रायपुर : पूरी दुनिया तेजी से आधुनिकता की ओर बढ़ रही है. ऐसे में आज बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक के हाथ में स्मार्टफोन आ गया है. स्मार्टफोन ने पूरी दुनिया को लोगों की मुट्ठी में समेट दिया है. जितना ज्यादा इसका यूज बढ़ रहा है, उतना ही खतरा भी बढ़ रहा है. आज करीब सभी लोग मोबाइल का इस्तेमाल करते हैं, लेकिन मोबाइल के बारे में उनको ज्यादा पता नहीं रहता. जिस सोशल मीडिया में वह अपना अकाउंट बनाते हैं या अपने अकाउंट से रजिस्टर करते हैं, उस सोशल मीडिया एप्लीकेशन के भी बारे में ज्यादा लोगों को पता नहीं रहता. इस कारण डाटा सिक्योरिटी और डाटा सेफ्टी मौजूदा समय में सबसे बड़ा इश्यू (Data Security is Big Issue in Chhattisgarh) है. आखिर डाटा क्या होता है? किस तरह डाटा सिक्योरिटी (data security in chhattisgarh) आज के समय में जरूरी है? किस तरह डाटा सिक्योर करना चाहिए? इस बारे में ईटीवी भारत ने साइबर एक्सपर्ट मोहित साहू से खास बातचीत की.
आप आज अपने मोबाइल में जो भी डिजिटल वर्क कर रहे हैं, वह सारी चीजें कहीं न कहीं सेव रहती हैं. चाहे वह कंपनी के पास हो या गूगल हिस्ट्री में हो, वह सारी चीज ही डाटा कहलाती हैं. इसको वर्चुअल डाटा कहा जाता है. फिजिकल डाटा तो लोग सेव करना सीख गए हैं, लेकिन वर्चुअल डाटा क्या होता है और कैसे उसे सेव किया जा सकता है, ये ज्यादातर लोगों को पता नहीं रहता. इसका फायदा डिजिटल मार्केटिंग से लेकर साइबर ठग तक उठाते हैं.
सोशल मीडिया में किया गया पोस्ट ही है डाटा
आज हर व्यक्ति के पास स्मार्टफोन है, स्मार्ट फोन में वह सोशल मीडिया यूज करता है, जिसमें उसका अकाउंट है. वह डेली फोटो, टेक्स्ट और सोशल मीडिया में पोस्ट करते रहते हैं. यह सारी चीजें ही डाटा कहलाती हैं. कहीं न कहीं कंपनियां इन सबकी स्टडी करती हैं और कंपनियों के पास यह डाटा सेव रहता है. इसी के आधार पर वह पर्टिक्यूलर व्यक्ति के अकाउंट की स्टडी करते हैं.
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आज के समय में डाटा सिक्योरिटी काफी जरूरी है, क्योंकि इससे आप के साथ-साथ आपके आसपास के लोग भी इसे सेव कर सकते हैं. क्योंकि आप जो भी मोबाइल में फोटो पोस्ट करते हैं, चाहे वह लाइक्स के लिए हो या व्यूज के लिए वह कहीं न कहीं सोशल मीडिया में पब्लिक रहता है. साथ ही कोई भी इसका इस्तेमाल फर्जी अकाउंट बनाने के लिए कर सकता है. इसका इस्तेमाल वह आप ही के खिलाफ, आपके दोस्तों से पैसा मांगने के लिए कर सकता है या आपको ब्लैकमेल करने के लिए कर सकता है.
डिजिटल मार्केट भी सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर अकाउंट की करता है स्टडी
आज जितने भी डिजिटल मार्केट आप देखते हैं, चाहे वह अमेजॉन, फ्लिपकार्ट, मिंत्रा, स्नैपडील, मेक माई ट्रिप या फिर शॉपक्लूज ही क्यों न हों. यह सारी चीजें सोशल मीडिया के माध्यम से अकाउंट की स्टडी करती हैं. साधारण भाषा में कहें तो किसी भी व्यक्ति के डिजिटल आइडेंटिटी को यह शॉपिंग वेबसाइट स्टडी करती है और व्यक्ति के इंटरेस्ट के हिसाब से कुकीज और पॉपअप देते हैं. जिससे सामने वाला व्यक्ति लालच में आ जाता है और वह परचेज कर लेता है. जितनी यह अच्छी और सहूलियत की चीज है, उतनी ही खतरनाक भी है. क्योंकि फ्यूचर पूरा डिजिटल होता जा रहा है. ऐसे में आपका डाटा ही आपकी वर्चुअल आईडेंटिटी है. अगर आपका डाटा लीक होता है, यानी आपकी वर्चुअल आईडेंटिटी एक्सपोज हो जाती है तो आप आसानी से किसी के भी शिकार बन सकते हैं.
किस तरह अपने डाटा को रखें सिक्योर
डाटा सिक्योर करना नई टेक्नोलॉजी के साथ और ज्यादा मुश्किल होता जा रहा है. अब यह पहले जैसा आसान नहीं रहा है. मेरा मानना है कि सबसे बेसिक स्टेप यह है कि आप पहले यह जानें की आपका कौन सा डाटा सेंसेटिव है और कौन सा नॉर्मल. अगर हम बात करें सोशल मीडिया प्रोफाइल की तो सबसे ज्यादा डाटा यहीं से लीक होता है. सबसे पहले आपको अपना ईमेल सिक्योर रखना चाहिए. कम से कम अपने दो ईमेल आईडी बनाकर रखें. जिसे आप पर्सनल और प्रोफेशनल दो अलग-अलग जगहों पर यूज कर सकें. जैसे अगर कोई मेल आपका बैंक या किसी कंपनी में कनेक्टेड है तो उसको आप सोशल मीडिया पर यूज न करें.
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अगर आप किसी भी अननोन एप्लीकेशन में रजिस्टर कर रहे हैं तो सबसे पहले डिस्पोबल मेल आता है, उस मेल का उपयोग करें. जिससे आपका एक्चुअल मेल स्पाम नहीं होगा, ऐसा करने से आप अपने पर्सनल इंफॉर्मेशन और प्रोफेशनल इंफॉर्मेशन के बीच एक बैरियर क्रिएट कर रहे हैं, जिससे आपका पर्सनल इंफॉर्मेशन लीक नहीं होगा.