रायपुर/हैदराबाद: हिंदी वर्ष के फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी कहा जाता है. इस बार या 16 फरवरी, यानी आज है. माना जाता है कि आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से शुभ फलों का प्राप्ति होती है. इसके साथ ही जो व्यक्ति आज के दिन कोई शुभ काम शुरू करता है, उसे सफलता जरूर मिलती है. शत्रुओं से छुटकारा भी मिल जाता है. एकादशी के दिन व्रत और भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ ही इस दिन कुछ नियमों को मानना भी बेहद जरूरी है.
विजया एकादशी पर इन कामों को बिल्कुल भी न करें:
इस दिन चावल का सेवन बिल्कुल भी न करें. क्योंकि एक कथा के अनुसार चावल और जौ को जीवन के समान माना गया है. एकादशी के दिन इसका सेवन करना यानी महर्षि मेधा के रक्त का सेवन करने के बराबर है.
एकादशी के दिन दातून करने से भी बचना चाहिए, क्योंकि एकादशी के दिन पेड़ की टहनियां तोड़ने की मनाही है.
एकादशी के दिन अपने मन और चित का शांत रखना चाहिए.
किसी से किसी भी तरह के विवाद न करें और न ही किसी को अपशब्द कहें.
स्नान के बाद करें भगवान विष्णु की पूजा:
स्नान करने के बाद भगवान विष्णु की पूजा जरूर करें.
इस दिन दान जरूर करना चाहिए. इसलिए अपनी क्षमता के अनुसार अनाज, वस्त्र, धन आदि का दान करें.
शादी में रुकावट ना आने के लिए एकदशी के दिन केला, हल्दी और केसर का दान जरूर करें.
पीले रंग के वस्त्र भगवान विष्णु को अर्पित करें.
एकादशी के दिन विष्णु चालीसा, विष्णु मंत्र का जाप करें.
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