रायपुर: वीडियो में प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने कहा कि "विधानसभा में जो बात हुई है अनुकंपा नियुक्ति को लेकर, जिसमें मुख्यमंत्री ने कहा कि अनुकंपा नियुक्ति का कोई प्रावधान नहीं है. अब मैं यह बताना चाहूंगी कि अनुकंपा नियुक्ति का प्रावधान है. 2016 में रमन शासन काल में शिथिलीकरण किया गया था और लोगों को पंचायत सचिव में नियुक्ति दी गई थी. 2013, 2015 इन वर्षों में भी नियुक्ति की गई है. इस बात का मेरे पास पूरा सबूत है.
150 दिन से जारी है आंदेलन: हम जो आंदोलन इतने दिनों से कर रहे हैं. आज 150 दिन हो गए हैं. हम आंदोलन को समाप्त नहीं करेंगे. आंदोलन हमारा जारी रहेगा. जब तक हमें न्याय नहीं मिलता आंदोलन जारी रहेगा. उन्होंने हमें वादा भी किया है, क्या वादे के वक्त उन्हें यह पता नहीं था कि शिक्षाकर्मियों का कैडर समाप्त हो चुका है. शिक्षाकर्मी पदों में बहुत लोगों की नियुक्ति की भी गई है. हमारा यह कहना नहीं है कि हमें शिक्षक बनाया जाए. हमें अन्य किसी भी विभाग में नियुक्ति दी जाए, ताकि हम अपने बच्चों को पाल सकें और अपने बच्चों का भविष्य बना सकें.
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आप यह देख सकते हैं कि पंचायत सचिव में इतने लोगों की नियुक्ति की गई है. मेरे पास यह पूरी जानकारी है और मैं यह जानकारी जितने भी कांग्रेस सरकार के मंत्री गण हैं. मैं उनके सामने ले जाकर यह बात रखूंगी. ताकि वह हमारे मुख्यमंत्री के समक्ष यह बात को रखकर इसका फैसला करें. यदि वरिष्ठ अधिकारी मुख्यमंत्री को गलत न्यूज़ दे रहे हैं, तो हम वरिष्ठ अधिकारियों की भी निंदा करते हैं."
सरकार की ओर से नहीं मिला जवाब: दिवंगत पंचायत शिक्षक अनुकंपा संघ की प्रदेश अध्यक्ष माधुरी मृगे ने कहा कि "सरकार की ओर से किसी भी तरह का जवाब ना आने से विधवा महिलाओं में निराशा है. अब यह विधवा महिला 17 मार्च को विधानसभा का घेराव भी करेंगे. इन महिलाओं का प्रदर्शन 20 अक्टूबर 2022 से चल रहा है. सरकार की ओर जवाब नहीं मिला है. जिसके बावजूद सत्तापक्ष की ओर से किसी भी तरह का सकारात्मक जवाब नहीं आ पाया."