रायपुर: माता वैभव लक्ष्मी का व्रत शुक्रवार को किया जाता है. शुक्रवार को माता की खास विधि से पूजा से मां प्रसन्न होती है. मां वैभव लक्ष्मी प्रसन्न होने पर वैभव, संतान, यश, मनपसंद जीवनसाथी देती हैं. माता का व्रत करने से वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है. माता लक्ष्मी अष्ट सिद्धि और नव विधि प्रदान करने वाली हैं.
इन चीजों को खरीदना शुभ: शुक्रवार का दिन व्यापार, कला, मनोरंजन, भौतिक सुख-सुविधा आदि के लिए बेहद शुभ माना गया है. इस दिन वाहन, मकान, जमीन जायदाद, आभूषण, रत्न, जेवरात, भौतिक सुख सुविधा की चीजें खरीदना शुभ माना जाता है. इस दिन मां वैभव लक्ष्मी को स्मरण कर पूरे मन से मां वैभव लक्ष्मी की साधना करने पर हर तरह का भौतिक सुख मिलता है.
ऐसे करें मां की पूजा: शुक्रवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर योग ध्यान आदि से निवृत्त होकर महालक्ष्मी की साधना करनी चाहिए. माता वैभव लक्ष्मी को लाल कपड़े के आसन पर सुरक्षित स्थान पर बैठाना चाहिए. इसके बाद शुद्ध जल से माता को स्नान कराना चाहिए. इसके बाद माता की तस्वीर पर लाल रंग की चुनरी अर्पित करना चाहिए. रोली, कुमकुम, सिंदूर, बंदन सौभाग्य दायिनी रोली आदि से माता का सिंगार करना चाहिए. माता को केला, पीले फल अर्पित करना चाहिए. साथ ही वैभव लक्ष्मी यंत्र, महालक्ष्मी यंत्र, विजय लक्ष्मी यंत्र, शुभ लक्ष्मी यंत्र आदि की स्थापना करनी चाहिए. इसके बाद विधि विधान से पूजा करना चाहिए. इसके बाद अपनी शक्ति और भक्ति के अनुसार व्रत रखना चाहिए.
सफेद रंग का हो प्रसाद: माता वैभव लक्ष्मी को सफेद रंग की मिठाई चढ़ानी चाहिए. खोए की मिठाइयां मां को काफी पसंद है. इस दिन सुबह-सुबह उठकर माता के शुभ चरण के चिन्हों को घर के द्वार पर बनाया जाता है. श्वेत रंगोली से इस कार्य को पूरी निष्ठा से करनी चाहिए. माता को आज के दिन स्थाई रूप से अपने घर में बुलाना चाहिए. माता लक्ष्मी के चरण प्रत्येक द्वार पर जोड़े में बनाए जाते हैं. इसके साथ ही माता वैभव लक्ष्मी को कमल का फूल, श्वेत पुष्प, पीले पुष्प प्रकृति के विभिन्न सतरंगी पुष्प की माला अर्पित की जाती है. वैभव लक्ष्मी का मंत्र, वैभव चालीसा, वैभव लक्ष्मी की आरती लक्ष्मी जी की आरती गाकर मां वैभव लक्ष्मी की कृपा प्राप्त की जाती है.
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ऐसे लें व्रत का संकल्प: शुक्रवार का दिन वैभव लक्ष्मी के नाम पर समर्पित होता है. इस दिन आटे का शुद्ध घी से बना प्रसाद मां को भोग लगाया जाना चाहिए. माता को तांबूल, आम के पत्ते, दूब से स्नान कराना चाहिए. साथ ही पंचामृत दूध, दही, घी, मधु, चीनी से अभिषेक किया जाता है. वैभव लक्ष्मी का व्रत 11,21, 51 अथवा एक या 2 वर्षों के लिए भी संकल्प लिया जा सकता है. माता वैभव लक्ष्मी का व्रत शुक्ल पक्ष में शुरू किया जाना चाहिए. प्रथम वैभव लक्ष्मी के दिन ही संकल्प लेकर इस उपवास को शुरू किया जाना चाहिए.
स्वच्छ वस्त्र पहनें: इस दिन स्वच्छ वस्त्र धारण कर व्रत किया जाता है. इस व्रत को कुंवारी कन्या अपने पसंद की जीवनसाथी को पाने के लिए करती है. वैभव लक्ष्मी का व्रत पूरा होने के बाद विधिपूर्वक उद्यापन करना चाहिए. उद्यापन विधिपूर्वक और शास्त्र के अनुसार होनी चाहिए. यदि आप किसी दिन उपवास नहीं करते हैं तो सत्य निष्ठा होकर सात्विकता और सकारात्मकता से दिन गुजारने का संकल्प लेना चाहिए.
इन वस्तुओं का करें दान: शुक्रवार के शुभ दिन नये कपड़े, आभूषण, सोने चांदी के गहने, सोने चांदी के सिक्के खरीदना शुभ माना जाता है. इस दिन लाल, पीले या फिर सफेद कपड़े पहनने चाहिए. इस दिन खिचड़ी, चावल, छिलके वाली मूंग दाल आदि का दान करना शुभ माना जाता है.