बिलासपुर: ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण और कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता की कमी देखने को मिल रहा है. ऐसे में कई बार विवाद की स्थिति भी बन रही है. स्वास्थ्य विभाग और अन्य प्रशासनिक विभागों के कर्मचारियों को ग्रामीणों को गुस्से का सामना करना पड़ रहा है. दरअसल गांवों में कोरोना से ज्यादा वैक्सीनेशन से खतरे का अफवाह फैल गई है. ऐसे में ग्रामीण वैक्सीनेशन से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
VIDEO: कोरबा में डोर-टू-डोर सर्वे करने पहुंचे शिक्षकों को फरसा लेकर डराने लगा ग्रामीण
अफवाहों के कारण वैकसीनेशन टीम को ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है. ऐसी एक घटना का विडियो वायरल हो रहा है. वीडियो बिलासपुर के गनियारी क्षेत्र से वायरल हुआ है. जिसमें ग्रामीण महिलाएं वैक्सीनेशन टीम पर भड़क रही हैं. महिलाएं कह रहीं है कि कुछ भी हो जाए, चाहे सरकार हमारा राशन कार्ड ले ले, हम टीका नहीं लगवाएंगे. टीका लगवाने के बाद अगर उन्हें कुछ हो गया तो क्या सरकार जिम्मेदारी लेगी. उनके परिवार, बच्चों की शिक्षा, शादी की गारंटी सरकार लेगी. अगर लेगी तो टीका लगवाएंगे लेकिन नहीं तो फिर किसी भी हालत में भले भीख मांग कर खाना पड़े लेकिन टीका नहीं लगवाएंगे.
वैक्सीनेशन को लेकर गलत जानकारी से बचने की जरूरत
महिलाओं का कहना है कि गरीब आदमी को इलाज नहीं मिल रहा है. टीका लगवाने के बाद बुखार बीमारी में लोग तड़प रहे हैं. और मर रहे हैं. बता दें ये सभी बातें अफवाह हैं. इसे लेकर प्रशासनिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन को लेकर ऐसी भ्रांति फैली हुई है. जिसके कारण इस तरह के विरोध का सामना वैकसीनेशन टीम को करना पड़ रहा है.
कोरबा में भी टीम से दुर्व्यवहार
शिक्षकों को डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. श्यांग क्षेत्र के गांव अमलडीहा में पदस्थ सहायक शिक्षक गिरीश अपनी टीम के साथ जब ग्रामीणों के घर सर्वे करने गए थे. तब एक ग्रामीण उत्तेजित होकर शिक्षकों को मारने की बात कह रहा था. ग्रामीण ने हाथ में धारदार फरसा लिया हुआ था. वह शिक्षकों की ओर इसे लहराकर उन्हें गांव से बाहर निकलने की धमकी दे रहा था.