रायपुर: प्रदेश में रोजाना कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर कोरोना का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बना हुआ है. 31 अगस्त तक प्रदेश में टोटल संक्रमित संख्या 31503 थी, उनमें से एक्टिव मरीज 14 हजार 237 थे और 277 मौत कोरोना से हुई थी. वहीं 31 अगस्त तक राजधानी रायपुर में एक्टिव केसों की संख्या 5938 थी. टोटल संक्रमित के रूप में 11 हजार 334 लोगों की पहचान की गई थी, वहीं जो मौतें हुई थी, उनमें से 147 रायपुर में ही हुई थी. 5 सितंबर तक प्रदेश में टोटल संक्रमितों की संख्या 43 हजार 163 तक पहुंच गई थी, जिनमें एक्टिव केस 22 हजार 320 थी. वहीं मरने वालों की संख्या 350 से ज्यादा हो चुकी है. इसमें से राजधानी रायपुर से कुल 15 हजार 501 संक्रमितों की पहचान की गई थी, एक्टिव केस 9 हजार 207 हैं. इसमें 188 मरीजों की मौत हो चुकी है.
इन आंकड़ों को देखकर यह साफ है कि प्रदेश में सबसे ज्यादा मरीज राजधानी से मिल रहे हैं. ज्यादातर मौते भी राजधानी में हो रही हैं. राजधानी में सर्वसुविधा युक्त कोविड केयर सेंटर है इसके बावजूद सबसे ज्यादा मरीज राजधानी में मिल रहे हैं. इस बढ़ते मरीज संख्या और मौत के आंकड़ों को लेकर ETV भारत ने डॉ स्मिथ श्रीवास्तव से बातचीत की. उनका कहना है कि राजधानी की जनसंख्या सबसे अधिक है. इसलिए भी यहां मरीज ज्यादा आ रहे हैं. साथ ही अनलॉक शुरू हो गया है, ऐसे में भी लोग एक दूसरे से अधिक मिल रहे हैं. इसलिए भी कोरोना के मामले सबसे ज्यादा राजधानी में देखने को मिल रहे हैं. केवल राजधानी ही नहीं बल्कि अन्य जो ज्यादा आबादी वाले जिले हैं जैसे कि बिलासपुर, दुर्ग जो भी शहरी क्षेत्र हैं वहां भी कोरोना का प्रकोप साफ देखने को मिल रहा है. पूरा बाजार खुल गया है, ऐसे में लोग अपने घरों से बाहार निकल रहे हैं और एक दूसरे से मुलाकात कर रहे हैं.
सीरियस मरीज को रायपुर रेफर
डॉक्टर स्मिथ श्रीवास्तव ने बताया कि राजधानी रायपुर में बड़े अस्पताल हैं, ऐसे में सभी जिलों के मरीज यहां आ रहे हैं. शुरुआती दौर में सभी जिले के मरीज यहां पर आ रहे थे. ऐसे में राजधानी के आकंड़े ज्यादा नजर आ रहे हैं, अभी जो भी ज्यादा सीरियस मरीज आ रहे हैं वो रायपुर ही रेफर किये जा रहे हैं.
ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जा रहा
महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि राजधानी में लगातार टेस्टिंग का आंकड़ा बढ़ने पर जोर दिया जा रहा है. रोजाना ज्यादा से ज्यादा लोगों का टेस्ट किया जा रहा है, यह एक बड़ा कारण है, ज्यादा मरीजों सामने आ रहे हैं.
यह भी हैं कारण
- राजधानी में भले ही टेस्टिंग बढ़ने पर जोर दिया जा रहा हो, लेकिन लोग अभी भी टेस्टिंग कराने से बच रहे हैं.
- मार्केट अब पूरी तरह से खुल गए हैं, राजधानी होने के कारण यहां बाहार से भी लोग खरीदारी करने आते हैं. इसलिए भी लोग एक-दूसरे के संपर्क में ज्यादा आ रहा हैं.
- सरकार ने भले ही गाइडलाइन जारी कर दी हो, लेकिन उसका पालन हो रहा है या नहीं इसपर ध्यान नहीं दिया जा रहा है.
- अफवाहों के कारण टेस्टिंग से बच रहे हैं लोग.
- जागरूकता की कमी होने के कारण संक्रमितों के सम्पर्क में आने के बाद भी नहीं करवा रहे हैं जांच
कितनी हो रही जांच ?
5 सितंबर तक प्रदेश में इन तीन माध्यमों से की गई सैंपल जांच
- आरटीपीसीआर से 3 लाख 82 हजार 688
- ट्रू नेट से 35 हजार 945
- एंटीजीन से 1 लाख 77 हजार 911
एक तरफ दावा किया जा रहा है कि राजधानी में आबादी ज्यादा होने के कारण कोविड-19 के मामले बढ़े हैं या टेस्ट अधिक होना भी एक वजह बताई जा रही है. लेकिन आप अगर अप्रैल से लेकर मध्य जून तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो रायपुर काफी सुरक्षित नजर आ रहा था, लेकिन लॉकडाउन खुलने के बाद यहां आकड़े बढ़ने लगें. अब कई गुना ज्यादा रफ्तार से कोविड मरीज सामने आ रहे हैं . ऐसे में साफ है कि अनलॉक करने से पहले प्रशासनिक और सामाजिक स्तर पर कहीं न कहीं चूक की गई है, जिसका खामियाजा अब भुगतना पड़ रहा है.