रायपुर: राजधानी समेत पूरे देश में 18 जुलाई से अनब्रांडेड पैकेजिंग राशन सामानों जैसे चावल , दाल, आटा, मैदा, दूध, दही, पनीर, मटर पर 5% जीएसटी लगाया गया है. 5% जीएसटी के दायरे में 1 किलो से 25 किलो तक पैकिंग शामिल है. 25 किलो के ऊपर अनब्रांडेड पैकेजिंग सामान 5% जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है. बेसिक दाल, चावल, आटा जैसे सामानों पर जीएसटी लगने से पहले से ही ग्राहक काफी परेशान हैं. अब बारिश की वजह से सब्जी भाजी महंगी होने से लोगों की मुसीबत बढ़ गई है. पिछले साल की तुलना में इस बार सब्जियों के दाम 20% से 25% तक बढ़े हैं. (vegetable price in raipur today)
रायपुर में सब्जियों के दाम (vegetable price in raipur ) -
सब्जी/भाजी | दाम | 1 हफ्ते पहले |
पालक भाजी | 100 रुपए किलो | 40-50 रुपए किलो |
लाल भाजी | 50 रुपए किलो | 20-30 रुपए किलो |
प्याज भाजी | 80 रुपए किलो | 40-50 रुपए किलो |
चौलाई भाजी | 50 रुपए किलो | 20-30 रुपए किलो |
गोभी | 120 रुपए किलो | 40-50 रुपए किलो |
शिमला मिर्च | 80 रुपए किलो | 40-50 रुपए किलो |
कोचई | 65 रुपए किलो | 25-35 रुपए किलो |
कच्चा केला | 60 रुपए किलो | 30-40 रुपए किलो |
बैंगन | 50 रुपए किलो | 20-30 रुपए किलो |
बरबटी | 50 रुपए किलो | 30-35 रुपए किलो |
भिंडी | 50 रुपए किलो | 20-30 रुपए किलो |
धनिया पत्ती | 120 रुपए किलो | 80 रुपए किलो |
बारिश से ट्रांसपोर्टेशन खस्ताहाल: कई इलाकों में भारी बारिश की वजह से सब्जी को एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में काफी परेशानी हो रही है. शहर की मंडी में खीरा, लौकी, बैंगन सहित अन्य सब्जियां गुजरात, उत्तर प्रदेश और बिहार से आती है. बाहर से आने वाली सब्जियों में फूल गोभी, पत्ता गोभी, मुनगा, करेला, बरबटी, शिमला मिर्च, आलू और प्याज भी शामिल हैं. कम आवक होने के कारण (Vegetables arrival reduced due to rain in raipur mandi) ये सभी सब्जियां भी बाजार में ऊंची कीमत पर बिक रहीं हैं.
बारिश के कारण 20% से 25% महंगी सब्जी: सब्जी दुकानदार दीनदयाल साहू ने बताया "पिछले साल की तुलना में सब्जी भाजी के दाम 20% से 25% तक (Vegetables of Chhattisgarh became expensive) बढ़े हैं. ग्राहक के साथ हम दुकानदार भी काफी परेशान हैं. 50 किलो अगर माल हम दुकान ला रहे हैं तो 15 किलो खराब हो जा रहा है. बारिश की वजह से ग्राहक के साथ साथ दुकानदारों को भी काफी नुकसान हुआ है. बारिश से स्थानीय उत्पाद पूरी तरह प्रभावित हुए हैं. अन्य राज्यों से आने वाली सब्जियों की आवक भी कमजोर हुई है.''
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छत्तीसगढ़ में होने वाली भाजी भी बारिश से बर्बाद: सब्जी दुकानदार योग नाथ ने बताया "सब्जियों के भाव में लगातार तेजी देखी जा रही है. भाजी भी काफी ज्यादा महंगी हुई है. पालक भाजी से लेकर चौलई भाजी, प्याज भाजी, लाल भाजी सभी 30 से 40 रुपए महंगे हुए हैं. मंडी में 30 फीसदी सब्जियां ही स्थानीय है. 70 फीसदी बाहरी आवक है. स्थानीय उत्पाद के 30 फीसदी में से लगभग 15 फीसदी सब्जियां दूसरे राज्यों से सप्लाई की जाती है. वर्तमान में कोचई के दाम ऑल टाइम हाई पर पहुंच गए हैं.''
"500 रुपए में भी नहीं भरता सब्जियों से थैला": ग्राहक मनोज पात्रे ने बताया "पहले दाल, चावल, आटे में जीएसटी की वजह से हम काफी परेशान हैं. ऊपर से सब्जियों के बढ़े दाम ने हमारे जेब में आग लगा दी है. बारिश के मौसम में हर साल सब्जियां महंगी तो होती है, लेकिन इस बार सब्जियां बहुत ज्यादा महंगी हुई है. 500 रुपए लेकर हम सब्जी लेने जाते हैं तो एक थैला भी सब्जियों से नहीं भरता है. बैंगन, खीरा, आलू, गोभी जैसी रेगुलर इस्तेमाल होने वाली सब्जियों के दाम भी काफी ज्यादा बढ़े हैं.
महंगाई ने रसोई में लगाई आग : ग्राहक रीता ने बताया "छत्तीसगढ़ में होने वाली सब्जियां चौलई भाजी, प्याज भाजी, लाल भाजी के दाम भी काफी ज्यादा बढ़ गए हैं. बारिश के मौसम में हरी सब्जियां हर कोई खाना चाहता है, लेकिन महंगाई ने स्वाद कड़वा कर रखा है. हर सामान बाजार में महंगा है. आदमी खाए तो खाए क्या? घर में महिलाएं भी काफी परेशान हैं. महंगाई ने रसोई की स्थिति खराब कर दी है.