रायपुर: एक बार फिर दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ के बैनर तले दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाओं ने एक सूत्रीय मांग को लेकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी विधानसभा घेराव करने जा रहे थे. तभी पुलिस ने सप्रे स्कूल के पास उन्हें रोक दिया. मौके पर एसडीएम देवेंद्र पटेल ने प्रदर्शन कर रहे महिलाओं से ज्ञापन लिया और उन्हें वरिष्ठ अधिकारियों से मिलवाया.
यह भी पढ़ें: बजट में दिखी गोठान की झलक..."गोबर के ब्रीफकेस में छत्तीसगढ़ का भविष्य" लेकर सीएम पहुंचे विधानसभा
माधुरी मृगे ने रोते हुए बयां किया अपना दर्द
दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने रोते, बिलखते हुए अपना दर्द बयां किया. सरकार के खिलाफ नाराजगी और आक्रोश भी उनकी आंखों में देखने को मिला. दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ विधवाएं बूढ़ातालाब धरना स्थल से निकलकर विधानसभा जा रहीं थी. जिसे पुलिस ने सप्रे स्कूल तक पहुंचने के बाद रोक दिया. उनका कहना था कि, इसके लिए सरकार द्वारा कमेटी भी गठित की गई थी. लेकिन कमेटी की ओर से आज तक कोई सकारात्मक पहल नहीं हुई है. जिसके कारण उन्हें मजबूरन आज फिर से प्रदर्शन करना पड़ा.
अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर पहले भी किया था प्रदर्शन
अनुकंपा संघ अपनी 1 सूत्रीय मांग और अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर राजधानी के बूढ़ातालाब में पहले 58 दिनों का प्रदर्शन कर चुके हैं. बावजूद इसके सरकार द्वारा इनकी एक सूत्रीय मांग पूरी नहीं हो पाई है.
सरकार द्वारा बनाए गए मापदंड कठिन
सरकार द्वारा दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति के लिए निर्धारित अनिवार्य शैक्षणिक योग्यता बीएड, डीएड और टीईटी की परीक्षा देनी होगी. जिसके आधार पर ही उनको अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी. सरकार द्वारा कठिन मापदंड तय किए गए हैं. जिसके चलते उन्हें आज तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. दिवंगत पंचायत शिक्षक के आश्रित परिवारों के पास दो वक्त की रोजी रोटी के साथ ही परिवार पालने के लिए भी पैसे नहीं है. ऐसे में डीएड, बीएड और टीईटी की परीक्षा कहां से देंगे ?
यह भी पढ़ें: सत्ता में कांग्रेस रहे या आए भाजपा 10 साल के लिए संवर गया छत्तीसगढ़ का भविष्य, जानिये कैसे...?
जिन शिक्षाकर्मियों का संविलियन हुआ, उनके परिजनों को मिल गई अनुकंपा नियुक्ति
प्रदेश सरकार ने 1 जुलाई 2018 को शिक्षा कर्मियों का संविलियन किया था. ऐसे परिवार के मुखिया का निधन होने पर उनके आश्रितों को सरकार ने अनुकंपा नियुक्ति दे दी है. लेकिन साल 2006 से 2018 के बीच जितने पंचायत शिक्षकों का निधन हुआ है. उनके आश्रितों को अब तक अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिल पाई है. जिसके कारण इन आश्रित परिवारों को सड़क पर उतर कर अलग-अलग तरीके से प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
पूरे प्रदेश में लगभग 935 दिवंगत पंचायत शिक्षक की विधवाएं और बच्चें हैं जो अनुकंपा नियुक्ति की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि डीएड, बीएड और टीईटी की अनिवार्यता को शिथिल किया जाए. सभी दिवंगत पंचायत शिक्षक के परिजनों को उनके शैक्षणिक योग्यता के अनुसार तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी या फिर सहायक शिक्षकों के पद पर अथवा प्रयोगशाला शिक्षक के पदों पर नौकरी दी जाए.