रायपुर: किसी भी भवन में पति-पत्नी सबसे निर्णायक घटक माने जाते हैं. प्रायः पति-पत्नी दोनों ही उस भवन के स्वामी होते हैं. इसलिए यह आवश्यक है कि उस स्थान में शांति समृद्धि उन्नति अथवा बरकत हो, इसके लिए आवश्यक है कि क्षेत्र विशेष में रहने वाले दंपत्ति के बीच संबंध बहुत अच्छे होने चाहिए. इसका प्रभाव उस घर के वास्तु पर बहुत व्यापक रूप से पड़ता है. अन्यथा ऐसा वास्तु अवनत (नीचे) होकर पतन की ओर चला जाता (want to make married life sweet Follow these Vastu Tips) है.
दंपत्ति के शयन की दिशा पूर्व की ओर हो: ज्योतिष एवं वास्तु शास्त्री पंडित विनीत शर्मा की मानें तो दंपत्ति को अपने जीवन में मधुरता और प्रेम बनाए रखने के लिए दक्षिण पश्चिम के हिस्से को पूरी तरह से विकसित करना चाहिए. इस क्षेत्र में लंबे और भारी पेड़ लगाए जाने चाहिए. दोनों के शयन की दिशा पूर्व की ओर हो. दोनों के चरण पश्चिम की ओर रखकर सोने पर संबंधों में सुधार देखने को मिलता है.
दक्षिण की ओर दो दीपक जलाएं: ऐसे दंपत्ति जिनके जीवन में अनुकूलता कम है. उन्हें अपने दक्षिण के दीवार पर दो दीपक को नियमित रूप से जलाना चाहिए. दक्षिण दिशा में यम का वास रहता है. यम दीपक के माध्यम से प्रसन्न होते हैं. दक्षिण दिशा में भी भारी वस्तुओं को स्थानांतरित किया जा सकता है. पति-पत्नी दोनों को ही गुरुवार का व्रत उपवास और साधना करनी चाहिए.
घर अथवा भवन में आए हुए अतिथि और ऋषियों का सम्मान करें: भवन में आए हुए अतिथि ऋषिगण विद्वानजन और उस भवन अथवा मकान में रहने वाले बड़े बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए. जिससे बुजुर्गों का अधिकाधिक आशीर्वाद उन दंपतियों को मिले. ऐसे विवाहित जोड़े जिसमें थोड़ी अनबन हो रही है ऐसी दंपत्ति को अपने घर में लकड़ी के बने हुए श्री राधा कृष्ण की मूर्ति को विधान पूर्वक स्थापित करना चाहिए. पूजन कक्ष में लक्ष्मी-नारायण, भगवान जानकी राम भगवान की स्थापना करनी चाहिए. साथ ही एक छोटे से शिवलिंग शिवलिंग की स्थापना की जा सकती है.गौरी शंकर जी की फोटो भी स्थापित की जा सकती है.
घरों में दौड़ते हुए घोड़े अथवा हिंसक जानवरों के फोटो से दूर रहे: ऐसे घरों में दौड़ते हुए घोड़े अथवा हिंसक जानवरों की फोटो नहीं रखनी चाहिए. ऐसे घरों में शांत सौम्य सुरम्य और मनोरम दृश्यों की फोटो लगाई जानी चाहिए. घर के आसपास यदि कैक्टस का पौधा है, तो तुरंत ही उसे निकलवा देना चाहिए. मनोरम पौधे की स्थापना करनी चाहिए. ऐसे स्थानों पर ब्रम्हस्थल जिसे घर का सर्वाधिक मध्य स्थल कहा जाता है. इस क्षेत्र को पूरी तरह साफ सुथरा और निर्मल रखना चाहिए.
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घर में श्वेत हंस के जोड़ों की फोटो लगाएं: वास्तु शास्त्र में ऐसी मान्यता है कि हंस और हंसिनी एक बार जोड़ा बनने के पश्चात अपने जोड़े से अलग नहीं होते हैं. अर्थात एक ही जीवन साथी के प्रति समर्पित होकर हंस जीवन गुजरता है. अतः ड्राइंग रूम में श्वेत हंसों के जोड़ों की फोटो को लगाना चाहिए. ऐसे घरों में डार्क कलर का उपयोग कम से कम होना चाहिए. हल्का लाइट कलर का उपयोग करना चाहिए. दरवाजे का रंग भी लाइट कलर में रहे.
मंत्र थेरेपी भी दांपत्य जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखता: प्रतिदिन मंत्र थेरेपी के माध्यम से भी दांपत्य जीवन को मधुर बनाया जा सकता है. यानी कि इन घरों में शुद्ध वातावरण में प्रातः बेला में और शाम के समय में शुद्ध और गायन के रूप में मंत्र गूंजने चाहिए. जैसे गायत्री मंत्र महामृत्युंजय मंत्र और विष्णु जी के मंत्र जब ऐसे वास्तु में गुंजायमान होते हैं. तो पति और पत्नी के संबंध स्वाभाविक तौर पर सुखद और मधुर हो जाते हैं. पति और पत्नी के संबंधों को आनंदमय बनाने हेतु अग्नि कोण का भी विशिष्ट स्थान होता है. बिजली के ट्रांसफार्मर मीटर इलेक्ट्रिक के ज्यादातर सामान एसी और मशीनों के पॉइंट को विशेष तौर पर आग्नेय कोण में लगाया जाना चाहिए. जिससे दंपत्ति के बीच आपसी सद्भाव और प्रेम बना रहे.