बच्चे का भविष्य बर्बाद ना हो. विपक्षी सदस्य बृजमोहन अग्रवाल, और अन्य ने भी आबकारी विभाग की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए और छात्र को फंसाने का आरोप लगाया. इस पूरे मामले पर आबकारी मंत्री ने निष्पक्ष जांच का वादा किया, और जिम्मेदार पर कार्रवाई का भरोसा दिलाया.