रायपुर: कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री रहे मोतीलाल वोरा के निधन पर भारतीय जनता पार्टी ने शोक जताया है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय ने मोतीलाल वोरा के निधन को लेकर गहरा दुख जताया है. उन्होंने कहा कि मोतीलाल वोरा जी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर छत्तीसगढ़ के हित के बारे में सोचने वाले लीडर थे. दिल्ली में रहने के दौरान छत्तीसगढ़ के तमाम मुद्दों को लेकर वे हमेशा से चिंतित रहते थे.
विष्णुदेव साय ने कहा कि 'दलगत राजनीति से हटकर वे हमेशा से छत्तीसगढ़ के विकास की सोचते थे. तमाम तरह के राजनीतिक मतभेद होने के बाद भी वो अपने प्रदेश से जुड़े लोगों की चिंता करते रहे. ऐसे लीडर का जाना छत्तीसगढ़ की राजनीति के लिए बहुत बड़ी क्षति है. भगवान उनके परिजनों को इस दुख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें'
मंत्री कवासी लखमा ने जताया शोक
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा के निधन पर आबकारी एवं उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने भी गहरा दुख व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि मोतीलाल वोरा का जाना ना सिर्फ देश के लिए बल्कि कांग्रेस के लिए भी एक बड़ी क्षति है. उनकी कमी को पूरा नहीं किया जा सकता. कवासी लखमा ने कहा कि 'लगभग 1 साल पहले उनकी मुलाकात मोतीलाल वोरा से हुई थी. जहां वोरा ने उन्हें मंत्री बनने पर बधाई दी थी. कवासी लखमा ने कहा कि इस दौरान मोतीलाल वोरा ने उन्हें एक मंत्र भी दिया था. उन्होंने कहा था कि गरीब और दुखियों की जितनी मदद हो सकती है, मंत्री पद पर रहते हुए करना'.
पढ़ें-मोतीलाल वोरा के निधन से छत्तीसगढ़ में शोक की लहर, लोगों ने दी श्रद्धांजलि
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने मोतीलाल वोरा के निधन पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि मोतीलाल वोरा के निधन से राजनीति के एक युग का अवसान हो गया है. वहीं रायपुर नगर निगम के महापौर ने कहा कि मोतीलाल वोरा ऐसे नेता थे जिनका दिल्ली में ऑफिस जनता के लिए सुबह से लेकर रात के 8 बजे तक खुला रहता था. आज बड़े दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि अब वह हमारे बीच नहीं है.
पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने दी श्रद्धांजलि
भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने मोतीलाल वोरा के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है.उन्होंने कहा कि मोतीलाल वोरा अपने आप में स्वयं एक संस्थान थे, एक महीने पहले ही मुझे उनका फोन आया था, इस दौरान उन्होंने मध्यप्रदेश में बिताये गए साथ के क्षणों को भावुकता से याद किया. मुझे यह सौभाग्य मिला था कि मैं मध्यप्रदेश के विधानसभा में उनके साथ काम कर सका. उनका जाना मेरे लिए व्यक्तिगत और पारिवारिक क्षति है, मेरे पारिवारिक कार्यक्रमों में राजनीति से हटकर सभी व्यवस्तताओं के बीच वे पूरा समय लेकर शामिल होते रहे हैं.