रायपुर: प्रदेश का पहला कोविड केयर सेंटर शुरू होते ही विवादों में घिर गया है. यहां की बदहाली से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. वीडियो इसी केयर सेंटर में भर्ती किसी मरीज ने बनाया है. वीडियो में अफरा-तफरी का माहौल देखने को मिल रहा है. यहां भर्ती मरीज प्रबंधन की लापरवाही को लेकर परेशान नजर आ रहे हैं. मरीज कोविड सेंटर की लचर व्यवस्थाओं को लेकर विरोध कर रहे हैं. इसमें संक्रमित मरीज घर चले जाने की बात भी कह रहे हैं.
लगभग 2 महीनों से तैयार इस कोविड सेंटर को 2 दिन पहले शुरू किया गया था. आलम ये है कि भर्ती मरीज यहां की व्यवस्थाओं से खुश नहीं हैं. मरीजों का आरोप है कि उन्हें न तो यहां पर खाने के लिए खाना मिल रहा है न ही यहां पर ठीक तरीक़े से कोई व्यवस्था की गई है. डॉक्टरों की व्यवस्था न करने की बात वीडियो के जरिए सामने आई है. वीडियो में कोरोना के मरीज यह कहते दिख रहे हैं कि उन्हें सुबह से कुछ भी खाने को नहीं मिला है. यहां तक की गर्म पानी नहीं मिल पा रहा है. साथ ही कोई भी जिम्मेदार उनकी बात नहीं सुन रहे हैं.
शुरू होने से पहले भी था विवाद
यह केयर सेंटर उन मरीजों के लिए तैयार किया गया था. जिनमें संक्रमण के हल्के या न के बराबर लक्षण हों. यहां उनका इलाज किए जाने की तैयारी थी. इससे अधिक बीमार मरीजों को अस्पताल और कम बीमार मरीजों को केयर सेंटर में रखा जाता. ऐसे में अस्पतालों से बोझ कम होता. अधिक बीमार मरीजों के केस अच्छे से हैंडल किए जा सके. लेकिन बनने के बाद 1 महीने तक इसके टेकओवर को लेकर विवाद था. दरअसल जिला स्वास्थ्य विभाग का कहना था कि स्मार्ट सिटी की ओर से बनाए गए कोविड केयर में ट्रीट और ब्लीच की सुविधा नहीं है. जिससे मरीजों के उपयोग का पानी सीधे नालियों में जाएगा. ऐसे में संक्रमण का खतरा बढ़ेगा. ऐसा कोई सिस्टम तैयार नहीं किया गया है. जिससे संक्रमित पानी को ट्रीट किया जा सके. पानी का लगातार बाहर जाना घातक हो सकता है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग, स्मार्ट सिटी विभाग से टेकओवर लेने से बच रहा था. इस अनबन के बीच केयर सेंटर शुरू हुआ, लेकिन अब बदहाली का आलम है.
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निजी हाथों में सौंपने की तैयारी
ETV भारत ने छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से खास बातचीत की थी. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा है कि निजी कंपनियों को ठेके पर कोविड-19 केयर सेंटर चलाने को दिया जाएगा. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया की जाएगी और जो इसके पात्र होंगे उन्हें टेंडर दिया जाएगा. रायपुर जिले में कोविड केयर सेंटर का जिम्मा निजी हाथों में देने का प्रयोग पहली बार हो रहा है. अगर यह परियोजना सफल हुई, तो इसे बाकी जिलों में भी लागू किया जाएगा.