रायपुर: छत्तीसगढ़ में लगातार जलवायु में परिवर्तन का असर दिख रहा है. लॉकडाउन के दौरान अप्रैल महीने में हो रही तेज बारिश और ओलावृष्टि से प्रदेश भर के किसान प्रभावित हो रहे हैं. प्रदेश के कई जिलों में ओलावृष्टि ने जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. जिससे किसानों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अप्रैल के महीने में छत्तीसगढ़ के कई जिलों में रूक-रूक कर बारिश हो रही है. तो कही ओलावृष्टि दस्तक दे रही है.
बिलासपुर पेंड्रा में ओलावृष्टि
पेंड्रा में अचानक हुई तेज बारिश के साथ ओलावृष्टि ने ग्रामीणों के मकानों को नुकसान पहुंचाया है. यहां फल, सब्जी की खेती भी लगभग बर्बादी के कागार पर है. लोगों को इससे चोटें भी आई हैं. घरों के बाहर रखे वाहनों को भी भारी नुकसान हुआ है. लोगो की मानें तो 100 से 150 ग्राम वजन के ओले गिरे हैं.
जांजगीर-चांपा का मौसम
जांजगीर-चांपा के चंद्रपुर इलाके में भी जोरदार बारिश ने दस्तक दी है. लगातार हो रही बारिश से आस-पास के किसानों की फसलें बर्बाद हो रही है. यहां आकाशीय बिजली की चपेट में आने से 11 बंदरों की मौत हो गई है.चंद्रपुर विधानसभा क्षेत्र में जोरदार बारिश ने जन-जीवन में उथल-पुथल मचा दी है.
जशपुर में तबाही
पत्थलगांव क्षेत्र में दो दिनों तक लगातार बारिश हुई. ग्राम झिमकी, जामटोली, फरसाटोली, बनगांव, रोकबहार, खजरीढाप, बुलडेगा, खमगड़ा गांव बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं. इन गांवों के बहुत से ग्रामीणों के मकान ओलावृष्टि से क्षतिग्रस्त हुए हैं. यहां सड़कों और घरों के किनारे ओले की सफेद चादर बिछ गई थी.
कोरबा भी प्रभावित
वन से संपन्न कोरबा में भी मौसम ने करवट ली. जोरदार बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई है. शहरी इलाकों के साथ ही कोरबा के ग्रामीण इलाकों में भी मौसम ने खूब कहर ढाया है. यहां लगातार बेमौसम बारिश लोगों की परेशानी बढ़ा रहा है.
लैलूंगा में घरों पर टूटा कहर
रायगढ़ के लैलूंगा विधानसभा इलाके में जोरदार ओलावृष्टि देखी गई है. जिसमें कई घरों को नुकसान पहुंचा है. साथ ही कई पेड गिर गए हैं. ओलावृष्टि से कई मकान क्षतिग्रस्त हुए है. इन इलाकों के किसानों में हाताशा छाई हुई है.
मार्च में भी बदला था मौसम
साल की शुरूआत से ही मौसम लगातार अपना रूख बदल रहा है. मार्च के महीने में बस्तर, कोरबा, रायगढ़, महासमुंद, सूरजपुर, जशपुर, बिलासपुर सहित कई जिलों में तेज बारिश हुई थी. जिसका बुरा असर दलहन और सब्जी की फसलों पर सबसे ज्यादा दिखा था. अप्रैल के अंतिम दिनों में फिर मौसम ने किसानों और आम जन-जीवन को प्रभावित कर दिया है.