रायपुर : छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत के बाद अब सभी की निगाहें इस बात पर टिकी है कि प्रदेश में अगला सीएम कौन होगा.क्योंकि बीजेपी अबकी बार ऐसे चेहरे को सीएम पद की कुर्सी पर बिठाएगी,जो पूरे पांच साल तक बिना किसी विवाद के ना सिर्फ सरकार चलाए,बल्कि संगठन को भी साथ लेकर चले.आईए आपको बताते हैं कि जब सीएम पद को लेकर बीजेपी के दिग्गजों से बात की गई तो उन्होंने क्या कहा.
रमन सिंह ने कांग्रेस पर लगाए तुष्टिकरण करने के आरोप : पूर्व सीएम रमन सिंह ने छत्तीसगढ़ की जनता को इस जीत के लिए बधाई दी है. रमन सिंह ने कहा कि बीजेपी ने 15 साल तक छत्तीसगढ़ में शासन किया,लेकिन किसी भी तरह का घोटाला या आरोप सरकार पर नहीं लगा.लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार और तुष्टिकरण की राजनीति शुरु की.जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा.
"छत्तीसगढ़ की इस नई सरकार में हमारे लिए पहली चुनौती अपने घोषणापत्र में किए गए वादों को पहली कैबिनेट से ही लागू करना होगा. फिर पीएम मोदी की दी गई गारंटी और हमारी पार्टी के वादों को प्राथमिकता दी जाएगी." बीजेपी के सत्ता में आने के बाद पूरी प्रक्रिया बदल जाती है. अगर पार्टी की मंशा और नीति अच्छी है तो भ्रष्टाचार की कोई गुंजाइश नहीं है."-रमन सिंह, पूर्व सीएम छग
हिंदू बंगाली वोटर्स अब बीजेपी के कोर वोट : इसके सीएम रमन सिंह बंगाली समुदाय वाली ज्यादातर सीटों पर जीत के लिए पश्चिम बंगाल के नेता सुवेंदु अधिकारी को धन्यवाद दिया है.सुवेंदु अधिकारी ने बंगाली समाज वाली सीटों पर बड़ी कैंपेनिंग की थी. जिसमें 11 सीटों में से 8 सीटों पर बीजेपी ने बड़ी जीत दर्ज की है.जिसके बाद बीजेपी अब दावा कर रही है कि बंगाली हिंदूओं ने भी बीजेपी को चुना है.इससे पहले बंगाल,त्रिपुरा,असम, उत्तराखंड और झारखंड के चुनाव में भी बंगाली वोटर्स का साथ बीजेपी को मिला है.
अरुण साव ने कांग्रेस को कोसा : वहीं कांग्रेस की हार पर प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव ने कहा कि कांग्रेस के भ्रष्टाचारी कुशासन का अंत हो गया है. 5 साल की भय और आतंक की सरकार का अंत प्रदेश की जनता ने किया है.
'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति लोगों का भरोसा और उनकी गारंटी पर जनता ने भरोसा जताया.भारतीय जनता पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं ने दिन रात मेहनत करके बीजेपी के झोली में जीत डाली है.'
ओपी चौधरी ने खुद को बताया छोटा कार्यकर्ता : वहीं ओपी चौधरी ने प्रदेश की सबसे बड़ी जीत को लेकर जनता को धन्यवाद कहा.ओपी चौधरी ने कहा कि वो भरोसे और विश्वास के साथ जनता की सेवा करेंगे. साथ ही साथ जब ओपी चौधरी से सीएम की रेस में होने का सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसके लिए खुद को काफी छोटा बताया है.
'छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा जनादेश रायगढ़ की जनता ने मुझको आशीर्वाद के रूप में दिया है. मैं एक छोटा नेता हूं.छत्तीसगढ़ में मुझसे भी बड़े-बड़े नेता हैं.इसलिए मुझसे ऐसा बड़ा सवाल ना करें.' ओपी चौधरी, विधायक रायगढ़
कौन है ओपी चौधरी : ओपी चौधरी 2005 बैच के छत्तीसगढ़-कैडर के आईएएस अधिकारी थे. यूपीए सरकार में 2011-12 के लिए लोक प्रशासन में उत्कृष्टता पुरस्कार में प्रधानमंत्री पुरस्कार मिला था.आईएएस अधिकारी से बीजेपी नेता बने ओ.पी. चौधरी ने छत्तीसगढ़ की रायगढ़ सीट पर जीत हासिल की है.उन्होंने कांग्रेस के प्रकाश शक्राजीत नाइक को 64,000 से अधिक वोटों से हराया है.ओपी चौधरी को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का करीबी माना जाता है. 2018 में बीजेपी में शामिल हुए.रायगढ़ जिले की खरसिया विधानसभा सीट से चुनाव लड़े, लेकिन हार गए.बीजेपी भी 15 सीटों पर सिमटी.बावजूद इसके ओपी चौधरी पूरे 5 साल जनता के बीच सक्रिय रहे.यही वजह रही कि इस बार जनता ने इस बार उन पर भरोसा जताया.
विष्णुदेव साय : विष्णुदेव साय को बीजेपी ने कुनकुरी विधानसभा से टिकट दिया था. जहां सबसे ज्यादा ईसाई वोट हैं. ये सीट बीजेपी के लिए जीतना मुश्किल मानी जा रही थी. बावजूद इसके विष्णुदेव साय ने 25 हजार से अधिक वोटों से जीत दर्ज करके विरोधियों का मुंह बंद कर दिया.छत्तीसगढ़ पार्टी के अंदरूनी सूत्रों की मानें तो पार्टी डॉ. रमन सिंह के नाम पर भी सहमति नहीं बनती है तो विष्णुदेव साय का नाम आगे जा सकता है.