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रायपुर: डिजिटल युग की ओर पुलिस विभाग के बढ़ रहे कदम, वॉइस-टू-टेक्स्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल शुरू

रायपुर में पुलिस विभाग ने अपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली लागू की है. थानों में अब टाइप करने के बदले वॉइस-टू-टेक्स्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे बयान लेने में आसानी होगी और पुलिस का समय भी बचेगा. फिलहाल सिविल लाइन थाने में इसका उपयोग किया जा रहा है.

Crime and Criminal Tracking Network and System
वॉइस-टू-टेक्स्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल
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Published : Dec 12, 2020, 7:56 PM IST

रायपुर: पुलिस विभाग लगातार अपने कामकाज को हाईटेक करने में लगी हुई है. इसके लिए नए-नए तकनीक को आधार बनाया जा रहा है. अपराध को रोकने के लिए अपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली की सुविधा को देश के सभी थानों में लागू किया जा रहा है. इस प्रकार के तंत्र के तहत सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस थानें, अपराध और अपराधियों से संबंधित सूचनाओं के एकत्रीकरण, सूचना साझाकरण और रिपोर्ट दर्ज करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर के पोर्टल का प्रयोग करेंगे.

पढ़ें: SSP ने डाॅयल 112 और CCTNS कर्मचारियों की ली बैठक, दिए जरुरी दिशा निर्देश

राजधानी रायपुर में अपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क की शुरुआत की जा रही है. थानों में अब टाइप करने के बदले वॉइस-टू-टेक्स्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे बयान लेने में आसानी होगी और पुलिस का समय भी बचेगा. ऐसे ही वॉइस टेक्स्ट का इस्तेमाल मध्यप्रदेश के लगभग सभी थानों में किया जा रहा है. अब राजधानी रायपुर में भी इसकी शुरुवात की जा रही है.

पढ़ें: जगदलपुर: CRPF की नेक पहल, दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए NCDE की शुरुआत

डिजिटल युग की ओर बढ़ रहा विभाग

प्रदेश में पुलिस विभाग को पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है. CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) के तहत विभाग को अपडेट करने की कवायद जोरों से चल रही है. वहीं अब राजधानी के थानों में वॉइस-टू-टेक्स्ट का इस्तेमाल किया जाएगा. पहले लोगों से बयान लेने में और उसको टाइप करने में घंटों समय लगता था. वहीं वॉइस टू टेक्स्ट के इस्तेमाल से समय के साथ सही जानकारी का रिकॉर्ड रखने में आसानी होगी. पुलिस का कहना है की सिविल लाइन थाने में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. कुछ ही दिन में राजधानी के सभी थानों में इससे ही कार्य किया जायेगा.

एसपी ऑफिस से की जाएगी CCTNS की मॉनिटरिंग

सीसीटीएनएस (CCTNS) में काम करने वाले कर्मचारियों को साल 2001 से 2005 तक की सभी डाटा को जल्द इंट्री करने, रोजनामचा की डाटा entry करते समय पर अनिवार्य रूप से करने, विवेचकों से केस डायरी लेकर समय पर CCTNS में इंट्री करने के निर्देश अक्टूबर में दिए गए थे. इस ओर विभाग लगातार काम कर रहा है.

रायपुर: पुलिस विभाग लगातार अपने कामकाज को हाईटेक करने में लगी हुई है. इसके लिए नए-नए तकनीक को आधार बनाया जा रहा है. अपराध को रोकने के लिए अपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और प्रणाली की सुविधा को देश के सभी थानों में लागू किया जा रहा है. इस प्रकार के तंत्र के तहत सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश के पुलिस थानें, अपराध और अपराधियों से संबंधित सूचनाओं के एकत्रीकरण, सूचना साझाकरण और रिपोर्ट दर्ज करने के लिए एक राष्ट्रीय स्तर के पोर्टल का प्रयोग करेंगे.

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राजधानी रायपुर में अपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क की शुरुआत की जा रही है. थानों में अब टाइप करने के बदले वॉइस-टू-टेक्स्ट सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे बयान लेने में आसानी होगी और पुलिस का समय भी बचेगा. ऐसे ही वॉइस टेक्स्ट का इस्तेमाल मध्यप्रदेश के लगभग सभी थानों में किया जा रहा है. अब राजधानी रायपुर में भी इसकी शुरुवात की जा रही है.

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डिजिटल युग की ओर बढ़ रहा विभाग

प्रदेश में पुलिस विभाग को पूरी तरह से डिजिटल किया जा रहा है. CCTNS (क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम) के तहत विभाग को अपडेट करने की कवायद जोरों से चल रही है. वहीं अब राजधानी के थानों में वॉइस-टू-टेक्स्ट का इस्तेमाल किया जाएगा. पहले लोगों से बयान लेने में और उसको टाइप करने में घंटों समय लगता था. वहीं वॉइस टू टेक्स्ट के इस्तेमाल से समय के साथ सही जानकारी का रिकॉर्ड रखने में आसानी होगी. पुलिस का कहना है की सिविल लाइन थाने में इसका इस्तेमाल किया जा रहा है. कुछ ही दिन में राजधानी के सभी थानों में इससे ही कार्य किया जायेगा.

एसपी ऑफिस से की जाएगी CCTNS की मॉनिटरिंग

सीसीटीएनएस (CCTNS) में काम करने वाले कर्मचारियों को साल 2001 से 2005 तक की सभी डाटा को जल्द इंट्री करने, रोजनामचा की डाटा entry करते समय पर अनिवार्य रूप से करने, विवेचकों से केस डायरी लेकर समय पर CCTNS में इंट्री करने के निर्देश अक्टूबर में दिए गए थे. इस ओर विभाग लगातार काम कर रहा है.

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