रायपुर: असम में आई बाढ़ के बाद वहां जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. यहां तक कि वहां की फसलें भी बर्बाद हो गई है. यही वजह है कि अब असम दूसरे राज्यों पर खाने पीने की चीजों के लिए आश्रित हैं. उस बीच सब्जी को लेकर असम के कुछ व्यापारियों ने छत्तीसगढ़ सब्जी व्यवसाई और किसानों से संपर्क किया. जिसके बाद यहां से कई ट्रक सब्जियां असम भेजी गई, जिससे वहां के लोगों को राहत मिल सके. उन्हें खाने-पीने की दिक्कत ना हो.
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बाढ़ से फसल हुई बर्बाद, छत्तीसगढ़ से असम भेजी जा रही है सब्जियां : श्रीराम थोक सब्जी विक्रेता समिति डूमरतराई के अध्यक्ष टी. श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि "असम में हाल ही में आई बाढ़ की वजह से पूरी फसल खराब हो गई है. सब्जियों के लिए वहां पर त्राहि-त्राहि मचा हुआ है. ऐसे में वहां के व्यापारियों ने छत्तीसगढ़ के व्यापारियों से सब्जी के लिए संपर्क किया. खासकर रायपुर और दुर्ग जिले से भारी मात्रा में सब्जियां असम भेजी गई है.
इन सब्जियों को भेजा गया असम : टी. श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि "जिन सब्जियों को असम भेजा गया है. उसमें खीरा, लौकी, भटा, हरी मिर्च अदरक सहित अन्य सब्जियां शामिल है. असम में अच्छी मांग भी है, क्योंकि वहां पर खाने-पीने की दिक्कत है. इस वजह से यह सब्जियां हाथों-हाथ बिक रही है. जिसका प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से यहां के किसानों और व्यापारियों को भी फायदा मिल रहा है. असम की आम जनता को भी सब्जी की किल्लत से राहत मिल रही है.
बाइट : टी. श्रीनिवास रेड्डी, अध्यक्ष, थोक सब्जी मंडी विक्रेता समिति, डूमरतराई, रायपुर
लंबे समय तक टिकने वाली सब्जियों की असम बाजार में मांग: छत्तीसगढ़ से उन सब्जियों को असम भेजा जा रहे हैं, जिसे बाढ़ के हालात में ज्यादा दिन तक सुरक्षित रखा जा सकेगा. असम छत्तीसगढ़ के लिए नया बाजार है, निश्चित रूप से यहां के किसानों के लिए यह फायदे का सौदा है. देश के अन्य राज्यों में भी छत्तीसगढ़ से सब्जियां सप्लाई होती है. डूमरतराई सहित प्रदेश की अन्य सब्जी मंडियों से ओडिशा, महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, बिहार और आस-पास के राज्यों में सब्जियों की सप्लाई की जाती है, लेकिन असम पहली बार सब्जी भेजी जा रही है.
बारिश के मौसम में सब्जियों के दामों में होती है भारी गिरावट: अन्य राज्यों की अपेक्षा छत्तीसगढ़ में सब्जी के दाम कुछ कम है. बरसात के दिनों में सब्जी के दामों में भारी गिरावट भी आई है जो टमाटर एक समय 60 से 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा था. आज वह 10 से 15 रुपये प्रति किलो पहुंच गया है. अन्य सब्जियों के दामों में भी भारी गिरावट आई है. जिस वजह से यहां की सब्जी बाहर भेजने पर किसानों और व्यापारियों को ज्यादा लाभ मिल रहा है.