वाट्सएप के कम्यूनिकेशन प्रमुख कार्ल वूग का कहना है कि इस फीचर के बिना वाट्सएप बिल्कुल नया उत्पाद बन जाएगा. उन्होंने बताया कि "प्रस्तावित नियमों में से जो सबसे ज्यादा चिंता का विषय है, वो मैसेजेज का पता लगाने पर जोर देना है."
वूग अमेरिका में बराक ओबामा के राष्ट्रपति कार्यकाल में उनके प्रवक्ता के रूप में भी काम कर चुके हैं. उन्होंने कहा, "प्रस्तावित बदलाव जो लागू होने जा रहे हैं, वे मजबूत गोपनीयता और सुरक्षा के अनुरूप नहीं हैं, जिसे दुनिया भर के लोग चाहते हैं."
उन्होंने कहा, "हम एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन मुहैया कराते हैं. लेकिन नए नियमों के तहत हमें वाट्सएप को दोबारा से बनाने की जरूरत पड़ेगी." उन्होंने आगे कहा कि ऐसी स्थिति में मैसेजिंग सेवा अपने मौजूदा स्वरूप में काम नहीं करेगी.
वूग ने नए नियम लागू होने के बाद भारतीय बाजार से बाहर निकल जाने की संभावना को खारिज नहीं करते हुए कहा कि "आगे क्या होगा इस पर अनुमान लगाने से कोई मदद नहीं मिलेगी. इस मुद्दे पर भारत में चर्चा करने के लिए एक प्रक्रिया पहले से ही है."
एंड-टू-एंड एनक्रिप्शन फीचर से कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए अफवाह फैलानेवाले अभियुक्तों तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है. लेकिन सोशल मीडिया प्लेटफार्म्स के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित नियमों के तहत इन सेवाओं के दुरुपयोग और हिंसा फैलाने जैसे अपराधों को रोकने के लिए एक उचित प्रक्रिया का पालन करना होगा.
बता दें भारत वाट्सएप के लिए दुनिया का सबसे बड़ा बाजार है. कंपनी के दुनिया भर में कुल 1.5 अरब यूजर्स हैं जिसमें से भारत में तकरीबन 20 करोड़ मासिक यूजर्स हैं.