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जानिए, क्यों होती है रेड सैंड बोआ सांप की तस्करी ? - 4 smugglers arrested for smuggling rare species of snake in raipur

रायपुर पुलिस ने शुक्रवार को दुर्लभ प्रजाति के 'रेड सैंड बोआ' सांप की तस्करी करते एक अंतराज्यीय तस्कर गिरोह को गिरफ्तार किया. तस्कर आंध्र प्रदेश से सांप को रायपुर में डील करने वाले थे. मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने छापेमारी कर 4 तस्करों को धर-दबोचा. फिलहाल सांप पुलिस की देखरेख में है. इस दुलर्भ सांप की मांग विदेशों में ज्यादा है. जानिए क्यों इस सांप की सबसे ज्यादा तस्करी होती है.

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रेड सैंड बोआ सांप की तस्करी
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Published : Mar 20, 2021, 6:40 PM IST

Updated : Mar 21, 2021, 6:06 PM IST

रायपुर: 'रेड सैंड बोआ' सांप दुर्लभ प्रजाति का सांप है. अधिकतर ये रेतीली जमीन पर रहता है. इस वजह से इसे सैंड बोआ सांप कहते हैं. इस सांप का इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने करने में किया जाता है. इसके अलावा कई और कारण हैं जिसकी वजह से इसकी तस्करी ज्यादा होती है.

रेड सैंड बोआ सांप की तस्करी
  • सेक्स पावर बढ़ाने के लिए तस्करी.
  • नशीली चीजों के लिए तस्करी.
  • महंगे परफ्यूम बनाने के लिए इस सांप की तस्करी.
  • कैंसर के इलाज में इसका उपयोग किया जाता है
  • इस सांप के साथ ये अंधविश्वास जुड़ गया है कि इसको पालने से धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है.
  • इसे तंत्र क्रियाओं में इस्तेमाल किया जाता है.

इस दुर्लभ सांप की मांग विदेशों में सबसे ज्यादा है. इसकी कीमत करोड़ों में होती है.

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क्यों होती है रेड सैंड बोआ सांप की तस्करी

आखिर इस सांप की तस्करी की वज क्या है?

पुलिस अधिकारियों और स्नेक लवर्स के मुताबिक 5 लाख रुपए से लेकर यह सांप इंटरनेशनल मार्केट में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की कीमत में बिकता है. चीन, इंडोनेशिया और मलेशिया में इसके बड़े बाजार हैं.

'रेड सैंड बोआ' की तस्करी की वजह

इंसान अमीर होने और अपनी कामुक कुंठाओं की पूर्ति के लिए इस सांप का अवैध शिकार कर रहा है. इस सनक के चलते बेहद शांत प्रवृत्ति का ये सांप अपनी अस्तित्व के लिए ही संघर्ष कर रहा है. इस सांप के साथ ये अंधविश्वास जुड़ गया है कि इसको पालने से धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है. इसे तंत्र क्रियाओं में इस्तेमाल किया जाता है. भारत में इस सांप का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है.

इन राज्यों में तस्करी के ज्यादा मामले

बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में रेड सैंड बोआ की बड़े पैमाने पर तस्करी होती है. इसकी तस्करी की दूसरी मुख्य वजह चीन में इससे सेक्स पावर बढ़ाने की दवा बनाने का दावा किया जाता है. इस सांप से कैंसर समेत कुछ बीमारियों के इलाज की बात भी चीन और इंडोनेशिया में होती है. जबकि साइंस में इसका कोई प्रमाण नहीं है इस तरह कह सकते हैं कि इंसान अपने स्वार्थ के लिए इस बेजुबान को मार रहा है.

30 लाख के रेड सैंड बोआ सांप की तस्करी करते 4 गिरफ्तार

शांत प्रवृत्ति का विषहीन सांप होता है सैंड बोआ

जानकार बताते हैं कि रेड सैंड बोआ रेतीली जमीन पर पाए जाने वाला शांत प्रवृत्ति का सांप होता है. जिसे भारत में दोमुंहा सांप भी कहते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि इसका एक ही मुंह होता है. इसकी पूछ भी दूसरे सांपों के मुकाबले मोटी होती है. वह भी मुंह की तरह ही दिखता है. इसके चलते लोगों में यह भ्रम हो जाता है कि यह दो मुंह वाला सांप है.

कहां पाया जाता है ये सांप ?

रेड सैंड बोआ सांप रेतीले इलाके में पाया जाता है. भारत के मरुस्थलीय इलाके यानी राजस्थान में लाल रंग का एक खास सांप पाया जाता है .स्थानीय भाषा में इसे दोमुंहा सांप भी कहते हैं. इसकी लगातार घटती संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने इसे दुर्लभ प्रजाति की सूची में रखा है. इसके बावजूद आए दिन इसकी तस्करी की बात सामने आती है. इसको पकड़ने से लेकर अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचने के लिए एक नेटवर्क काम कर रहा है, जिसे जल्द तोड़ना जरूरी है. तभी इस बेजुबान जीव को मानवीय सनक के शिकार होने से बचाया जा सकता है.

रायपुर: 'रेड सैंड बोआ' सांप दुर्लभ प्रजाति का सांप है. अधिकतर ये रेतीली जमीन पर रहता है. इस वजह से इसे सैंड बोआ सांप कहते हैं. इस सांप का इस्तेमाल कई बीमारियों को ठीक करने करने में किया जाता है. इसके अलावा कई और कारण हैं जिसकी वजह से इसकी तस्करी ज्यादा होती है.

रेड सैंड बोआ सांप की तस्करी
  • सेक्स पावर बढ़ाने के लिए तस्करी.
  • नशीली चीजों के लिए तस्करी.
  • महंगे परफ्यूम बनाने के लिए इस सांप की तस्करी.
  • कैंसर के इलाज में इसका उपयोग किया जाता है
  • इस सांप के साथ ये अंधविश्वास जुड़ गया है कि इसको पालने से धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है.
  • इसे तंत्र क्रियाओं में इस्तेमाल किया जाता है.

इस दुर्लभ सांप की मांग विदेशों में सबसे ज्यादा है. इसकी कीमत करोड़ों में होती है.

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क्यों होती है रेड सैंड बोआ सांप की तस्करी

आखिर इस सांप की तस्करी की वज क्या है?

पुलिस अधिकारियों और स्नेक लवर्स के मुताबिक 5 लाख रुपए से लेकर यह सांप इंटरनेशनल मार्केट में 1 करोड़ रुपए से ज्यादा की कीमत में बिकता है. चीन, इंडोनेशिया और मलेशिया में इसके बड़े बाजार हैं.

'रेड सैंड बोआ' की तस्करी की वजह

इंसान अमीर होने और अपनी कामुक कुंठाओं की पूर्ति के लिए इस सांप का अवैध शिकार कर रहा है. इस सनक के चलते बेहद शांत प्रवृत्ति का ये सांप अपनी अस्तित्व के लिए ही संघर्ष कर रहा है. इस सांप के साथ ये अंधविश्वास जुड़ गया है कि इसको पालने से धन और संपत्ति की प्राप्ति होती है. इसे तंत्र क्रियाओं में इस्तेमाल किया जाता है. भारत में इस सांप का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है.

इन राज्यों में तस्करी के ज्यादा मामले

बिहार, बंगाल, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में रेड सैंड बोआ की बड़े पैमाने पर तस्करी होती है. इसकी तस्करी की दूसरी मुख्य वजह चीन में इससे सेक्स पावर बढ़ाने की दवा बनाने का दावा किया जाता है. इस सांप से कैंसर समेत कुछ बीमारियों के इलाज की बात भी चीन और इंडोनेशिया में होती है. जबकि साइंस में इसका कोई प्रमाण नहीं है इस तरह कह सकते हैं कि इंसान अपने स्वार्थ के लिए इस बेजुबान को मार रहा है.

30 लाख के रेड सैंड बोआ सांप की तस्करी करते 4 गिरफ्तार

शांत प्रवृत्ति का विषहीन सांप होता है सैंड बोआ

जानकार बताते हैं कि रेड सैंड बोआ रेतीली जमीन पर पाए जाने वाला शांत प्रवृत्ति का सांप होता है. जिसे भारत में दोमुंहा सांप भी कहते हैं. लेकिन सच्चाई यह है कि इसका एक ही मुंह होता है. इसकी पूछ भी दूसरे सांपों के मुकाबले मोटी होती है. वह भी मुंह की तरह ही दिखता है. इसके चलते लोगों में यह भ्रम हो जाता है कि यह दो मुंह वाला सांप है.

कहां पाया जाता है ये सांप ?

रेड सैंड बोआ सांप रेतीले इलाके में पाया जाता है. भारत के मरुस्थलीय इलाके यानी राजस्थान में लाल रंग का एक खास सांप पाया जाता है .स्थानीय भाषा में इसे दोमुंहा सांप भी कहते हैं. इसकी लगातार घटती संख्या को देखते हुए भारत सरकार ने इसे दुर्लभ प्रजाति की सूची में रखा है. इसके बावजूद आए दिन इसकी तस्करी की बात सामने आती है. इसको पकड़ने से लेकर अंतर्राष्ट्रीय बाजार तक पहुंचने के लिए एक नेटवर्क काम कर रहा है, जिसे जल्द तोड़ना जरूरी है. तभी इस बेजुबान जीव को मानवीय सनक के शिकार होने से बचाया जा सकता है.

Last Updated : Mar 21, 2021, 6:06 PM IST
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