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करीब 40 दिन बाद बाजार खुले तो बोले दुकानदार- अब घर चला पाएंगे

बिलासपुर जिले में कोरोना संक्रमण दर में कमी को देखते हुए अनलॉक करने का फैसला लिया गया है. राजधानी रायपुर समेत धमतरी, बेमतरा, बालोद, जशपुर, दुर्ग, बिलासपुर, महासमुंद और राजनांदगांव जिलों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. बुधवार को बाजारों में रौनक दिखी. दुकानदार, छोटे व्यवसायी और ठेले वालों को लॉकडाउन खुलने से राहत मिली है.

UNLOCK STARTED IN RAIPUR
राजधानी रायपुर भी अनलॉक
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Published : May 26, 2021, 11:02 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की दर में कमी को देखते हुए कई जिलों में अनलॉक कर दिया कर दिया है. इन जिलों में एक महीने से ज्यादा के बाद बाजार खुले हैं. कुछ जिलों में रौनक देखने को मिली, तो कहीं दुकानदार ग्राहक का इंतजार करते नजर आए. इस अनलॉक से सबसे ज्यादा राहत ऐसे लोग महसूस कर रहे हैं, जो छोटे व्यवसाय से जुड़े हैं और रोज कमाने खाने वाले हैं. मजदूर, ठेले, रेहड़ी, रिक्शा वाले इससे सबसे ज्यादा राहत महसूस कर रहे हैं. 40 दिन के लॉकडाउन में जहां उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, वहीं अब उनका मानना है अनलॉक होने से उन्हें इन हालातों से उबरने में मदद मिलेगी.

करीब 40 दिन बाद खुले बाजार

रायपुर कलेक्टर ने मंगलवार की शाम रायपुर में सभी दुकान खोलने के आदेश जारी कर दिए थे. आदेश के अनुसार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है. पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन की वजह से दुकानदार, छोटे व्यवसायी और ठेले वाले काफी परेशान थे. घर चलाना तक मुश्किल हो गया था. लॉकडाउन खुलने से इन्हे थोड़ी राहत जरूर मिली है.

UNLOCK STARTED IN RAIPUR
ग्राहकों का इंतजार

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में अनलॉक

राजधानी रायपुर, धमतरी, बेमतरा, बालोद, जशपुर, दुर्ग, बिलासपुर, महासमुंद और राजनांदगांव जिलों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए टोटल लॉकडाउन के पालन के साथ शाम 6:00 बजे तक मार्केट खोलने की अनुमति दी है.

देखिए क्या रहेगा ओपन ?

नई गाइडलाइन के मुताबिक, शहर में सभी दुकानें, सैलून, ब्यूटी पार्लर, स्पा, पार्क और जिम, शॉपिंग मॉल ठेला-गुमटी, सुपर मार्केट, सुपर बाजार, फल और सब्जी मंडी, अनाज मंडी, शोरूम, क्लब और शराब की दुकानें शाम 6 बजे तक खुलेंगी. रविवार के दिन पूरे जिले में टोटल लॉकडाउन का पालन कराया जाएगा. नई गाइडलाइन के मुताबिक शहर में सभी दुकानों के साथ औद्योगिक संस्थान और निर्माण इकाईयों को अपने कैंपस के भीतर मजदूरों को रखकर संचालन की अनुमति रहेगी.

बिलासपुर में लॉकडाउन खुलते ही बाजारों में दिखी रौनक, इन नियमों का करना होगा पालन

दुकानदारों और ठेले वालों से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की, तो उनका दर्द सामने आया. खाली बैठने और पेट पालने की परेशानी के बीच अनलॉक ने उन्हें उम्मीद दी है.

2 साल का सीजन बर्बाद- नींबू पानी और सोडा बेचने वाले तौसीफ ने बताया कि पिछले 1 साल से वह काफी परेशान है. गर्मी के मौसम में ही सोडा और नींबू पानी लोग ज्यादा पीते हैं. रोजाना लगभग 5 हजार रुपये की बिक्री हो जाती है, लेकिन पिछले साल और इस साल गर्मी के समय लॉकडाउन कर दिया गया. जिस वजह से 2 साल का सीजन हमारा बर्बाद हो चुका है. घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है. अब लोग भी उधार नहीं दे रहे हैं. पिछले साल जैसे-तैसे उधार मांग के हमने घर चला लिया था. इस बार के लॉकडाउन में लोगों ने उधार भी नहीं दिया. अभी 2 महीने बाद दुकान खुली है. दुकान में सामान ना के बराबर है. वहीं ग्राहक भी इक्का-दुक्का ही आ रहे हैं.

एक साल से छिन गया सहारा- सड़क किनारे जूता चप्पल बेचने वाले विजय का कहना है कि पिछले 1 साल से उनकी रोजी-रोटी छिन चुकी है. सिटी बस या बसों में सफर करने वाले ज्यादातर लोग जूते-चप्पल खरीदते थे. लेकिन पिछले 1 साल से ट्रांसपोर्ट बंद है. बसे नहीं चल रही हैं. जिससे हमें रोजी-रोटी चलाने में काफी समस्या हो रही है. पहले कम से कम हम दिन में 5 से 6 सौ रुपये कमा लेते थे. जिससे हमारा घर चल पाता था, लेकिन आज दिन में 100 रुपये कमाना भी मुश्किल हो गया है. बीते साल भी लोगों से उधारी मांग कर हमने घर चलाया था. इस बार भी वही हालात हैं. कोई व्यक्ति उधारी देने को भी तैयार नहीं है.

अनलॉक के साथ जगदलपुर में बाजार हुए गुलजार, छोटे व्यवसायियों ने ली राहत की सांस

लापरवाही भी बरत रहे लोग

छत्तीसगढ़ कोरोना की दूसरी लहर के बीच बहुत मुश्किल से गुजरा है. अनलॉक में अधिकांश लोग जागरूक भी दिख रहे हैं. बाहर निकलने वाले लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं. वहीं दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर अभी भी कई लोग लापरवाह बने हुए हैं. लेकिन दुकानदारों, ठेले लगाने वालों को फिर से पटरी पर जिंदगी लौटने की उम्मीद नजर आ रही है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण की दर में कमी को देखते हुए कई जिलों में अनलॉक कर दिया कर दिया है. इन जिलों में एक महीने से ज्यादा के बाद बाजार खुले हैं. कुछ जिलों में रौनक देखने को मिली, तो कहीं दुकानदार ग्राहक का इंतजार करते नजर आए. इस अनलॉक से सबसे ज्यादा राहत ऐसे लोग महसूस कर रहे हैं, जो छोटे व्यवसाय से जुड़े हैं और रोज कमाने खाने वाले हैं. मजदूर, ठेले, रेहड़ी, रिक्शा वाले इससे सबसे ज्यादा राहत महसूस कर रहे हैं. 40 दिन के लॉकडाउन में जहां उन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा, वहीं अब उनका मानना है अनलॉक होने से उन्हें इन हालातों से उबरने में मदद मिलेगी.

करीब 40 दिन बाद खुले बाजार

रायपुर कलेक्टर ने मंगलवार की शाम रायपुर में सभी दुकान खोलने के आदेश जारी कर दिए थे. आदेश के अनुसार सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक दुकानों को खोलने की अनुमति दी गई है. पिछले डेढ़ महीने से लॉकडाउन की वजह से दुकानदार, छोटे व्यवसायी और ठेले वाले काफी परेशान थे. घर चलाना तक मुश्किल हो गया था. लॉकडाउन खुलने से इन्हे थोड़ी राहत जरूर मिली है.

UNLOCK STARTED IN RAIPUR
ग्राहकों का इंतजार

छत्तीसगढ़ के इन जिलों में अनलॉक

राजधानी रायपुर, धमतरी, बेमतरा, बालोद, जशपुर, दुर्ग, बिलासपुर, महासमुंद और राजनांदगांव जिलों में अनलॉक की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. कलेक्टर ने आदेश जारी करते हुए टोटल लॉकडाउन के पालन के साथ शाम 6:00 बजे तक मार्केट खोलने की अनुमति दी है.

देखिए क्या रहेगा ओपन ?

नई गाइडलाइन के मुताबिक, शहर में सभी दुकानें, सैलून, ब्यूटी पार्लर, स्पा, पार्क और जिम, शॉपिंग मॉल ठेला-गुमटी, सुपर मार्केट, सुपर बाजार, फल और सब्जी मंडी, अनाज मंडी, शोरूम, क्लब और शराब की दुकानें शाम 6 बजे तक खुलेंगी. रविवार के दिन पूरे जिले में टोटल लॉकडाउन का पालन कराया जाएगा. नई गाइडलाइन के मुताबिक शहर में सभी दुकानों के साथ औद्योगिक संस्थान और निर्माण इकाईयों को अपने कैंपस के भीतर मजदूरों को रखकर संचालन की अनुमति रहेगी.

बिलासपुर में लॉकडाउन खुलते ही बाजारों में दिखी रौनक, इन नियमों का करना होगा पालन

दुकानदारों और ठेले वालों से ईटीवी भारत की टीम ने बातचीत की, तो उनका दर्द सामने आया. खाली बैठने और पेट पालने की परेशानी के बीच अनलॉक ने उन्हें उम्मीद दी है.

2 साल का सीजन बर्बाद- नींबू पानी और सोडा बेचने वाले तौसीफ ने बताया कि पिछले 1 साल से वह काफी परेशान है. गर्मी के मौसम में ही सोडा और नींबू पानी लोग ज्यादा पीते हैं. रोजाना लगभग 5 हजार रुपये की बिक्री हो जाती है, लेकिन पिछले साल और इस साल गर्मी के समय लॉकडाउन कर दिया गया. जिस वजह से 2 साल का सीजन हमारा बर्बाद हो चुका है. घर चलाना बहुत मुश्किल हो गया है. अब लोग भी उधार नहीं दे रहे हैं. पिछले साल जैसे-तैसे उधार मांग के हमने घर चला लिया था. इस बार के लॉकडाउन में लोगों ने उधार भी नहीं दिया. अभी 2 महीने बाद दुकान खुली है. दुकान में सामान ना के बराबर है. वहीं ग्राहक भी इक्का-दुक्का ही आ रहे हैं.

एक साल से छिन गया सहारा- सड़क किनारे जूता चप्पल बेचने वाले विजय का कहना है कि पिछले 1 साल से उनकी रोजी-रोटी छिन चुकी है. सिटी बस या बसों में सफर करने वाले ज्यादातर लोग जूते-चप्पल खरीदते थे. लेकिन पिछले 1 साल से ट्रांसपोर्ट बंद है. बसे नहीं चल रही हैं. जिससे हमें रोजी-रोटी चलाने में काफी समस्या हो रही है. पहले कम से कम हम दिन में 5 से 6 सौ रुपये कमा लेते थे. जिससे हमारा घर चल पाता था, लेकिन आज दिन में 100 रुपये कमाना भी मुश्किल हो गया है. बीते साल भी लोगों से उधारी मांग कर हमने घर चलाया था. इस बार भी वही हालात हैं. कोई व्यक्ति उधारी देने को भी तैयार नहीं है.

अनलॉक के साथ जगदलपुर में बाजार हुए गुलजार, छोटे व्यवसायियों ने ली राहत की सांस

लापरवाही भी बरत रहे लोग

छत्तीसगढ़ कोरोना की दूसरी लहर के बीच बहुत मुश्किल से गुजरा है. अनलॉक में अधिकांश लोग जागरूक भी दिख रहे हैं. बाहर निकलने वाले लोग मास्क का उपयोग कर रहे हैं. वहीं दुकानों में सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर अभी भी कई लोग लापरवाह बने हुए हैं. लेकिन दुकानदारों, ठेले लगाने वालों को फिर से पटरी पर जिंदगी लौटने की उम्मीद नजर आ रही है.

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