रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शुक्रवार को दिल्ली में केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की है. बघेल के साथ छत्तीसगढ़ के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत और कृषि मंत्री रविंद्र चौबे भी मौजूद थे. पियूष गोयल के साथ मुलाकात एफसीआई में 60 लाख मीट्रिक टन चावल देने के संबंध में की गई थी. सीएम और केंद्रीय मंत्री की मुलाकात राज्य सरकार के लिए निराशाजनक रही है. इसके बाद सीएम भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने की बात कही है. उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना भी साधा है.
सीएम भूपेश बघेल ने पत्रकारों को दिए एक जवाब में कहा कि हम विरोधी दल में हैं, हम विपक्ष के लोग हैं इसलिए हमारे साथ केंद्र का ऐसा व्यवहार है. उन्होंने अपनी बात की सत्यता के लिए उदाहरण भी दिया है. उन्होंने कहा कि चावल जमा करने की अनुमति देने में कभी साल भर का समय नहीं लगता है. पहले अनुमति सितंबर-अक्टूबर में दिया जाता था. लेकिन हमे अनुमति जनवरी में मिली है. उन्होंने कहा छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार है इसलिए ऐसा व्यवहार हो रहा है. यह स्पष्ट दिखाई दे रहा है.
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निराशाजनक रही मुलाकात
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एयरपोर्ट पर कहा कि पहले सहमति बनी थी 60 लाख मीट्रिक टन चावल खरीदने की, लेकिन अभी तक 24 लाख मीट्रिक टन की अनुमति मिली है. स्टेट पूल में 20 लाख मीट्रिक टन चावल लगता है. 16 लाख मीट्रिक टन की अनुमति भी दे दिए जाने की मांग की गई लेकिन केंद्रीय खाद्य मंत्री ने अनुमति देने से इंकार कर दिया. सीएम ने कहा कि अब खाद्य मंत्री इंकार कर रहे हैं, तो प्रधानमंत्री कार्यालय में संपर्क किया जाएगा.
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बघेल ने कहा कि प्रधानमंत्री से बातचीत टेलिफोनिक हो या वे समय दें. हमारी कोशिश होगी कि प्रधानमंत्री से मिलकर अपनी बात रखें. क्योंकि उम्मीद पर आसमान टिका है. प्रधानमंत्री से बात कर लेते हैं यदि वहां समस्या हल हो जाती है तो कुछ कहने की जरूरत ही नहीं है.
मायूस दिखे सीएम बघेल और अन्य मंत्री
दिल्ली से लौटने के बाद सीएम भूपेश बघेल थोड़े मायूस नजर आए. उन्होंने कहा कि हम विपक्ष में हैं और यही कारण है कि केंद्र सरकार हमारे साथ इस तरह का बर्ताव कर रही है. वरना जो चावल जमा करने की अनुमति सितंबर-अक्टूबर में मिल जाती थी वह हमें जनवरी तक नहीं मिली थी.
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खाद्य सब्सिडी की राशि जल्द मिलने के आसार
मुख्यमंत्री भपेश बघेल ने बताया कि केंद्रीय खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात के दौरान उन्होंने खाद्य सब्सिडी की दावा राशि 5214.97 करोड़ रुपए देने की भी मांग की है. यह राशि राज्य सरकार को केंद्र की ओर से मिलनी है. गोयल ने बजट की राशि जारी होने पर 4832 करोड़ रूपए जारी करने का भरोसा दिलाया है.
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केंद्र के पास है राज्य की राशि
सीएम भूपेश बघेल ने हाल के दिनों में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिए एक पत्र में यह भी उल्लेख किया था कि, वित्तीय वर्ष 2020-21 में राज्य की जीएसटी क्षतिपूर्ति मद में केन्द्र सरकार से अभी भी 3700 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त होना शेष है. केन्द्र सरकार पूर्व में राज्य से 60 लाख टन चावल लेने की घोषणा के बाद राज्य के चावल के कोटे में 16 लाख टन की कटौती कर दी गई है, जिसके कारण भी राज्य को संग्रहित अतिरिक्त धान के निराकरण से बड़ी हानि की संभावना है.