रायपुर: बुधवार को विद्या मितानों (अनियमित शिक्षक) ने अपना आंदोलन वापस ले लिया है. अब इन अनियमित शिक्षकों में रोजगार की नई उम्मीद जगी है. दरअसल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पुख्ता आश्वासन के बाद आंदोलनकारियों ने अपने धरने को स्थगित करने का फैसला लिया. पिछले 65 दिनों से रायपुर के धरना स्थल पर धरना दे रहे विद्या मितानों को मुख्यमंत्री आवास से बुलावा भेजा गया था. करीब डेढ़ घंटे चली चर्चा के बाद प्रदर्शनकारियों ने अपने आंदोलन को स्थगित करने का फैसला लिया.
विद्या मितान के संगठन के प्रमुख धर्मेंद्र वैष्णव ने बताया कि मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान कहा है कि छत्तीसगढ़ के किसी भी विद्या मितान को बेरोजगार नहीं होने दिया जाएगा. सभी को रोजगार दिया जाएगा. स्कूल खुलने के साथ इन्हें फिर से स्कूलों में पढ़ाने का मौका मिलेगा और शिक्षा विभाग में इन्हें नियमित किए जाने की प्रक्रिया भी की जाएगी. धर्मेंद्र ने बताया कि विद्या मितान ने सरकार पर भरोसा जताते हुए इस आंदोलन को फिलहाल स्थगित कर दिया है.
27 अक्टूबर से दे रहे थे धरना
रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर 27 अक्टूबर से छत्तीसगढ़ के विद्या मितान धरने पर बैठे थे. उनकी मांग थी कि इन्हें नियमित किया जाए. दरअसल प्रदेश के ग्रामीण इलाको में अनियमित शिक्षक के तौर पर विद्या मितान सरकारी स्कूलों में पढ़ाने का काम कर रहे थे. कोविड काल में स्कूल बंद होने की वजह से पिछले लंबे समय से यह बेरोजगार हैं.
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कांग्रेस ने किया था नियमितीकरण का वादा
चुनावी समय में कांग्रेस पार्टी ने इन सभी से नियमित किए जाने का वादा भी किया था. इसलिए अपनी मांगों को पूरा करवाने के लिए धरना दे रहे थे. 65 दिनों में कई बार विद्या मितानों ने घेराव और रैली प्रदर्शन किया. पिछले दिनों विधानसभा में भी इनका मुद्दा उठा था. जिस पर सरकार ने समय रहते कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.