रायपुर: राजधानी रायपुर के गांधी उद्यान में फूलों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया. इसे उद्यानिकी विभाग, कृषि विश्वविद्यालय और जिंदल स्टाइल एंड पावर लिमिटेड द्वारा आयोजित किया गया था. फूलों की प्रदर्शनी में वैसे तो हर प्रजाति और रंगों के फूल लोगों को लुभा रहे थे, लेकिन यहां एक स्टॉल ऐसा भी था, जिसमें ऐसे प्लांट का कलेक्शन था, जिसे जीवित रखने के लिए न तो धूप की अधिक आवश्यकता है और न ही पानी की.
कम पानी वाले पौधों की लगी प्रदर्शनी: धरती में ऐसे प्लांट भी हैं, जिन्हें घरों के अंदर लगाया जाता है और इन्हें यदि आप दिन केवल दो या तीन चम्मच पानी भी देंगे, तो भी ये जीवित रहेंगे. इन पौधों को ज्यादा पानी देने से इन्हें नुकसान हो सकता है. इन पौधे के नाम है स्नैक, फ़ितूनिया, स्पाइडर, पाम, सकुलेन्स, एगलुनिमा इत्यादि. यह प्लांट लोगों के आकर्षण का केंद्र बना रहा
खाद की कीमत के चलते है कॉस्टली: इनमें से कुछ को आप कांच के जार में रख कर पानी का स्प्रे कर सकते हैं. तो कुछ पौधों को पानी के टब या किसी भी बड़े कटोरे में केवल 5 मिनट डुबाकर पूरा दिन बाहर निकाल कर रख सकते हैं. कीमतों की बात करें, तो ये आपको थोड़ा एक्सपेंसिव पड़ सकता है. क्योंकि इसमें इस्तेमाल होने वाले खाद की कीमत अधिक है. स्टाल में ये प्लांट 300 रुपये से शुरू होकर 5000 रुपये तक बिका.
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जापानी तरीके से तैयार इंडोर प्लांट की खासियतें: स्टॉल की संचालिका बिजल पिथालिया ने जानकारी देते हुए कहा कि "गार्डन में जो नार्मल प्लांट्स होते हैं, उन्हीं से हमने अलग-अलग प्लांट्स हैं. एक कोकोडामा प्लांट है. जो कि जापानी बागवानी तरीके से बनाया गया है. जिसकी जड़ों को कलरफुल धागों से बांधा गया है. दूसरा टैरेरियम गार्डन है जो कि इंडोर प्लांट है. जिसे हफ्ते में केवल 2 या 3 चम्मच पानी देना है और इसमें रूम टेम्परेचर ही महत्वपूर्ण है."
फूलों से सजा सेल्फी जोन रहा आकर्षण का केंद्र: प्रदर्शनी में गुलाब, गेंदा, ग्लेडोलाई, सेवंती, डेहलिया के अलावा जरबेरा, फ्लाक्स बर्बीना, कारनेशन, लिली आदि फूल भी मौजूद था. पांच से 50 वर्ष तक के बोनासाई का प्रदर्शन था. यहां आने वाले लोगों को बागवानी के तरीके भी सिखाए गए. यहां सेल्फी जोन भी बनाया गया था, जहां फोटो लेने के लिए लोगों की लम्बी लाइन थी और लोग अपनी बारी आने का इंतजार करते दिखे.
शहर के श्रेष्ठ 20 उद्यानों को किया गया पुरस्कृत: प्रदर्शनी में 10 हजार गमलों में 45 से अधिक फूलों की प्रजातियां सजी हुई थी. सबसे महत्वपूर्ण बात ये थी कि यहां शहर के श्रेष्ठ 70 उद्यानों का निरीक्षण भी किया गया और उसके आधार पर 20 उद्यानों को पुरस्कृत भी किया गया. इस तरह प्रदेश में बागवानी के विकास को बढ़ावा मिलेगा और जो लोग बागवानी के शौक रखते हैं उन्हें बढ़ावा मिलेगा.
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फलों और छत पर खेती की दी गई जानकारी: प्रदर्शनी में जशपुर में खेती कर तैयार किए गए चाय, रायगढ़ में काजू, बस्तर और रायगढ़ में ऑयल पॉम की खेती, दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर और महासमुंद में की जाने वाली ड्रैगन फ्रूट के फसलों को भी किसान द्वारा प्रदर्शित किया गया. साथ ही इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा गमलों और छत पर सब्जी उगाने की विधि की जानकारी भी दी गई.
औषधीय पौधों और बीजों की हुई बंपर खरीदी: इस प्रदर्शनी में कई स्टॉलों में औषधीय पौधों का प्रदर्शन एवं उनके औषधीय गुणों की जानकारी भी लोगों को दी जा रही थी. यहां औषधीय पौधे का मुफ्त में वितरित भी किया गया. लोगों ने भी स्टॉलों से कृषि उत्पाद, गृह वाटिका के लिए आवश्यक उपकरण, खाद, बीज और पौधे की जमकर खरीदारी की. लोगों को इस आयोजन और प्रदर्शनी से काफी फायदा पहुंचा.