ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा में 47 फीसदी की गिरावट, लोकसभा में सरकार का दावा - REDUCTION IN NAXALITE VIOLENCE

"सुरक्षा संबंधी व्यय के तहत छत्तीसगढ़ को दूसरे राज्यों से 43 प्रतिशत ज्यादा राशि मिली. जिसके कारण प्रदेश में नक्सल हिंसा में कमी आई है."

REDUCTION IN NAXALITE VIOLENCE
छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा में कमी (SANSAD TV)
author img

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Feb 12, 2025, 12:55 PM IST

रायपुर: मंगलवार को लोकसभा में सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 2010 की तुलना में 2024 के दौरान नक्सली हिंसा की घटनाओं में 47 प्रतिशत की कमी आई है. इसके साथ ही आम लोगों और सुरक्षा बलों की मौत में भी 64 प्रतिशत की कमी देखी गई है.

छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा में कमी: एक सवाल के जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2024 में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) हिंसा के 267 मामले दर्ज किए गए. जबकि 2010 में 499 मामले दर्ज किए गए थे. उन्होंने कहा कि आम लोगों और सुरक्षा बलों की मौतों में भी 2010 की तुलना में 64 प्रतिशत की गिरावट आई है. साल 2010 में 343 मौतों की तुलना में साल 2024 में 122 मौतें दर्ज की गई.

छत्तीसगढ़ को सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए मिले ज्यादा पैसे: राय ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) राहत और पुनर्वास योजना के तहत सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को जारी किए गए 1925.83 करोड़ रुपये में से राज्य को 43 प्रतिशत ज्यादा मिला. यानी छत्तीसगढ़ को 829.80 करोड़ रुपये दिए गए. जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा में कमी आई.

सुरक्षा संबंधी व्यय क्या है: एसआरई योजना वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को वामपंथी हिंसा में मारे गए नागरिकों और सुरक्षा बलों के परिवारों को अनुग्रह राशि, सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और परिचालन आवश्यकताओं, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कैडरों के पुनर्वास, सामुदायिक पुलिसिंग और नक्सली हिंसा में संपत्तियों के नुकसान के लिए सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों को मुआवजे के प्रावधानों के माध्यम से क्षमता निर्माण के लिए धन देती है.

गृह राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले पांच साल के दौरान विशेष अवसंरचना योजना (एसआईएस) के तहत सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को जारी किए गए कुल 394.31 करोड़ रुपये में से छत्तीसगढ़ को 21.6 प्रतिशत राशि मिली. इस योजना का उद्देश्य विशेष बलों, विशेष खुफिया शाखाओं (एसआईबी) और जिला पुलिस को मजबूत करना है. इसमें छत्तीसगढ़ के लिए 85.42 करोड़ रुपये शामिल हैं.

वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के लिए छत्तीसगढ़ के लिए 147 सहित सात सौ दो फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन (एफपीएस) स्वीकृत किए गए हैं. इनमें से छत्तीसगढ़ में 125 सहित 612 एफपीएस का निर्माण किया गया है.

अधिकांश वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में विकास को और गति देने के लिए, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सेवाओं में महत्वपूर्ण अंतराल को भरने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजना के तहत राज्यों को राशि दी जाती है. गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस योजना के तहत पिछले पांच वर्षों (2019-20 से आज तक) के दौरान सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 2384.17 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ के लिए 773.62 करोड़ रुपये शामिल हैं.

राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रबंधन (ACALWEM) योजना के लिए केंद्रीय एजेंसियों को सहायता के तहत, पिछले पांच साल में (2019-20 से आज तक) वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों में हेलीकॉप्टरों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को संबोधित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को 654.84 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

बीजापुर मुठभेड़ में काम आई ये रणनीति, महाराष्ट्र की ओर से पुलिस के हमले के कारण फंसे नक्सली
इतिहास में पहली बार बीजापुर की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़, एक साथ मारे गए 31 माओवादी
बीजापुर एनकाउंटर में शहीद हुए वसित रावटे का पार्थिव शरीर पहुंचा गृहग्राम बालोद

रायपुर: मंगलवार को लोकसभा में सरकार ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 2010 की तुलना में 2024 के दौरान नक्सली हिंसा की घटनाओं में 47 प्रतिशत की कमी आई है. इसके साथ ही आम लोगों और सुरक्षा बलों की मौत में भी 64 प्रतिशत की कमी देखी गई है.

छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा में कमी: एक सवाल के जवाब में, गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि छत्तीसगढ़ में 2024 में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) हिंसा के 267 मामले दर्ज किए गए. जबकि 2010 में 499 मामले दर्ज किए गए थे. उन्होंने कहा कि आम लोगों और सुरक्षा बलों की मौतों में भी 2010 की तुलना में 64 प्रतिशत की गिरावट आई है. साल 2010 में 343 मौतों की तुलना में साल 2024 में 122 मौतें दर्ज की गई.

छत्तीसगढ़ को सुरक्षा संबंधी व्यय के लिए मिले ज्यादा पैसे: राय ने कहा कि पिछले पांच साल के दौरान सुरक्षा संबंधी व्यय (एसआरई) राहत और पुनर्वास योजना के तहत सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को जारी किए गए 1925.83 करोड़ रुपये में से राज्य को 43 प्रतिशत ज्यादा मिला. यानी छत्तीसगढ़ को 829.80 करोड़ रुपये दिए गए. जिसकी वजह से छत्तीसगढ़ में नक्सल हिंसा में कमी आई.

सुरक्षा संबंधी व्यय क्या है: एसआरई योजना वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित राज्यों को वामपंथी हिंसा में मारे गए नागरिकों और सुरक्षा बलों के परिवारों को अनुग्रह राशि, सुरक्षा बलों के प्रशिक्षण और परिचालन आवश्यकताओं, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली कैडरों के पुनर्वास, सामुदायिक पुलिसिंग और नक्सली हिंसा में संपत्तियों के नुकसान के लिए सुरक्षा कर्मियों और नागरिकों को मुआवजे के प्रावधानों के माध्यम से क्षमता निर्माण के लिए धन देती है.

गृह राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले पांच साल के दौरान विशेष अवसंरचना योजना (एसआईएस) के तहत सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को जारी किए गए कुल 394.31 करोड़ रुपये में से छत्तीसगढ़ को 21.6 प्रतिशत राशि मिली. इस योजना का उद्देश्य विशेष बलों, विशेष खुफिया शाखाओं (एसआईबी) और जिला पुलिस को मजबूत करना है. इसमें छत्तीसगढ़ के लिए 85.42 करोड़ रुपये शामिल हैं.

वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों के लिए छत्तीसगढ़ के लिए 147 सहित सात सौ दो फोर्टिफाइड पुलिस स्टेशन (एफपीएस) स्वीकृत किए गए हैं. इनमें से छत्तीसगढ़ में 125 सहित 612 एफपीएस का निर्माण किया गया है.

अधिकांश वामपंथी उग्रवाद प्रभावित जिलों में विकास को और गति देने के लिए, सार्वजनिक बुनियादी ढांचे और सेवाओं में महत्वपूर्ण अंतराल को भरने के लिए विशेष केंद्रीय सहायता (एससीए) योजना के तहत राज्यों को राशि दी जाती है. गृह राज्य मंत्री ने लोकसभा में कहा कि इस योजना के तहत पिछले पांच वर्षों (2019-20 से आज तक) के दौरान सभी वामपंथी उग्रवाद प्रभावित राज्यों को 2384.17 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. इसमें छत्तीसगढ़ के लिए 773.62 करोड़ रुपये शामिल हैं.

राय ने कहा कि वामपंथी उग्रवाद प्रबंधन (ACALWEM) योजना के लिए केंद्रीय एजेंसियों को सहायता के तहत, पिछले पांच साल में (2019-20 से आज तक) वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों में हेलीकॉप्टरों और महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचे को संबोधित करने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को 654.84 करोड़ रुपये दिए गए हैं.

बीजापुर मुठभेड़ में काम आई ये रणनीति, महाराष्ट्र की ओर से पुलिस के हमले के कारण फंसे नक्सली
इतिहास में पहली बार बीजापुर की सबसे बड़ी नक्सली मुठभेड़, एक साथ मारे गए 31 माओवादी
बीजापुर एनकाउंटर में शहीद हुए वसित रावटे का पार्थिव शरीर पहुंचा गृहग्राम बालोद
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.